Swami Prasad Maurya: पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने भेजा गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर को मानहानि का नोटिस

K 14
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userचेतना मंच
calendar13 Aug 2022 11:00 PM
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Lucknow / Noida : लखनऊ/नोएडा। नोएडा के भाजपा पालित श्रीकांत त्यागी के मामले ने अब नई करवट ले ली है। इस मामले में गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नल आलोक सिंह प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ बयान देकर बुरे फंस गए हैं। मौर्या ने सीपी आलोक सिंह पर 11 करोड़ 50 लाख, 50 हजार की मानहानि का दावा ठोंका है। इस बात की जानकारी खुद श्री मौर्या ने ट्वीट कर दी। नोएडा के सेक्टर-93बी स्थित ग्रैंड ओमेक्स सोसायटी(Grand Omaxe Society ) में एक महिला के साथ बदसलूकी के बाद भाजपा पालित श्रीकांत त्यागी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। कोर्ट ने भी उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। फिलहाल वह अभी जेल में ही है। इस बीच, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने कहा था कि पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने ही श्रीकांत त्यागी को ‘हीरो’ बनाया था। उसे वीवीआईपी नंबर और विधायक का पास भी मौर्या ने ही उपलब्ध कराया था।   इस खुलासे के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या आगबबूला हो गए। उन्होंने ट्वीट कर सीपी आलोक सिंह को चेतावनी दी थी कि वह सार्वजनिक रूप से मांफी मांगें, वर्ना उन्हें मैं कोर्ट में घसीटूंगा। इस खबर को शनिवार को ही चेेतना मंच ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। उसके चंद घंटे बाद ही स्वामी प्रसाद मौर्या ने अपने अधिवक्ता जेएस कश्यप के माध्यम से आलोक सिंह को 11 करोड़ 50 लाख, 50 हजार रुपये की मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा है। इसमें 10 करोड़ रुपये खुद के सम्मान को ठेस पहुंचाने और एक करोड़ रुपये मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए मांगे गए हैं। चेतना मंच के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता जेएस कश्यप ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह बहुत वरिष्ठ पुलिस अफसर हैं। उन्हांेने प्रेस कॉन्फ्रेंस मंे गैर जिम्मेदाराना तरीके से मेरे मुवक्किल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसलिए पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या की तरफ से उन्हें मानहानि का कानूनी नोटिस भेजकर 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है। यदि निर्धारित समय में वह कोई जवाब नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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Noida News : लघु उद्योग भारती ने बांटे 5000 झंडे

Laghu udyog bharti
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calendar01 Dec 2025 09:09 PM
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Noida : नोएडा। लघु उद्योग भारती की तरफ से 75वें अमृत महोत्सव एवं स्वतंत्रता दिवस को विभिन्न क्षेत्रों में बड़े हर्षोल्लास के साथ में मनाया जा रहा है। चाहे वह तिरंगा झंडा वितरण की व्यवस्था हो, चाहे घर-घर और औद्योगिक इकाइयों में झंडा लगाने की व्यवस्था को तन्मयता के साथ में देखा जा रहा है। लघु उद्योग भारती द्वारा 5000 झंडे का वितरण किया गया। लघु उद्योग भारती के महासचिव सत्यवीर सिंह ने बताया कि यह लक्ष्य हमारे उम्मीद से और अधिक हो पाएगा। विशेषाधिकारी अविनाश त्रिपाठी ने लघु उद्योग भारती को एक हजार झंडे उपलब्ध कराए। लघु उद्योग भारती द्वारा समस्त कर्मचारियों और औद्योगिक इकाइयों को घर-घर जाकर वितरण किया गया। उन्होंने कहा कि किसी भी दिशा में अगर किसी व्यक्ति को सड़क पर अगर तिरंगा झंडा दिखाई दे, तो उसे सम्मान के साथ सुरक्षित भी रखना है। अंत में सभी लोगों ने राष्ट्रगान गाया। इस दौरान भारत माता की जय, वंदेमातरम एवं विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा के उद्घोष के साथ समापन किया गया।
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UP News : यूपी में 79 लाख अपात्र सरकार को लगा रहे थे 8 हजार करोड़ चूना

Yogi ji
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calendar02 Dec 2025 04:39 AM
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Lucknow : लखनऊ। यूपी और केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे जनहिताकरी योजनाओं का लाभ अपात्र लोग उठाकर सरकार को 08 हजार करोड़ रुपये का चूना लगा रहे हैं। ऐसे फर्जी लाभार्थियों की संख्या हजार दो हजार नहीं, बल्कि 79 हजार बताई जा रही है। मामले का खुलासा होने पर सरकार अब फर्जी लाभार्थियों के नाम सूची से बाहर किया है। सरकार ने की 79 लाख फर्जी लाभार्थियों की पहचान की है, जो 11 विभागों द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए अपात्र थे। ये लोग गलत तरीके से सब्सिडी, प्रोत्साहन और पेंशन के वितरण का लाभ उठा रहे थे। दरअसल, किसी तरह की देरी से बचने के लिए राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से सरकारी योजनाओं का पैसा लाभार्थियों के खाते में भेजा जाता है। इसी का लाभ अपात्र लोग उठा रहे थे। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2.70 लाख व्यक्ति महिला कल्याण विभाग को गुमराह कर राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना का लाभ वापस ले रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, महिला कल्याण, सामाजिक कल्याण, चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, मत्स्य पालन, विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण, श्रम, व्यावसायिक और कौशल विकास, बुनियादी शिक्षा, हथकरघा, कपड़ा उद्योग और शहरी विकास सहित 11 विभाग इसके लिए जिम्मेदार हैं। केंद्र सरकार द्वारा लाभार्थियों को प्रदान किए जाने वाले लाभों को स्थानांतरित करना। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन विभागों के अलावा 19 और विभाग इस प्रक्रिया में शामिल हैं, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले लाभों को सुविधाजनक बनाने में 11 विभाग सबसे आगे हैं। उनके डेटा की प्राथमिकता के आधार पर जांच की गई। इन वर्षों में कुल लाभ 2019-20 में 29,884 करोड़ रुपये से बढ़कर 2020-21 में 39,215 करोड़ रुपये और 2021-22 में 41,050 करोड़ रुपये हो गया है। यह राशि लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के तहत दी गई है। एक अधिकारी ने बताया कि हमने नकली लाभार्थियों को बाहर निकालने के लिए एक अभियान शुरू किया है। लाभार्थियों के दस्तावेजों की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में यूपी के सभी जिलों में शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। ज्यादातर मामलों में परिवारों ने अपनी वार्षिक आय को कम बताया, जबकि कुछ मामलों में वास्तविक लाभार्थी का निधन हो गया था। लेकिन, उनके बच्चे लाभ उठा रहे थे। ऐसी गलतियों को चिह्नित कर उन्हें सूची से हटाकर एक नई सूची अपडेट की गई है। इस प्रक्रिया से 8,062 करोड़ रुपये की बचत हुई है। 79 लाख 08 हजार 682 फर्जी लाभार्थियों को डीबीटी सूची से हटा दिया गया है। यूपी में विभिन्न डीबीटी योजनाओं के तहत लगभग 8.35 करोड़ व्यक्तियों का पंजीकरण किया गया था। खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा अधिकतम विसंगतियों का पता लगाया गया, जिसके बाद 55.51 लाख राशन कार्ड रद्द किए गए।