दशहरा के दूसरे दिन सभी पापों से मुक्ति देने वाली : पापांकुशा एकादशी

Papan e1698236239705
Papankusha Ekadashi 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:37 PM
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Papankusha Ekadashi 2023: पापांकुशा एकादशी कुँआर मास शुक्ल पक्ष दशहरा के दूसरे दिन सभी पापों से मुक्ति देने वाली भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी हे । सभी एकादशियों में श्रेष्ठ मानवकृत पाप विमोचित इस पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को यम का भय नहीं सताता । मृत्यु के समय यम के दूत उसे स्पर्श भी नहीं कर पाते। वह मृत्यु के पश्चात वह सीधे विष्णु के धाम बैकुंठ को जाता है ।

पापांकुंशा एकादशी व्रतकथा :-

प्राचीन काल में विंध्य पर्वत पर क्रोधन नाम का एक बहेलिया रहता था । वह अत्यंत ही क्रूर स्वभाव का था । उसका सारा जीवन जंगल में हिंसा,लूटपाट चोरी, मद्यपान और गलत कार्यों में संलग्न रहकर बीता । मृत्यु के एक दिन पहले उसे चेतावनी देने यम के दूत आये और उससे बोले अब तुम्हारा अंत समय निकट है । हम तुम्हें कल लेने आयेंगे तैयार रहना । यह चेतावनी सुनकर बहेलिया परेशान हो गया और अंगिरा ऋषि के आश्रम में जाकर उनके चरणों में गिरकर अपने दुष्कृत्यों की क्षमा मांगते हुये प्रार्थना करने लगा कि मुझे कोई ऐसा उपाय बतलाइये जिससे मैं अपने इन पाप कर् से मुक्त हो मोक्ष को प्राप्त कर सकूं । Papankusha Ekadashi 2023 तब उसकी स्थति को देखकर उस पर दया करते हुये ऋषि ने उससे कहा कल आश्विन मास शुक्ल पक्ष की पापांकुशा एकादशी है जिसके करने से मनुष्य को अपने जीवन में किये गये समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। अपने पापों से मुक्ति पाकर ही मोक्ष को प्राप्त करता है। इस तरह महर्षि अंगिरा से ज्ञान प्राप्त कर उसने एकादशी का निराहार व्रत करते हुये समस्त विधि-विधान से विष्णु भगवान का पूजन किया । रात्रि को जब यमराज के दूत उसे लेने आये तो वह चकित रह गये क्यों कि वहां पर बैकुंठ लोक से आये भगवान विष्णु के पार्षद पहले से ही उसे ससम्मान ले जाने के लिये विमान लेकर खड़े थे । यह आश्चर्य देख वह चकित रह गये और अंत में उसे प्रणाम कर विष्णुलोक जाते हुये देख प्रणाम कर यमलोक चले गये । इस। तरह से पापांकुशा एकादशी के द्वारा उस बहेलिये ने मोक्ष को प्राप्त किया जब कि उसे अपने क्रूर कार्य और जीवन भर किये पापकर्मों के कारण यमलोकजाना पाया चाहिये था । इस जगत के पालन हार भगवान विष्णु को प्रिय एकादशी का अपना महत्व है । उषा सक्सेना Papankusha Ekadashi 2023

Vijayadashami 2023 : दशहरा पर्व को विजयादशमी क्यों कहते हैं ?

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Papankusha Ekadashi 2023: पापांकुशा एकादशी कुँआर मास शुक्ल पक्ष दशहरा के दूसरे दिन सभी पापों से मुक्ति देने वाली भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी हे । सभी एकादशियों में श्रेष्ठ मानवकृत पाप विमोचित इस पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को यम का भय नहीं सताता । मृत्यु के समय यम के दूत उसे स्पर्श भी नहीं कर पाते। वह मृत्यु के पश्चात वह सीधे विष्णु के धाम बैकुंठ को जाता है ।

पापांकुंशा एकादशी व्रतकथा :-

प्राचीन काल में विंध्य पर्वत पर क्रोधन नाम का एक बहेलिया रहता था । वह अत्यंत ही क्रूर स्वभाव का था । उसका सारा जीवन जंगल में हिंसा,लूटपाट चोरी, मद्यपान और गलत कार्यों में संलग्न रहकर बीता । मृत्यु के एक दिन पहले उसे चेतावनी देने यम के दूत आये और उससे बोले अब तुम्हारा अंत समय निकट है । हम तुम्हें कल लेने आयेंगे तैयार रहना । यह चेतावनी सुनकर बहेलिया परेशान हो गया और अंगिरा ऋषि के आश्रम में जाकर उनके चरणों में गिरकर अपने दुष्कृत्यों की क्षमा मांगते हुये प्रार्थना करने लगा कि मुझे कोई ऐसा उपाय बतलाइये जिससे मैं अपने इन पाप कर् से मुक्त हो मोक्ष को प्राप्त कर सकूं । Papankusha Ekadashi 2023 तब उसकी स्थति को देखकर उस पर दया करते हुये ऋषि ने उससे कहा कल आश्विन मास शुक्ल पक्ष की पापांकुशा एकादशी है जिसके करने से मनुष्य को अपने जीवन में किये गये समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। अपने पापों से मुक्ति पाकर ही मोक्ष को प्राप्त करता है। इस तरह महर्षि अंगिरा से ज्ञान प्राप्त कर उसने एकादशी का निराहार व्रत करते हुये समस्त विधि-विधान से विष्णु भगवान का पूजन किया । रात्रि को जब यमराज के दूत उसे लेने आये तो वह चकित रह गये क्यों कि वहां पर बैकुंठ लोक से आये भगवान विष्णु के पार्षद पहले से ही उसे ससम्मान ले जाने के लिये विमान लेकर खड़े थे । यह आश्चर्य देख वह चकित रह गये और अंत में उसे प्रणाम कर विष्णुलोक जाते हुये देख प्रणाम कर यमलोक चले गये । इस। तरह से पापांकुशा एकादशी के द्वारा उस बहेलिये ने मोक्ष को प्राप्त किया जब कि उसे अपने क्रूर कार्य और जीवन भर किये पापकर्मों के कारण यमलोकजाना पाया चाहिये था । इस जगत के पालन हार भगवान विष्णु को प्रिय एकादशी का अपना महत्व है । उषा सक्सेना Papankusha Ekadashi 2023

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रावण का पुतला दहन होते ही हजारों दर्शकों ने लगाये जय श्री राम के जयकारे

फोटो 8 5
Ravana Dahan 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:28 AM
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Ravana Dahan 2023 जेवर। नवरात्रि के उपलक्ष्य में श्री दुर्गे मंदिर जेवर पर चल रहे मेला के अंतिम दिन दशहरा को राम रावण युद्ध के बाद रावण का पुतला दहन कर रामलीला का पुरस्कार वितरण करने के बाद समापन हो गया। श्री दुर्गे मंदिर पर रामलीला महोत्सव व रावण दहन में पहुंचे मुख्य अतिथि वरिष्ठ भाजपा नेता व समाजसेवी सेंकी ठाकुर व गाजियाबाद से आये उद्योगपति अशोक झा का मेला प्रांगण में पहुंचने पर मेला कमेटी ने उनके गले में फूल माला डालकर, सिर पर पगड़ी बांधकर, मां शेरावाली व श्री खाटू श्याम की सुन्दर प्रतिमा तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर शानदार स्वागत किया। इसके बाद समाजसेवी सेंकी ठाकुर व अशोक झा ने अपने साथियों व कमेटी के पदाधिकारियों के साथ श्री दुर्गे मंदिर परिसर व श्री खाटू श्याम मंदिर पर जाकर पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद लिया।

राम ने अपने बाण से रावण के पुतले का किया दहन

वृन्दावन मथुरा के कलाकारों द्वारा दर्शायी जा रही रामलीला में राम रावण युद्ध का मंचन को देखने के हजारों दर्शकों की मौजूदगी में दोनों अतिथियों की मौजूदगी में राम ने अपने बाण से रावण के पुतले का दहन कर दिया जहां हजारों दर्शकों ने जय श्री राम के नारों का जयघोष किया। रावण दहन के बाद काली अखाड़ा,  झांकी, रामलीला के पात्रों को पुरस्कार, शाल व स्मृति चिन्ह आदि देकर सम्मानित किया गया और मेला का समापन हो गया। Ravana burning News

इस अवसर पर मौजूद रहे

इस मौके पर मेला कमेटी के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा,नरेन्द्र गोयल,अजय शर्मा वैध,सुभाष गर्ग,कुलदीप पंडित,सुनील शर्मा, सौरभ ठाकुर,कौशल मणि तायल,दीपु जैन,पंकज सांवरिया, कुलदीप मेम्बर,विकास शर्मा,सोनू प्रजापति समेत आदि मौजूद थे।

नोएडावासियों को 26 अक्टूबर से 16 नवंबर तक मिलेगा “गंदा जल”

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