Thursday, 2 May 2024

Sex Education : Sex एजुकेशन जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है

  Sex Education :  SEX और इससे जुड़ा हुआ सही ज्ञान हर स्त्री पुरुष के जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता…

Sex Education : Sex एजुकेशन जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है

 

Sex Education :  SEX और इससे जुड़ा हुआ सही ज्ञान हर स्त्री पुरुष के जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है । हमारे देश में मेडिकल कॉलेज तक में सेक्स एजुकेशन(Sex Education ) नहीं दी जाती जिसके परिणामस्वरूप सेक्स संबंधी अंधविश्वास, भ्रांतियां और इससे जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

यदि सही उम्र में यौन शिक्षा दी जाए तो किशोर मातृत्व, अनचाहे गर्भ, यौन अपराध, गुप्त रोग तथा एड्‍स जैसी गंभीर और लाइलाज बीमारियों से बचा जा सकता है। साथ ही सेक्स संबंधी समस्याएं जैसे- हस्तमैथुन से उत्पन्न अपराधबोध, नपुंसकता, स्वप्नदोष, धातु रोग और लिंग के आकार को लेकर विभिन्न भ्रांतियों से भी आसानी से मुक्त हुआ जा सकता है।

सबसे बड़ी ज़रूरत

यौन शिक्षा के विषय पर देशव्यापी बहस की जरूरत है, बदलते परिवेश और युवाओं की जिज्ञासाओं को देखते हुए 9वीं-10वीं कक्षा से सेक्स एजुकेशन (Sex Education )दी जानी चाहिए । सब जानते हैं कि 13-14 वर्ष की उम्र में लड़के-लड़कियों में शारीरिक परिवर्तन होते हैं। समय पर सही यौन शिक्षा मिलने से लड़के-लड़कियां अपने शारीरिक परिवर्तनों से घबराएंगे नहीं, नकारात्मक रूप से नहीं सोचेंगे और शार‍ीरिक परिवर्तनों को सहज रूप से लेकर जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। दुर्भाग्य से हमारे देश में सेक्स संबंधी वैज्ञानिक व तार्किक पहुलओं पर खुलेआम चर्चा नहीं होती। इस विषय पर बात करना भी वर्जित माना गया, जबकि गुप्तांग भी शरीर के वैसे ही अंग हैं, जैसे ‍कि अन्य अंग।

लाभ ही लाभ हैं SEX education के

क्या सेक्स एजुकेशन (Sex Education ) से लड़के-लड़कियों में प्रयोग करने यानि Sex का practical करने की प्रवृत्ति नहीं बढ़ेंगी ? इस सवाल का जवाब हमें स्वीडन, नार्वे तथा अन्य कईं देशों के अनुभवों से मिलता है ।आंकडे बताते हैं कि सही यौन शिक्षा मिलने के बाद सेक्स संबंधी प्रयोग करने की रुच‍ि कम होती है ।Sex की शिक्षा पा चुका युवक व युवती इस बात को समझ जाते हैं कि यह सही समय सही स्थान व उचित पात्र के साथ की जानेवाली जीवन की सबसे अमूल्य क्रिया है ।सही जानकारी से उनकी वे सभी जिज्ञासाएं शांत हो जाती हैं, जिनकी पूर्ति के लिए वे गलत सलत प्रयोग करते हैं अथवा करना चाहते हैं। इतना ही नहीं जिन देशों में यौन शिक्षा दी जाती है वहां सेक्स से जुड़े अपराध या तो होते ही नहीं है और यदि होते भी तो बेहद नगणय होते हैं ।

खुद करते हैं अपना नाश

Sex education यानि यौन शिक्षा के अभाव में युवक , युवतियाँ, महिला अथवा पुरूष अपना खुद का नाश तो करते ही हैं समाज का भी सत्यानाश कर डालते हैं . सेक्स में असंतुष्ट व्यक्ति गलत तरीके से संतुष्टि हासिल करने के लिए ग़लत क्रियाएं करता है। इसके लिए नैतिकता का पतन, नशाखोरी की प्रवृत्ति, अश्लील साहित्य, पोर्न मूवी देखकर भी व्यक्ति यौन अपराध करता है। हस्तमैथुन के प्रति अपराधबोध भी इसका एक कारण है।एक और मज़ेदार आँकड़ा यह भी है कि जिन देशों में वेश्यालयों को लाइसेंस दिए गए वहां यौन अपराधों में कमी आई है।वहाँ के नागरिकों को वैश्याओं से Sex की शिक्षा मिलती है ।

मन से बड़ा सम्बन्ध

सेक्स का संबंध शरीर से ज्यादा मन से होता है। ब्रेन में भी सेक्स का एक सेंटर होता है, जो विभिन्न संवेदनाओं के जरिए उत्तेजित होता है।यौन समस्याओं का कारण भले ही मानसिक हो अथवा शारीरिक, लेकिन एक बात की कमी सभी व्यक्तियों में समान रूप से पाई गई है, वह है यौन शिक्षा का अभाव। सेक्स एजुकेशन न होने से व्यक्ति सेक्स संबंधी अनेक मानसिक परेशानियों से घिर जाता है, जो कि वास्तव में होती ही नहीं हैं। आधी-अधूरी जानकारी के कारण व्यक्ति ऐसी समस्या को स्वयं विकराल बनाकर आत्मग्लानि का शिकार हो जाता है।

तुरन्त क्या करें ?

हमारे देश में जब तक सेक्स एजुकेशन की ठीक से व्यवस्था नहीं होती है तब तक हम अपनी युवा पीढ़ी को सेक्स का सही सही ज्ञान देने के लिए महर्षि वात्स्यायन द्वारा रचित सेक्स एजुकेशन की सबसे सटीक पुस्तक कामसूत्र पढवा सकते हैं या Sex गुरू सीमा आनंद द्वारा लिखी गई पुस्तकें लेख तथा वीडियो आदि दिखा पढ़ा कर युवा पीढ़ी को सेक्स की शिक्षा दे सकते हैं ।

Sex Education : हर उम्र में जरूरी है Sex की शिक्षा, यही है सृष्टि का आधार: सीमा आनंद

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