Vice -President Election: पीएम मोदी की मौजूदगी में जगदीप धनखड़ ने दाखिल किया नामांकन

Jagdeep Dhankadh and PM Modi
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calendar18 Jul 2022 08:36 PM
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New Delhi: नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के बाद अब देश के नए उपराष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। 06 अगस्त को प्रस्तावित चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने सोमवार को नामांकन दाखिल कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में धनखड़ ने नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के बाद जगदीप धनखड़ ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मैं देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाने का हमेशा प्रयास करूंगा। उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरे जैसे सामान्य पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को यह अवसर मिलेगा। एक किसान परिवार से आने वाले मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को ऐतिहासिक मौका देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शीर्ष नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।’ नामांकन दाखिल करने के समय जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह, बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा, केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस, अनुप्रिया पटेल और रामदास आठवले भी मौजूद थे। नामांकन दाखिल करने से पहले धनखड़ ने उनका समर्थन कर रहे विभिन्न दलों के सांसदों के साथ संसद भवन परिसर में एक बैठक भी की। प्रधानमंत्री मोदी भी इस बैठक में मौजूद थे। उनके अलावा बीजू जनता दल और लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद भी मौजूद थे। विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में वरिष्ठ कांग्रेस नेता मार्गेट अल्वा को मैदान में उतारा है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 19 जुलाई है।
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Supreme Court: देश के नौ राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

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calendar18 Jul 2022 07:55 PM
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New Delhi: नई दिल्ली। देश के नौ राज्यों में हिन्दुओं के अल्पसंख्यक होने का दावा किया गया है। इस बाबत हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने के लिए धर्म गुरु देवकी नंदन ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप ऐसे ठोस उदाहरण रखिए, जहां किसी राज्य विशेष में कम आबादी होने के बावजूद हिंदुओं को अल्पसंख्यक का वाजिब दर्जा मांगने पर न मिला हो। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरविंद दत्तार ने कहा कि ये मामला पहले भी कोर्ट से राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को भेजा चुका है। कोर्ट ने अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इस मामले दो हफ्ते बाद अगली सुनवाई होगी। याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि अगर कोई ठोस मामला है कि मिजोरम या कश्मीर में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने से इनकार किया गया है, तभी हम इस पर गौर कर सकते हैं। याचिकाकर्ता के लिए वरिष्ठ वकील अरविंद दात्तार ने कहा कि 1993 की एक अधिसूचना कहती है कि मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक हैं। कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि अल्पसंख्यकों को राज्य द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। हम हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने से वंचित करने की बात कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि हिंदू अल्पसंख्यक नहीं हो सकते। जस्टिस यूयू ललित ने कहा, लेकिन अगर कोई ठोस मामला है कि मिजोरम या कश्मीर में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने से इनकार किया जाता है, तभी हम इस पर गौर कर सकते हैं। हमें एक ठोस स्थिति प्राप्त करनी है। जब तक अधिकारों को क्रिस्टलीकृत नहीं किया जाता है, तब तक हम इस पर विचार नहीं कर सकते। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 की धारा 2 (सी) की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जो राष्ट्रीय स्तर पर मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, पारसी, सिख और जैन को अल्पसंख्यक घोषित करती है। याचिकाकर्ता ने अल्पसंख्यकों की जिलेवार पहचान की भी मांग की है। एक आध्यात्मिक नेता और भागवत कथा के वक्ता देवकी नंदन ठाकुर ने ये जनहित याचिका दायर की है।
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GST : आम लोगों को महंगाई का एक और झटका, दूध-दही, आटा चावल महंगा

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calendar18 Jul 2022 07:40 PM
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New Delhi : नई दिल्ली। देश के आम लोगों को महंगाई का एक और झटका लगा है। सोमवार से गुड्स एंड सर्विस टैक्स की दरों (जीएसटी) में बदलाव लागू किया गया है। इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है। नई दरों के लागू होने से कई उत्पाद आज से महंगे हो गए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने अपनी पिछली बैठक में डिब्बा या पैकेट बंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था। हालांकि, वहीं खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी। ये वस्तुएं महंगी हुईं: - पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर, लस्सी और दही महंगे हो जाएंगे। शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरा भी मंहगा हो जाएगा। प्री-पैकेज्ड, लेबल युक्त दही, लस्सी और पनीर पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। पोहा, खोई, चावल, शहद अनाज, मांस, मछली भी इसमें शामिल हैं। - टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। - ‘प्रिंटिंग, ड्राइंग इंक, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर टैक्स दर बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी है। सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जबकि पहले पांच प्रतिशत कर लगता था। - 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा। इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का फैसला किया गया है। - बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकोनॉमी कैटेगरी तक के यात्रियों को ही मिलेगी। किस जगह कम हुई जीएसटी? - रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर टैक्स की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। पहले यह 12 प्रतिशत थी। - ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों, जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो अभी 18 प्रतिशत है।