8 जेसीबी, तीसरा दिन और ढहता राज, छांगुर बाबा की कोठी का अंत शुरू

UP News : उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार किए गए कथित मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की कोठी पर प्रशासन का बुलडोजर अभियान तीसरे दिन भी जारी रहा। उतरौला के मधपुर गांव स्थित इस भव्य कोठी को गिराने के लिए गुरुवार सुबह करीब 10 बजे भारी पुलिस बल की मौजूदगी में आठ जेसीबी मशीनों को लगाया गया।
तीन दिनों से चल रही कार्रवाई के बाद कोठी का अधिकांश हिस्सा जमींदोज किया जा चुका है। अधिकारियों के अनुसार, निर्माण में भारी मात्रा में सरिया और महंगे सामग्री के उपयोग के चलते ध्वस्तीकरण में अपेक्षा से अधिक समय लग रहा है। अब तक लगभग 75 प्रतिशत ढांचा गिराया जा चुका है।
70 कमरों की आलीशान कोठी
करीब तीन बीघे में फैली इस कोठी की अनुमानित लागत तीन करोड़ रुपये आंकी गई है। इसमें 70 से अधिक कमरे और हॉल बने हैं, जिनमें से प्रशासन ने 40 कमरों वाले हिस्से को पूरी तरह अवैध घोषित किया है। सूत्रों के मुताबिक, यही कोठी कथित तौर पर छांगुर बाबा के धर्मांतरण रैकेट का संचालन केंद्र रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह संपत्ति छांगुर की महिला सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर दर्ज है। बताया गया है कि छांगुर ने पहले उसका धर्मांतरण करवाया था और नाम बदलकर नसरीन रखा था। गत 5 जुलाई को ATS ने दोनों को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। दोनों फिलहाल सात दिन की रिमांड पर हैं।
इस कोठी की सुरक्षा में भी असाधारण इंतज़ाम किए गए थे। मुख्य सड़क से कोठी तक पहुंचने के लिए 500 मीटर लंबी निजी सड़क बनाई गई थी। सम्पत्ति की चारदीवारी पर तारबंदी के साथ-साथ रात के समय उसमें करंट भी छोड़ा जाता था। इसके अलावा, कोठी में कुल 10 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे जो हर गतिविधि पर निगरानी रखते थे।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस प्रकरण में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। एजेंसी ने मंगलवार शाम धर्मांतरण मामले में ECIR (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज कर दी, जो एक प्रकार से मनी लॉन्ड्रिंग की प्राथमिकी होती है। ईडी अब इस पूरे नेटवर्क की आर्थिक जड़ों, विदेशी फंडिंग और मनी ट्रेल की गहन जांच करेगी। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई बड़े चेहरों से पूछताछ की जा सकती है।
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UP News : उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार किए गए कथित मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की कोठी पर प्रशासन का बुलडोजर अभियान तीसरे दिन भी जारी रहा। उतरौला के मधपुर गांव स्थित इस भव्य कोठी को गिराने के लिए गुरुवार सुबह करीब 10 बजे भारी पुलिस बल की मौजूदगी में आठ जेसीबी मशीनों को लगाया गया।
तीन दिनों से चल रही कार्रवाई के बाद कोठी का अधिकांश हिस्सा जमींदोज किया जा चुका है। अधिकारियों के अनुसार, निर्माण में भारी मात्रा में सरिया और महंगे सामग्री के उपयोग के चलते ध्वस्तीकरण में अपेक्षा से अधिक समय लग रहा है। अब तक लगभग 75 प्रतिशत ढांचा गिराया जा चुका है।
70 कमरों की आलीशान कोठी
करीब तीन बीघे में फैली इस कोठी की अनुमानित लागत तीन करोड़ रुपये आंकी गई है। इसमें 70 से अधिक कमरे और हॉल बने हैं, जिनमें से प्रशासन ने 40 कमरों वाले हिस्से को पूरी तरह अवैध घोषित किया है। सूत्रों के मुताबिक, यही कोठी कथित तौर पर छांगुर बाबा के धर्मांतरण रैकेट का संचालन केंद्र रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह संपत्ति छांगुर की महिला सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर दर्ज है। बताया गया है कि छांगुर ने पहले उसका धर्मांतरण करवाया था और नाम बदलकर नसरीन रखा था। गत 5 जुलाई को ATS ने दोनों को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। दोनों फिलहाल सात दिन की रिमांड पर हैं।
इस कोठी की सुरक्षा में भी असाधारण इंतज़ाम किए गए थे। मुख्य सड़क से कोठी तक पहुंचने के लिए 500 मीटर लंबी निजी सड़क बनाई गई थी। सम्पत्ति की चारदीवारी पर तारबंदी के साथ-साथ रात के समय उसमें करंट भी छोड़ा जाता था। इसके अलावा, कोठी में कुल 10 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे जो हर गतिविधि पर निगरानी रखते थे।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस प्रकरण में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। एजेंसी ने मंगलवार शाम धर्मांतरण मामले में ECIR (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज कर दी, जो एक प्रकार से मनी लॉन्ड्रिंग की प्राथमिकी होती है। ईडी अब इस पूरे नेटवर्क की आर्थिक जड़ों, विदेशी फंडिंग और मनी ट्रेल की गहन जांच करेगी। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई बड़े चेहरों से पूछताछ की जा सकती है।
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