गले लगी, रोई और अब... फांसी के साए में मां-बेटी की अधूरी कहानी

Nimisha Priya
Nimisha Priya
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:07 PM
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Nimisha Priya :  केरल की नर्स निमिषा प्रिया, जिन्हें यमन में अपने व्यवसायिक साझेदार की हत्या के आरोप में मृत्युदंड दिया गया था, की फांसी पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। यह राहत ऐसे समय आई है जब उनका परिवार—विशेष रूप से उनकी मां प्रेमा कुमारी—पिछले कई वर्षों से इस सजा को टालने और बेटी को भारत लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। प्रेमा कुमारी अप्रैल 2024 में विशेष अनुमति लेकर यमन पहुंचीं और अब तक केवल दो बार अपनी बेटी से मिल सकी हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि "जब तक बेटी साथ नहीं होगी, मैं यमन से नहीं लौटूंगी।

कुछ घंटे पहले टली फांसी

निमिषा को 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी, लेकिन अंतिम समय में न्यायिक और कूटनीतिक प्रयासों से इसे टाल दिया गया। उनकी सजा को लेकर भारत में अदालत से लेकर सामाजिक मंचों तक हलचल तेज़ है। सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम, जो पिछले सात वर्षों से इस मामले में सक्रिय हैं, के प्रयासों से वर्ष 2020 में ‘सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल’ का गठन हुआ। इसी के तहत उनके जीवन की रक्षा हेतु धन जुटाने और ब्लड मनी (दिय्या) की प्रक्रिया चलाई जा रही है।

12 वर्षों बाद जब मां-बेटी की आंखें मिलीं

BBC तमिल को दिए साक्षात्कार में प्रेमा कुमारी ने अपनी बेटी से पहली मुलाक़ात का ज़िक्र करते हुए बताया -  वह तीन लोगों के साथ आई थी, सबने एक जैसे कपड़े पहन रखे थे। जैसे ही मेरी नज़र उस पर पड़ी, वह दौड़कर मुझसे लिपट गई और फूट-फूटकर रोने लगी। यह दृश्य मैं जीवन भर नहीं भूल सकती।” इस मुलाक़ात से पहले, जेल प्रशासन के माध्यम से निमिषा ने एक संक्षिप्त संदेश भेजा था, जिसमें उन्होंने परिवार का हालचाल पूछा, लेकिन फांसी के निर्णय का कोई उल्लेख नहीं किया।

दिल्ली उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई के दौरान वकील सुभाष चंद्रन के.आर. ने केंद्र सरकार से यह आग्रह किया कि वह यमन के साथ कूटनीतिक चैनलों के ज़रिए हस्तक्षेप करे। इस पर अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने अदालत को सूचित किया कि यमन पर नियंत्रण हूती विद्रोहियों का है, जिन्हें भारत मान्यता नहीं देता। ऐसे में भारत सरकार की क्षमता सीमित है और वह पर्दे के पीछे से प्रयास कर रही है ताकि स्थिति और न बिगड़े।

बता दें कि यमन में शरिया कानून लागू है, जिसके तहत पीड़ित परिवार ब्लड मनी (दिय्या) स्वीकार कर अपराधी को क्षमा कर सकता है। निमिषा को बचाने के लिए अब तक भारतीय दूतावास के माध्यम से 40,000 डॉलर दिए जा चुके हैं। वहीं, महदी के परिजनों को 10 लाख डॉलर (करीब ₹8.6 करोड़) की पेशकश की गई है, ताकि वह क्षमा देने पर विचार कर सकें।

कैसे शुरू हुई ये त्रासदी ?

निमिषा प्रिया की यात्रा शुरू होती है वर्ष 2008 में, जब वह केरल के पलक्कड़ से यमन नौकरी करने जाती हैं। वहां एक सरकारी अस्पताल में उन्हें नर्स की नौकरी मिलती है। 2011 में वह शादी के लिए भारत लौटती हैं और फिर पति के साथ यमन लौट आती हैं। 2012 में बेटी के जन्म के बाद आर्थिक संकट बढ़ता है। 2014 में पति भारत लौट जाते हैं और निमिषा अकेले यमन में रहकर काम करती हैं। इसी दौरान वह स्थानीय नागरिक तलाल अब्दो महदी के संपर्क में आती हैं और साथ मिलकर एक क्लिनिक खोलती हैं।

निमिषा के वकील के अनुसार, साझेदारी के कुछ समय बाद महदी ने उनके साथ शारीरिक शोषण शुरू कर दिया और व्यवसाय के दस्तावेज़ों में हेरफेर कर क्लिनिक को अपना घोषित कर दिया। उनके पासपोर्ट पर भी कब्ज़ा कर लिया ताकि वह देश छोड़कर न जा सकें। जब निमिषा ने सना पुलिस से शिकायत की, तो महदी ने एक चाल चलते हुए उनकी शादी की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें अपनी पत्नी बताकर जेल भिजवा दिया।

छह दिन की कैद के बाद वह रिहा हुईं, लेकिन उत्पीड़न का सिलसिला जारी रहा। निमिषा ने पासपोर्ट वापस लेने के लिए महदी को बेहोशी की दवा दी, लेकिन वह नशे का आदी था, जिससे दवा असर नहीं कर पाई। दूसरी बार अधिक मात्रा देने पर उसकी मौत हो गई। घबराकर निमिषा ने शव के टुकड़े किए और उन्हें एक टैंक में फेंक दिया। कुछ सप्ताह बाद महदी के शव के अवशेष मिले और निमिषा को सऊदी-यमन सीमा से गिरफ्तार कर लिया गया। 2020 में उन्हें यमन की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और फिर राष्ट्रपति से गुहार की गई, लेकिन 2023 और 2024 में दोनों स्तरों पर याचिका खारिज कर दी गई।    Nimisha Priya

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गाय का दूध बना अंतरराष्ट्रीय मसला, अमेरिका पर भारत का सख्त स्टैंड

Cow
India-US Trade Deal
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:57 AM
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India-US Trade Deal : भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते में एक बेहद असामान्य लेकिन अहम मुद्दा बार-बार दीवार बनकर खड़ा हो रहा है। गायों को मांस आधारित चारा दिए जाने से उत्पन्न मांसाहारी दूध का मामला। अमेरिका चाहता है कि भारत अपना डेयरी बाजार खोले, लेकिन भारत इस बात पर सख्त है कि ऐसे किसी भी डेयरी प्रोडक्ट की अनुमति नहीं दी जा सकती जो उन गायों से आता हो जिन्हें मांस, खून या पशु अवशेषों से बना चारा खिलाया गया हो।

भारतीय संस्कृति में गाय का बेहद महत्व

भारतीय संस्कृति में गाय न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि गाय का दूध, घी और उससे बने उत्पाद पूजा-पाठ और धार्मिक कर्मकांडों का अभिन्न हिस्सा हैं। ऐसे में भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि गायों को अगर नॉनवेज चारा खिलाया गया है, तो उनका दूध शुद्ध नहीं माना जा सकता और इस मुद्दे पर कोई रियायत नहीं दी जा सकती। एक वरिष्ठ अधिकारी ने साफ शब्दों में कहा है, "डेयरी क्षेत्र भारत की संस्कृति, आस्था और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है। यह हमारी लक्ष्मण रेखा है जिसे पार नहीं किया जा सकता।" भारत का यह रुख देश की 80 करोड़ से अधिक शाकाहारी आबादी की आस्था और खानपान की मान्यताओं पर आधारित है।

इन शर्तों की हो चुकी है आलोचना

भारत सरकार अमेरिका से यह भी मांग कर रही है कि यदि किसी डेयरी प्रोडक्ट में पशु आधारित चारा उपयोग हुआ है तो उसे स्पष्ट रूप से लेबल किया जाए, ताकि उपभोक्ताओं को भ्रम न हो। वहीं अमेरिका इसे अनावश्यक व्यापार बाधा बता रहा है और विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भारत की इन शर्तों की आलोचना कर चुका है।

उठाना पड़ सकता है करोड़ों का नुकसान

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और इसका डेयरी उद्योग 8 करोड़ ग्रामीणों की आजीविका से जुड़ा है। यदि सस्ते अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट भारत में आयात होने लगे, तो इसका सीधा असर देश के छोटे किसानों और स्थानीय डेयरी कारोबार पर पड़ेगा। एक अनुमान के मुताबिक, ऐसा होने पर भारत को हर साल करीब 1.03 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

अमेरिका के चारे नहीं होते शुद्ध

गौरतलब है कि अमेरिका में आमतौर पर गायों को सस्ते प्रोटीन के लिए ऐसे चारे पर पाला जाता है जिनमें सूअर, मुर्गी, मछली, घोड़े और यहां तक कि कुत्ते-बिल्ली तक के अंगों का उपयोग होता है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि मुर्गियों की बीट, पंख और चर्बी तक को भी चारे में मिलाया जाता है।

स्वास्थ्य के लिए हो सकता है बड़ा खतरा

भारत में इस तरह की खाद्य प्रणाली को न सिर्फ स्वास्थ्य के लिहाज से खतरा, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं का गहरा अपमान माना जाता है। यही कारण है कि भारत ने आयातित डेयरी उत्पादों पर कड़ा पशु चिकित्सा प्रमाणन अनिवार्य कर रखा है, जिसमें यह तय किया जाता है कि प्रोडक्ट किस तरह के चारे से पाले गए पशुओं से प्राप्त हुआ है। भारत और अमेरिका दोनों ही 2030 तक आपसी व्यापार को 500 अरब डॉलर तक ले जाने की तैयारी में हैं। लेकिन यदि मांसाहारी दूध पर सहमति नहीं बनती, तो यह डील आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है। भारत का संदेश स्पष्ट है व्यापार जरूरी है लेकिन आस्था से बड़ा कुछ नहीं।  
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न्यूयॉर्क और पांच उपनगरों में तूफान से तबाही, न्यू जर्सी में आपातकाल

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America News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 08:15 PM
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America News :  अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर और उसके पांच प्रमुख उपनगरों में सोमवार रात अचानक आई मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। बाढ़ जैसे हालात ने मेट्रो सेवा, सड़कों और हवाई यात्रा पर गहरा असर डाला। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए न्यू जर्सी के गवर्नर फिलिप डी. मर्फी ने आपातकाल की घोषणा कर दी।

मेट्रो डिब्बों में घुसा पानी

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारी वर्षा के चलते कई मेट्रो स्टेशनों में पानी भर गया और प्रमुख सड़कें जलमग्न हो गईं। मेट्रो ट्रेन के डिब्बों में बाढ़ का पानी घुस गया, जिससे यात्री फंसे रहे। वाहन पानी में डूब गए और पेट्रोल पंपों के फ्यूल डिवाइस तक क्षतिग्रस्त हो गए।

न्यू जर्सी में घोषित हुआ आपातकाल

न्यू जर्सी में हालात और भी गंभीर बने हुए हैं। भारी बारिश से सैडल नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, जबकि प्लेनफील्ड रेलवे स्टेशन पूरी तरह डूब गया। कई रेल व बस रूट बदले गए हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में आपदा प्रबंधन एजेंसियां अलर्ट पर हैं। इसके अलावा फ्लाइट ट्रैकिंग साइट फ्लाइटअवेयर के मुताबिक, कैनेडी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ानों में तीन घंटे तक की देरी हुई, जबकि नेवार्क लिबर्टी एयरपोर्ट पर दो घंटे की रुकावट दर्ज की गई।

बिजली और यातायात व्यवस्था चरमराई

क्वींस के रिचमंड हिल इलाके में बिजली गुल हो गई, जिससे लगभग एक हजार लोग प्रभावित हुए। मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (MTA) ने बताया कि मैनहट्टन में 1, 2 और 3 नंबर की सबवे लाइनें कुछ देर के लिए बंद रहीं, हालांकि बाद में इन्हें बहाल कर दिया गया। स्टेटन आइलैंड रेलवे और अन्य मार्गों पर भी परिचालन बाधित रहा। मौसम विज्ञानी जो वेगमैन के अनुसार, कुछ इलाकों में केवल पांच घंटे में सात इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई।

राष्ट्रीय मौसम सेवा ने न्यूयॉर्क के सभी उपनगरों और न्यू जर्सी के मध्य हिस्सों के लिए बाढ़ की चेतावनी मंगलवार सुबह तक जारी रखी है। आपातकालीन विभाग ने निचले इलाकों में रहने वाले नागरिकों से ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने की अपील की है। राज्य पुलिस और प्रशासन लगातार जलभराव वाले मार्गों को बंद करवा रहे हैं। टैकोनिक स्टेट पार्कवे और स्प्रैन ब्रुक पार्कवे को पूरी तरह सील कर दिया गया है।

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