Hijab : दुनिया के विभिन्न मुस्लिम देशों में हिजाब पहनने को लेकर अलग-अलग नियम और कानून हैं। कुछ देशों में इसे अनिवार्य किया गया है, जबकि कुछ देशों में हिजाब पहनने पर पाबंदी है। हाल ही में, ईरान ने इस मुद्दे पर नया कानून लागू किया है, जिससे लाखों महिलाओं के लिए कठिनाई पैदा हो सकती है।
ईरान में हिजाब कानून
ईरान में 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया गया था। 2022 में, हिजाब को लेकर देश में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद सरकार ने 13 दिसंबर से नया कानून लागू किया। इस कानून के अनुसार, अगर महिलाएं सार्वजनिक रूप से हिजाब नहीं पहनतीं, तो उन्हें 15 साल तक की सजा या सजा-ए-मौत दी जा सकती है। अनुच्छेद 60 के तहत सार्वजनिक नैतिकता के उल्लंघन पर यह कड़ा प्रावधान रखा गया है।
दुनिया के अन्य देशों में हिजाब से जुड़े सख्त नियम
ईरान के अलावा, कई अन्य मुस्लिम देशों में भी हिजाब पहनने को लेकर कड़े कानून बनाए गए हैं, हालांकि सजा-ए-मौत का प्रावधान सिर्फ ईरान में है।
अफगानिस्तान: यहां, हिजाब या बुर्का न पहनने वाली महिलाओं को सार्वजनिक रूप से कड़ी सजा दी जाती है। महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब या बुर्का पहनने के लिए मजबूर किया जाता है, और यदि वे ऐसा नहीं करतीं, तो उन्हें सबके सामने बुरी सजा दी जाती है, जैसे कि कौड़े मारना।
सऊदी अरब: सऊदी अरब में भी महिलाओं को हिजाब पहनने के लिए नियम बनाए गए हैं, हालांकि यहां थोड़ी ढील दी गई है। महिलाओं को अनिवार्य रूप से हिजाब पहनने की जरूरत होती है, लेकिन कुछ सार्वजनिक स्थानों पर इसे ढ़ीला किया गया है।
इंडोनेशिया: इंडोनेशिया में भी हिजाब न पहनने को लेकर जुर्माना लगाया जाता है। यह नियम मुख्य रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में लागू होता है, जहां महिलाओं को हिजाब पहनने की सख्ती होती है।
हिजाब पर पाबंदी वाले देशों की स्थिति
कुछ देशों में हिजाब पहनने पर पाबंदी भी है। उदाहरण के लिए, फ्रांस, इटली और जर्मनी जैसे देशों में सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यहां पर महिलाएं हिजाब पहनने के बजाय अधिक खुला पहनावा चुन सकती हैं, क्योंकि इन देशों में इसे एक धार्मिक प्रतीक के रूप में नहीं देखा जाता। दुनिया भर में हिजाब पहनने को लेकर कानून और नियम अलग-अलग हैं। जहां कुछ देशों में महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्य है, वहीं अन्य देशों में इसे लेकर पाबंदी लगाई गई है। इन नियमों के कारण महिलाओं के जीवन में कई तरह की मुश्किलें आ सकती हैं, जो उनके व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकारों को प्रभावित करती हैं।
भारतीय छात्रों का सपना है यूके में पढ़ाई, जानें टॉप स्कॉलरशिप
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।