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ग्रेनो को मिलेगी भारतीय रेल की बड़ी सौगात, मिली मंजूरी

Greater Noida News

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Greater Noida News : नोएडा में जेवर में एयरपोर्ट बनने के बाद से इसके भाग्य ही खुल गए हैं। आए दिन कोई ना कोई नवीन घोषणा यहां के लिए की जा रही है जिससे आने वाले समय में यह अत्याधुनिक विकसित क्षेत्रों में गिना जाएगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान के साथ ही ग्रेनो को भारतीय रेल की भी बड़ी सौगात मिलेगी। दिल्ली के बोझ को कम करने के लिए बोड़ाकी में प्रस्तावित मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब की मंजूरी के साथ ही यहां के रेलवे स्टेशन को नई पहचान मिलेगी। अत्याधुनिक सेवाओं के साथ ही ग्रेटर नोएडा का नाम भारतीय रेल की कड़ी से जुड़ जाएगा। ग्रेनो औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब का नाम ग्रेटर नोएडा टर्मिनल करने का प्रस्ताव भारतीय रेल को भेज दिया है। मंत्रालय की हरी झंडी के वाद बोड़ाकी रेलवे स्टेशन का नाम ग्रेटर नोएडा टर्मिनल हो जाएगा।

एनसीआर के पहले मल्टी मॉडल हब के रूप में प्रस्तावित

एनसीआर के पहले मल्टी मॉडल हब के रूप में प्रस्तावित ग्रेनो के बोड़ाकी दो जोन में बांटकर परिवहन सुविधाएं विकसित होनी है। बोड़ाकी रेलवे स्टेशन पर रेल लाइन विस्तार और प्लेटफार्म के एलाइनमेंट के लिए रेलवे ने सर्वे शुरू कर दिया है। इसके लिए जरूरी जमीन का अधिग्रहण रेलवे को करना है। रेलवे लाइन और प्लेटफार्म को विकसित करने के लिए जमीन अधिग्रहण से लेकर निर्माण की जिम्मेदारी रेलवे पूरी करेगा। ग्रेटर नोएडा टर्मिनल की डिजाइन के लिए रेलवे सहमति लेगा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ही तैयार करेगा। प्रेरणा सिंह, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब का नाम ग्रेटर नोएडा टर्मिनल करने का प्रस्ताव भारतीय रेल को भेजा गया है। मंत्रालय की हरी झंडी के बाद ट्रांसपोर्ट हब के धरातल पर उतरने से पहले बोड़ाकी रेलवे स्टेशन का नाम ग्रेनो टर्मिनल हो जाएगा।

रिपोर्ट मिलने के बाद होगी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया

बोड़ाकी रेलवे स्टेशन को ग्रेटर नोएडा टर्मिनल में तब्दील करने के लिए रेलवे आवश्यक जमीन की जानकारी साझा करेगा। इसके लिए रेलवे 70 से ज्यादा ट्रेनों के संचालन का प्रस्ताव भी ग्रेटर नोएडा टर्मिनल से करने की योजना में है। ऐसे में रेलवे के सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस परियोजना को मूर्त रूप देगा। इसमें ट्रांसपोर्ट हब के साथ-साथ कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल डेवलपमेंट शामिल हैं। रेलवे की ओर से रिपोर्ट मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

प्लेटफार्म के ऊपर होगा होटल और व्यावसायिक गतिविधियां

117 हेक्टेयर में प्रस्तावित मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब को दो जोन में विकसित करने की योजना है। इसमें जोन-1 का क्षेत्रफल 70 हेक्टेयर है। इसमें अंतरराज्यीय बस टर्मिनस (आईएसबीटी), स्थानीय बस टर्मिनस (एलबीटी), मेट्रो स्टेशन और वाणिज्यिक क्षेत्र होंगे। जोन-2, 47 हेक्टेयर में फैला है, जिसे रेलवे स्टेशन और अतिरिक्त कॉमर्शियल विकास के लिए निर्धारित किया गया है। ब्लूप्रिंट में कोच रखरखाव यार्ड भी शामिल है।

ग्रेटर नोएडा टर्मिनल के पास विकसित होगा ग्रुप हाउसिंग

उत्तर भारत के सबसे बड़े मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब को परिवहन सेवाओं के साथ ही अत्याधुनिक सुविधाओं से भी लैस किया जाएगा। इस पूरे क्षेत्र को होटल, मॉल और ग्रुप हाउसिंग से जोड़कर एक बड़े व्यावसायिक केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है। प्राधिकरण की ओर से इसका का योजनान रेलवे को भेजा गया है। मंजूरी के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप अप्रैजल कमेटी के पास भी पहुंच गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि ड्राफ्ट प्लान मंजूर होने के बाद मई 2025 तक मास्टर प्लान भी तैयार कर लिया जाएगा। Greater Noida News

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