सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को, भारत में नहीं लगेगा सूतक

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locationभारत
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calendar26 Nov 2021 06:30 AM
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- मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़

साल 2021 का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) 4 दिसंबर 2021 (शनिवार) को लगेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, 4 दिसंबर को मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। सूर्य ग्रहण पंचांग के मान्यता के अनुसार शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। सूर्य और शनि के मध्य पिता और पुत्र का संबंध है। माना जाता है कि जब ग्रहण की स्थिति बनती है तो सूर्य की शक्ति कमजोर पड़ जाती हैं।

सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) 4 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो जाएगा, जो लगभग चार घंटे बाद दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पूरा होगा। यह वलयाकार सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 1.42 बजे शुरू होगा और शाम 6.41 बजे खत्म हो जाएगा। करीब चार घंटे ग्रहण रहेगा। यदि आपके कोई संबधी, दक्षिण अफ्रीका , ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में या ऐसे देश में रह रहे हैं, जहां सूर्य ग्रहण दिखने की संभावना है, आप वहां के समयानुसार उन्हें इसकी जानकारी दे सकते हैं और हिन्दू परंपराओं के अनुसार सूतक, ग्रहण के दौरान रखने वाली सावधानियों के बारे सचेत कर सकते हैं।

क्या होता है सूर्य ग्रहण ? जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और सूर्य व पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा के पीछे सूर्य कुछ समय के लिए ढंक जाता है। यह घटना सूर्य ग्रहण कहलाती है।

धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

भारत में ग्रहण का धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी है। ज्योतिष अनुसार ग्रहण लगना अच्छा नहीं माना गया है क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव लोगों के जीवन पर पड़ता है। इसलिए ग्रहण काल में कई तरह की सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार ग्रहण की समाप्ति के बाद दान-पुण्य करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता।

सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई पड़ेगा, इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा। इसे शाम को लगभग 5:52 बजे अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से देखा जा सकेगा, जबकि लद्दाख के उत्तरी हिस्से में ये शाम लगभग 6 बजे दिखाई देगा। ज्योतिष के अनुसार, पूर्ण ग्रहण पर ही सूतक काल मान्य होता है। आंशिक या उपछाया पर ये नियम लागू नहीं होते हैं।

इन राशियों पर पड़ेगा असर

ग्रहण के समय सूर्य वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में मौजूद होगा। जिस कारण इन राशि और नक्षत्र के लोगों पर ही इस ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। आपको ग्रहण के बाद के कुछ दिन हर काम में सावधानी बरतनी होगी। ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा, जिसकी वजह से इसका सूतक काल और इससे जुड़े नियम मान्या नहीं होंगे, लेकिन ज्योतिष के अनुसार इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा।

मेष -ये ग्रहण शुभ नहीं है। ग्रहण के बाद स्वास्थ्य में गिरावट रह सकती है। दुर्घटना आदि होने की संभावना है, इसलिए सचेत रहने की आवश्यकता है।

वृषभ - ये ग्रहण शुभ रहेगा। राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यापार में नए अनुबंध होंगे।

मिथुन - किसी पुराने विवाद से छुटकारा मिलेगा। मनोकामना पूर्ण होने के संकेत है।

कर्क - मित्रों से अकारण वाद-विवाद हो सकता है, संतान की ओर से तनाव बना रहेगा।

सिंह - ये ग्रहण शुभ व धन लाभ के संकेत दे रहा है। भूमि व भवन से जुड़ी समस्या का समाधान होगा।

कन्या - सूर्य ग्रहण का प्रभाव इस राशि के लिए शुभदायी है। साहस व पराक्रम में वृद्धि होगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा।

तुला - अशुभ प्रभाव रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें और वाद-विवाद से बचें, स्वास्थ्य में गिरावट रह सकती है।

वृश्चिक - सूर्य ग्रहण इसी राशि में रहेगा, जिसकी वजह से मन अशांत रह सकता है। कुछ तनाव इस ग्रहण के बाद संभव है, जिससे कार्य क्षेत्र में असुविधा हो सकती है।

धनु - ये ग्रहण व्ययकारक रहेगा, यानि इस ग्रहण के बाद खर्चे बढ़ सकते हैं। व्यर्थ की भागदौड़ बनी रहेगी, विदेश यात्रा के भी योग हैं।

मकर - ग्रहण का प्रभाव शुभ रहेगा। व्यापार में उन्नति होगी, वहीं नौकरी पेशा लोगों के लिए पदोन्नति के संकेत हैं।

कुंभ - समाज में मान प्रतिष्ठा के साथ धनलाभ होगा। भूमि भवन से जुड़ी समस्या का समाधान होगा।

मीन - प्रभाव अशुभ रहेगा। आध्यात्मिक कार्यों में अरुचि रहेगी। नौकरी में स्थानांतरण के योग बनेंगे। पिता से अकारण वाद-विवाद हो सकता है, इसलिए सतर्क रहें।

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सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को, भारत में नहीं लगेगा सूतक

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- मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़

साल 2021 का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) 4 दिसंबर 2021 (शनिवार) को लगेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, 4 दिसंबर को मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। सूर्य ग्रहण पंचांग के मान्यता के अनुसार शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। सूर्य और शनि के मध्य पिता और पुत्र का संबंध है। माना जाता है कि जब ग्रहण की स्थिति बनती है तो सूर्य की शक्ति कमजोर पड़ जाती हैं।

सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) 4 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो जाएगा, जो लगभग चार घंटे बाद दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पूरा होगा। यह वलयाकार सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 1.42 बजे शुरू होगा और शाम 6.41 बजे खत्म हो जाएगा। करीब चार घंटे ग्रहण रहेगा। यदि आपके कोई संबधी, दक्षिण अफ्रीका , ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में या ऐसे देश में रह रहे हैं, जहां सूर्य ग्रहण दिखने की संभावना है, आप वहां के समयानुसार उन्हें इसकी जानकारी दे सकते हैं और हिन्दू परंपराओं के अनुसार सूतक, ग्रहण के दौरान रखने वाली सावधानियों के बारे सचेत कर सकते हैं।

क्या होता है सूर्य ग्रहण ? जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और सूर्य व पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा के पीछे सूर्य कुछ समय के लिए ढंक जाता है। यह घटना सूर्य ग्रहण कहलाती है।

धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

भारत में ग्रहण का धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी है। ज्योतिष अनुसार ग्रहण लगना अच्छा नहीं माना गया है क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव लोगों के जीवन पर पड़ता है। इसलिए ग्रहण काल में कई तरह की सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार ग्रहण की समाप्ति के बाद दान-पुण्य करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता।

सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई पड़ेगा, इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा। इसे शाम को लगभग 5:52 बजे अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से देखा जा सकेगा, जबकि लद्दाख के उत्तरी हिस्से में ये शाम लगभग 6 बजे दिखाई देगा। ज्योतिष के अनुसार, पूर्ण ग्रहण पर ही सूतक काल मान्य होता है। आंशिक या उपछाया पर ये नियम लागू नहीं होते हैं।

इन राशियों पर पड़ेगा असर

ग्रहण के समय सूर्य वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में मौजूद होगा। जिस कारण इन राशि और नक्षत्र के लोगों पर ही इस ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। आपको ग्रहण के बाद के कुछ दिन हर काम में सावधानी बरतनी होगी। ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा, जिसकी वजह से इसका सूतक काल और इससे जुड़े नियम मान्या नहीं होंगे, लेकिन ज्योतिष के अनुसार इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा।

मेष -ये ग्रहण शुभ नहीं है। ग्रहण के बाद स्वास्थ्य में गिरावट रह सकती है। दुर्घटना आदि होने की संभावना है, इसलिए सचेत रहने की आवश्यकता है।

वृषभ - ये ग्रहण शुभ रहेगा। राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यापार में नए अनुबंध होंगे।

मिथुन - किसी पुराने विवाद से छुटकारा मिलेगा। मनोकामना पूर्ण होने के संकेत है।

कर्क - मित्रों से अकारण वाद-विवाद हो सकता है, संतान की ओर से तनाव बना रहेगा।

सिंह - ये ग्रहण शुभ व धन लाभ के संकेत दे रहा है। भूमि व भवन से जुड़ी समस्या का समाधान होगा।

कन्या - सूर्य ग्रहण का प्रभाव इस राशि के लिए शुभदायी है। साहस व पराक्रम में वृद्धि होगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा।

तुला - अशुभ प्रभाव रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें और वाद-विवाद से बचें, स्वास्थ्य में गिरावट रह सकती है।

वृश्चिक - सूर्य ग्रहण इसी राशि में रहेगा, जिसकी वजह से मन अशांत रह सकता है। कुछ तनाव इस ग्रहण के बाद संभव है, जिससे कार्य क्षेत्र में असुविधा हो सकती है।

धनु - ये ग्रहण व्ययकारक रहेगा, यानि इस ग्रहण के बाद खर्चे बढ़ सकते हैं। व्यर्थ की भागदौड़ बनी रहेगी, विदेश यात्रा के भी योग हैं।

मकर - ग्रहण का प्रभाव शुभ रहेगा। व्यापार में उन्नति होगी, वहीं नौकरी पेशा लोगों के लिए पदोन्नति के संकेत हैं।

कुंभ - समाज में मान प्रतिष्ठा के साथ धनलाभ होगा। भूमि भवन से जुड़ी समस्या का समाधान होगा।

मीन - प्रभाव अशुभ रहेगा। आध्यात्मिक कार्यों में अरुचि रहेगी। नौकरी में स्थानांतरण के योग बनेंगे। पिता से अकारण वाद-विवाद हो सकता है, इसलिए सतर्क रहें।

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काला धागा दिलाएगा धन, सुख और समृद्धि, लेकिन बरतें सावधानियां

Kala Dhaga Bandhne Ke Fayde in Hindi 1
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 09:52 PM
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छोटे बच्चों के हाथ या पैर में काला धागा (Kala Dhaga) बांधने की परंपरा शुरू से चली आ रही है। नजर से बचाने के लिए ये उपाय किए जाते हैं। माना जाता है कि काला धागा (Kala Dhaga), जिसे कई लोग नजर बट्टू के नाम से भी जानते हैं, बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से बचाता है। लाल किताब में काले धागे के (Kala Dhaga) और भी कई फायदे बताए गए हैं। साथ ही इसे केवल बच्चे ही नहीं बड़े और बूढ़ों को भी बांधने की सलाह दी गई है।

माना जाता है की काला धागा धारण करने से वातावरण में व्याप्त नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने करने की शक्ति मिलती है। शरीर में काला धागा बांधने के कई अन्य फायदे भी लाल किताब में बताए गए हैं, जो आइए जानें क्या हैं ये फायदे।

शनिदोष से मिलेगी मुक्ति काले धागा बांधने से शनि के प्रकोप से भी बचा जा सकता है। शरीर में हाथ, पैर या गले में काला धागा पहनने शनि की बुरी नजर का प्रभाव कम होता है। शनि ग्रह से काला रंग संबंधित होता है। खास कर जिसपर शनि का प्रकोप है उसे काला धागा जरूर पहनना चाहिए। वहीं काली शक्तियों से भी इंसान बचा रहता है।

धन लाभ के लिए यदि आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तो लाल किताब के अनुसार मंगलवार के दिन काला धागा शरीर में धारण कर लें। कोशिश करें कि ये धागा शरीर के दहिने हाथ या पैर में पहने। इस धागे को वैसे पैर में बांधना ज्यादा बेहतर माना गया है। जब धागे का रंग हल्का हो जाए तो आप उसे मंगलवार को ही बदले और नया धागा धारण कर लें।

सेहत की बेहतरी के लिए सेहत यदि खराब रहती है तो आपको काला धागा जरूर पहनना चाहिए। जिन लोगों को पेट की समस्या हो उन्हें अपने दोनों पैर के अंगूठे में काला धागा पहनना चाहिए। साथ ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अथवा दुर्घटना से बचने के लिए भी पैर में काला धागा पहनना चाहिए।

बुरी नजर से बचाने के लिए कुछ लोगों कि आंतरिक शक्तियां काफी कमजोर होती हैं और इस कारण उन्हें नजर या लोगों की टोक ज्यादा लगती है। इसलिए ऐसे लोगों को अपने शरीर में काला धागा जरूर पहनना चाहिए। साथ ही घर को नजर से बचाने के लिए घर के मुख्य दरवाजे पर भी काले धागे में नींबू-मिर्ची बांधकर लटकाना चाहिए।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी