Hyderabad News : हैदराबाद में मिले नवपाषाण युग के पत्थर के औजार

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Neolithic stone tools found in Hyderabad
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 May 2023 04:03 PM
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हैदराबाद। हैदराबाद में पुरातत्वविदों को नवपाषाण युग के पत्थर के दुर्लभ औजार मिले हैं। इससे संकेत मिलते हैं कि इस शहर का इतिहास करीब 6,000 साल पुराना है। नवपाषाण युग का संबंध उस अवधि से है, जब मनुष्य पत्थर के बने औजारों तथा हथियारों का इस्तेमाल करते थे। उस समय ही खेती की शुरुआत की थी।

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शहर में पहली बार मिले हैं नवपाषाण युग के औजार सेवानिवृत्त सरकारी पुरातत्व अधिकारी ई. शिवनागी रेड्डी ने बताया कि शहर में पहली बार नवपाषाण युग के औजार मिले हैं। प्रख्यात पुरातत्वविद और ‘प्लीच इंडिया फाउंडेशन’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेड्डी ने बताया कि उन्होंने और तेलंगाना के इतिहास पर काम कर रहे एक संगठन के एस. हरगोपाल हाल में शहर में बीएनआर हिल्स में प्राकृतिक रूप से निर्मित चट्टानों को देखने गए, जिसे स्थानीय रूप से ‘टॉर्टोइज रॉक’ के नाम से जाना जाता है। वे यह पता लगाना चाहते थे कि क्या वहां कोई प्रागैतिहासिक शैल चित्र थे। नीले ग्रेनाइट पत्थर के बने है ये औजार रेड्डी ने बताया कि उन्होंने दो चट्टानों के बीच अंतर देखा और वहां नवपाषाण युग के पत्थरों के औजार देखे। उन्होंने कहा कि हमने नवपाषाण युग के दो पत्थर के औजार देखे, जिन्हें नवीन पाषाण युग के औजार के रूप में जाना जाता है। एक की लंबाई 12 सेंटीमीटर और दूसरे की नौ सेंटीमीटर थी। चौड़ाई 2.5 सेंटीमीटर थी। ये दो पत्थर पुरातत्व की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये 4,000 से 2,000 ईसा पूर्व के हैं। उन्होंने बताया कि ये पत्थर नीचे से अच्छी तरह पॉलिश किए होते हैं और प्रत्येक औजार का एक छोर मोटा होता है, ताकि उसमें लकड़ी का डंडा लगाया जा सके, जिसका इस्तेमाल कुल्हाड़ी, भोजन संग्रह या आत्मरक्षा के हथ्यियार के रूप में किया जा सके। ये औजार नीले ग्रेनाइट पत्थर के बने हैं।

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4000 ईसा पूर्व ये चट्टानें नवपाषाण युग के लोगों का अस्थायी निवास थीं रेड्डी ने बताया कि यह महत्वपूर्ण खोज दिखाती है कि 4,000 ईसा पूर्व के आसपास ये चट्टानें नवपाषाण युग के लोगों का अस्थायी निवास स्थान थी, जो कृषि, पशुपालन और शिकार पर निर्भर रहते थे। उन्होंने कहा कि यह निष्कर्ष निकलता है कि पॉश जुबली हिल्स इलाके से सटे बीएनआर हिल्स में लोग करीब 6,000 साल पहले से रहते आ रहे हैं। वे लोग नवपाषाण युग के थे। हैदराबाद का इतिहास 6,000 साल पुराना है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Sex Education : सेक्स एजुकेशन से बनाएं पूरे जीवन को खुशहाल, अपनाएं ये टिप्स

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Sex Education: Why sex education is necessary at every age, read Kamasutra
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Apr 2023 08:18 PM
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Sex Education :  यानि यौन शिक्षाा जीवन की सबसे जरूरी शिक्षा है। सारी दुनिया जानती है कि Sex  ही वह साधन है जिसके द्वारा सृष्टिï का हर प्राणी यहां तक कि पेड़-पौधे तक पैदा होते हैं। फूल खिलते हैं वह भी एक सैक्सुअल एक्ट(Sexsual Act )  ही तो है। यानि पूरी सृष्टिï का आधार सेक्स (Sex) ही है। फिर भी हम सेक्स एजुकेशन (Sex Education) को कभी प्राथमिकता ही नहीं देते हैं । यदि आप अपने जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं  तो कुछ छोटे-छोटे सेक्स टिप्स (Sex Tips)  भी आपके बहुत काम आ सकते है।

Sex Education :

विशेषज्ञों के सेक्स टिप्स (Sex Tips) सेक्स (Sex) और इससे जुडे हुए विषयों की प्रसिद्घ हस्ती सुश्री सीमा आन्नद बताती हैं कि सेक्स में सम्पूर्ण आनंद प्राप्त करने के लिए फोर प्ले यानि सेक्स शुरू करने से पहले की क्रियाएं बहुत आवश्यक  है। कामक्रीड़ा पर ही हो पूरा ध्यान! बिस्तर पर महिला पार्टनर की यौन इच्छा को तृप्त करने के लिए सबसे जरूरी चीज है। फोरप्ले महिलाएं कई तरीके से पुरुषों के प्यार को महसूस करती हैं, जिनमें सबसे ज्यादा इनका ध्यान खींचता है आपके मुंह से की गईं 'शरारतें' आंखों में आंखें डालकर प्यार जताना, होठों को संवेदनशील अंगों पर फिराना, किसी और तरीके से देह को छूना महिलाओं को भाता है। जीभ के अगले भाग से नाजुक अंगों का स्पर्श भी महिलाओं का मन मचलने के लिए काफी होता है। कामक्रीड़ा का असली मजा सिर्फ चरम तक पहुंचने पर ही नहीं है, बल्कि इसके हर पल का भरपूर आनंद लेना चाहिए। फोरप्ले इसका अहम पार्ट है, जिसका अपना मजा है। फोरप्ले के दौरान होने वाली उत्तेजना एकदम अलग तरह की होती है। पुरुषों को सेक्स के मामले में थोड़ा क्रिएटिव' होना चाहिए। कुछ नया और एकदम अलग अंदाज में किया जाना महिलाओं को खूब भाता है। 'आनंद' व 'संतुष्टि' में फर्क है! जाने माने संस्थान किंसले इंस्टिट्यूट के एक शोध में यह पाया गया कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी यह माना कि उन्हें कंडोम के बिना यौन संबंध ज्यादा अच्छा लगता है। पर महिलाओं ने यह भी माना कि दरअसल संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल किए जाने पर उन्हें ज्यादा सुकून मिलता है। यह सुकून 'प्रोटेक्शन' को लेकर होता है। सर्वे में शामिल महिलाओं ने कहा कि कंडोम यौन रोगों से बचाव का एक कारगर तरीका है। इसके इस्तेमाल से महिलाएं खुलकर सेक्स का भरपूर मजा ले पाती हैं। सभी महिलाएं यही चाहती हैं कि उसके बेहद कोमल अंगों को शुरुआती दौर में ज्यादा तकलीफ न दी जाए। महिलाएं पुरुषों से चाहती हैं कि वे उसके सेंसिटिव अंगों के साथ संवेदनशीलता से ही पेश आएं। मतलब यह कि संभोग के दौरान वे चाहे तो जीभ व उंगलियों का इस्तेमाल करके जरूरी उत्तेजना पैदा पर कष्ट देने से बाज आएं। वातावरण का अद्भुत प्रभाव  सेक्स संभोग के दौरान अनुकूल मौसम व वातावरण न होने की वजह से अनेक पार्टनर चरम तक नहीं पहुंच पाते। दरअसल पुरुषों के ठंडे पन की वजह से उन्हें ज्यादा तकलीफ  होती है। डॉ. होल्सटेज ने बताया कि सेक्स के दौरान वातावरण भी काफी  मायने रखता है। अगर कमरे का तापमान अनुकूल रहता है, तो यह सेक्स का मजा बढ़ा देता है। सेक्स के दौरान पोजिशन का भी रखें खयाल सेक्स संबंध बनाने के दौरान पोजिशन का भी खयाल रखना बेहद जरूरी होता है। स्त्री के निचले भाग को अगर दो-तीन तकियों के सहारे थोड़ा-सा और ऊपर उठाकर संभोग किया जाए, तो इससे संसगज़् ठीक से हो पाता है। वह स्थिति भी बेहतर होती है, जब स्त्री लेटे हुए पुरुष के ऊपर आकर संभोग करती है। इससे स्त्रियां 'उन' अंगों में ज्यादा उत्तेजना महसूस करती हैं। एक और पोजिशन महिलाओं व पुरुषों को अच्छा लगता है, वह है 'डॉगी स्टाइल' मतलब, जिसमें स्त्री घुटनों और हाथों के बल खुद को संतुलित किए रहती है और पुरुष उसके ठीक पीछे जाकर संभोग करता है। तरीके तो अनेक हैं ऑस्ट्रेलियन सेक्स रिसचज़्र जूलियट रिचटसज़् कहती हैं कि ज्यादातर युवा महिलाओं का मानना है कि वे अपने पाटज़्नर से चाहती है कि वे सेक्स के दौरान अपने हाथ और मुंह का भी ज्यादा इस्तेमाल करें. उन्हें अपनी किताब के लिए 19 हजार लोगों पर किए गए सरवेज (Survey) के दौरान इस तथ्य का पता चला है। 90 फीसदी  से ज्यादा महिलाओं ने माना कि वे केवल सेक्स के दौरान अपने पार्टनर द्वारा मुख का भी इस्तेमाल किए जाने के बाद चरम तक पहुंचती हैं। रिसर्च में पाया गया कि जब कामक्रीड़ा आरामदायक तरीके से, धीरे-धीरे पर लगातार किया जाता है, तो जोड़े चरम तक जल्दी पहुंच जाते हैं। जल्दबाजी खतरनाक है! एक खास सर्वे में शामिल लाखों  महिलाओं में से केवल पचास फीसदी ने कहा कि वे 10 मिनट या इससे कम वक्त में ही चरम तक पहुंच जाती हैं। सेक्स मेडिसिन के एक जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, सेक्स में जल्दबाजी दिखलाने पर पुरुष तो संतुष्ट हो जाते हैं, पर महिलाएं चरम तक नहीं पहुंच पाती हैं। ऐसे में पुरुषों की जिम्मेदारी होती है कि वे बिना हड़बड़ी दिखलाए अपनी पार्टनर को लंबे गेम में साथ लेकर चलें।

Sex Education : Sex एजुकेशन जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है

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Sex Education : हर उम्र में जरूरी है Sex की शिक्षा, यही है सृष्टि का आधार: सीमा आनंद

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Sex Education: Sex education is necessary in every age, this is the basis of creation: Seema Anand
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:27 AM
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Sex Education :  सब जानते हैं कि Sex  यानि काम अथवा संभोग ही हमारी सृष्टि का मूल आधार है। दुनिया में जो कुछ भी पैदा हो रहा है। उसका मूल आधार Sex  ही तो है। फूलों का खिलना, पक्षियों का चहकना, मोर का नाचना, बच्चों का जन्म लेना सबका मूल आधार तो Sex   ही है। इस सबके बावजूद इस अति महत्वपूर्ण विषय पर हम न तो बात करते हैं और न ही इस विषय की ठीक-ठीक शिक्षा की व्यवस्था हमने की है। भारत में तो Sex एजुकेशन को आज भी एक छुपी ढकी चीज के तौर पर ही देखा जाता है। समाज में किसी भी स्तर पर इस विषय में बात तक नहीं की जाती है। क्या कहती है। Sex  गुरू सीमा आनंद ? Sex  के विषय पर खुलकर बोलने व लिखने वाली प्रसिद्ध लेखिका सीमा आनंद Sex के विषय में सटीक बात करती हैं। हाल ही में सीमा आनंद ने एक निजी चैनल को लम्बा इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू में सीमा आनंद साफ कह रही हैं कि हर आयु वर्ग के स्त्री व पुरूष के लिए Sex Education  बेहद जरूरी है। सवाल-जवाब के स्टाइल में हुए इस इंटरव्यू में सीमा आनंद कहती हैं कि महर्षि वात्सायन ने “कामसूत्र” पुस्तक की रचना करके मानवता के ऊपर बड़ा उपकार किया है। यदि हम और अधिक कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो कम से कम हर उम्र के स्त्री व पुरूष को “कामसूत्र” पढ़ना और पढ़ाना चाहिए। सीमा कहती हैं कि Sex की शिक्षा हर उम्र के स्त्री व पुरूष के लिए आवश्यक है। प्रत्येक उम्र के लोगों में Sex  को लेकर तरह-तरह के मिथक मौजूद हैं। ऋषि वात्सायन तथा कोक शास्त्र के रचियता कोका ऋषि ने अपनी-अपनी रचनाओं में तमाम मिथक तोड़े हैं। उनका मत है कि कामसूत्र के सात खडों में Sex  से जुड़ी हुई प्रत्येक धारणा व अवधारणा का जवाब मौजूद है। कामसूत्र में वर्णित 64 काम कलाओं के विषय में भी सीमा आनंद ने विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल आवश्यक नहीं है कि कोई पुरूष (नायक) अथवा स्त्री (नायिका) सारी कलाएं जानते हों। इन कलाओं का कुल अर्थ इतना है कि जो स्त्री अथवा पुरूष जितनी अधिक बहुमुखी प्रतिभा का धनी होगा वह अपने पार्टनर के लिए उतना ही अधिक आकर्षक व चाहने योग्य होगा। प्रेमी-प्रेमिका के संदेश ! इस इंटरव्यू में सीमा आनंद ने यह भी बताया कि पुराने जमाने में प्रेमी व प्रेमिका बड़े ही अनोखे अंदाज में एक-दूसरे को संदेश देते थे। जब प्रेमिका अपने हाथों से पान तैयार करके प्रेमी को खिलाती थी तो उसका संदेश यह होता था कि अब वह Sex  के लिए पूरी तरह से तैयार है। पान भी कई प्रकार से बनाए व दिए जाते थे। पान का एक प्रकार ऐसा भी होता था  जिससे यह संदेश जाता था कि अब उनका रिश्ता और नहीं चलेगा। यानि “ब्रेकअप” वाला पान। सीमा आनंद ने बताया कि मूक रहकर इशारों-इशारों में  बातें की जाती थीं। वे एक किस्सा सुनाती हैं कि भगवान कृष्ण व उनकी प्रेमिका राधा पूरे समाज के साथ हवन पर बैठे हुए थे। तभी कृष्ण ने अपनी अंगूठी को दूसरी हथेली से ढककर राधा को मूक संदेश दिया कि आज सूर्य अस्त होने के बाद मिलेंगे। सीमा का मत है कि आज भी प्रेमी व प्रेमिका अथवा पति-पत्नी के बीच प्यार मोहब्बत की बात करने का सबसे बेहतरीन व कारगर तरीका मूक भाषा में दिए जाने वाले संदेश ही हैं। कौन हैं सेक्स गुरू सीमा आनंद दरअसल सीमा आनंद भारतीय मूल की एक अप्रवासी NRI  महिला हैं। वे लंदन में रहती हैं। उनकी उम्र के विषय में सही-सही जानकारी उपलब्ध नहीं है। जानकार उनकी उम्र 62 वर्ष बताते हैं। उनके तीन बच्चे भी हैं। वे मूलरूप से महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त सीमा आनंद Sex Education  के ऊपर उन्होने अनेक किताब लिखी हैं। महर्षि वात्सायन की प्रसिद्ध रचना कामसूत्र पर उनका व्यापक अध्ययन है। उसी के आधार पर वे Sex  की शिक्षा का प्रचार व प्रसार कर रही हैं।

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