G20 Summit 2023 : जी20 के घोषणा पत्र पर यूक्रेन ने की सबकी बोलती बंद

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:38 AM
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G20 Summit 2023 / नई दिल्ली। एक ओर जहां भारत की राजधानी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जी20 शिखर सम्मेलन में संयुक्त घोषणा पत्र भी प्रस्तुत किया गया। जी20 शिखर सम्मेलन में पेश किए गए संयुक्त घोषणा पत्र पर यूक्रेन ने प्रतिक्रिया जाहिर की है। यूक्रेन ने कहा कि जी20 ग्रुप की घोषणा में गर्व करने वाली बात नहीं है।

G20 Summit 2023

आपको बता दें कि दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में देश-दुनिया के शक्तिशाली नेता शामिल हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, इटली की पीएम सहित कई अन्य राष्ट्राध्यक्ष इस सम्मेलन में शामिल हुए हैं। शनिवार को हुई पहली बैठक की शुरुआत पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई। माना जा रहा था कि जी-20 बैठक में यूक्रेन संकट पर सभी नेताओं की सहमति बनना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन, पीएम मोदी ने भारत मंडपम में घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति का जिक्र किया।

घोषणा पत्र जारी करने पर यूक्रेन की तरफ से बयान आया है। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए शुक्रवार को कहा कि रूसी आक्रमण से संबंधित देशों के जी20 समूह की संयुक्त घोषणा में कुछ भी गर्व करने वाली बात नहीं है। रूस का उल्लेख न करने पर यूक्रेन ने नाराजगी व्यक्त की है।

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी करते हुए लिखा कि यदि यूक्रेन को जी20 बैठक का हिस्सा बनने का मौका मिलता तो प्रतिभागियों को स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती।

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यूक्रेन पर सहमति बनना बड़ी चुनौती थी

आपको बता दें कि पिछले साल हुए शिखर सम्मेलन में रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले को लेकर कई जी20 देशों ने नाराजगी व्यक्त की थी। इसके बाद अध्यक्षता भारत को सौंप दी गई थी। तब से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि सम्मेलन में घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति बनना, विशेष तौर पर यूक्रेन युद्ध पर, शायद मुश्किल हो।

G20 Summit 2023 - विदेश मंत्री ने प्रेस वार्ता में की विशेष चर्चा

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को प्रेस वार्ता में कहा था कि जी20 बैठक का मेन फोकस सतत और ग्रीन विकास पर है। इसके अलावा आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मुद्दे पर रोकथाम के लिए भी कदम उठाने पर अन्य देशों की सहमति बनी है। घोषणापत्र के बारे में बताता हुए विदेश मंत्री ने कहा कि बैठक में इस मुद्दे को भी उठाया गया है। उन्होंने कहा कि किसी ताकत के दम पर किसी भी देश की सीमा पर हमला नहीं किया जाना चाहिए। G20 Summit 2023

चीन पर लगेगी लगाम, 112 मुद्दों पर बनी सहमति, G20 में भारत की सबसे बड़ी जीत

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चीन पर लगेगी लगाम, 112 मुद्दों पर बनी सहमति, G20 में भारत की सबसे बड़ी जीत

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calendar01 Dec 2025 01:19 AM
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G20 Summit 2023 / नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन का आज दूसरा दिन है। जी20 शिखर सम्मेलन के पहले ही दिन भारत के हाथ कई उपलब्धियां लगीं। जी20 शिखर सम्मेलन में 112 मुद्दों पर सहमति बनी। G20 के नई दिल्ली घोषणापत्र पर सर्वसम्मति से दिल्ली में इतिहास रचा गया। इस घोषणापत्र पर सर्वसम्मति से मुहर लगने के साथ ही जी-20 में भारत की कामयाबी का बड़ा अध्याय जुड़ गया। यह घोषणापत्र आज जारी होगा। भारत में हो रहा जी20 शिखर सम्मेलन अब तक का सबसे सार्थक G20 सम्मेलन है। एक और जहां अफ्रीका को चीन के चंगुल से छुड़ाने में मदद मिली, वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर भी भारत सहमति बनाने में कामयाब रहा।

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इन प्रमुख मुद्दों पर बनी है सहमति

जी20 शिखर सम्मेलन के पहले ही दिन नई दिल्ली घोषणापत्र को लेकर सहमति बनी। इसमें कुल 112 मुद्दों पर सहमति बनी है, जो अब तक का सबसे विस्तृत और व्यापक घोषणा पत्र बताया जाता है। पिछले सम्मेलनों की तुलना में भारत में परिणामों और संलग्न दस्तावेजों की संख्या कई गुना बढ़ गई। G20 का साझा घोषणापत्र 37 पेज का है। इसमें कुल 83 पैराग्राफ हैं, इसे ही ‘नई दिल्ली डिक्लेरेशन’ कहा गया है।

इस सम्मलेन में सबसे ज्यादा काम हुई है। भारत की अध्यक्षता सभी G20 अध्यक्षता में सबसे महत्वाकांक्षी और कार्योन्मुख रही है। जी 20 के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100 फीसदी सर्वसम्मति के साथ ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक G20 डिक्लेरेशन। ये नए जियोपॉलिटिक पैरा प्लैनेटस पीपल, पीस और प्रॉसपैरिटी का आहवान है। ये आज की दुनिया में पीएम मोदी के नेतृत्व को दर्शाता है।

नई दिल्ली लीडर्स डेक्लेरेशन का फोकस क्या रहा ?

मजबूत, दीर्घकालिक, संतुलित और समावेशी विकास

सस्टेनेबल डेवलपमेंटल गोल्स पर प्रगति में तेजी लाना

सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौता

21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान

बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करना

चीन के चंगुल से अफ्रीका को छुड़ाने में मिली मदद

जी-20 में अफ्रीकन यूनियन को शामिल कर लिया गया है। जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान किया, जो चीन के लिए किसी झटके से कम नहीं है। दरअसल चीन चाहता है कि वो ग्लोबल साउथ या विकासशील देशों का नेतृत्व करे, लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर पाएगा। चीन ने अपने कारोबारी लक्ष्यों की पूर्ति के लिए अफ्रीकी संघ के देशों में निवेश किया है। वो अफ्रीकी देशों को भारत और पश्चिमी देशों से दूर रखना चाहता है, जो अब संभव नहीं होगा। चीन अफ्रीका के 55 देशों में निवेश कर वहां के प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जे की कोशिश कर रहा है।

देश का बढ़ा वैश्विक रूतबा

कोविड 19- अच्छा मैनेजमेंट, दुनिया को मदद

चंद्रयान- चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश

DPI- डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रकचर, 20 से ज्यादा देशो में UPI

दुनिया- भारत की स्वीकार्यता बढ़ी, G20 मेजबानी से रूतबा और बढ़ेगी

G20 घोषणा पत्र- सहमति बनना भारत की बड़ी कामयाबी

रूस-यूक्रेन जंग के मुद्दे पर भी मिली कामयाबी

नई दिल्ली घोषणापत्र में 4 बार यूक्रेन जंग का जिक्र किया गया। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से बने वैश्विक संकट के बीच इस घोषणापत्र को मिली स्वीकृति भारत की जी 20 अध्यक्षता में मिली एक बड़ी कामयाबी है। इस घोषणा पत्र में सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करने की सलाह दी गई है। भारत ने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि ये युग युद्ध का नहीं है। जैसे कि इससे पहले पीएम मोदी 2022 में समरकंद के एससीओ की बैठक में कहा था। G20 Summit 2023

Wagh Nakh News ब्रिटेन से भारत आएगा छत्रपति शिवाजी विशेष शस्त्र, जाने क्या है ये विशेष शस्त्र

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Wagh Nakh News ब्रिटेन से भारत आएगा छत्रपति शिवाजी विशेष शस्त्र, जाने क्या है ये विशेष शस्त्र

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Wagh Nakh
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 01:19 AM
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Wagh Nakh News / नई दिल्ली। मराठा यौद्धा छत्रपति शिवाजी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यह खबर छत्रपति के शस्त्रों (Wagh Nakh ) से जुड़ी हुई है। मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी ने जिस ‘वाघ नख’ (Wagh Nakh) ने मुगल सेनापति अफजल खान को मौत के घाट उतारा था, उसे ब्रिटेन से देश वापस लाया जाएगा। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने यह जानकारी दी। (Wagh Nakh ) मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर शनिवार को कहा कि हमारी बहुमूल्य कलाकृतियों की वापसी भारत के राजनयिक प्रयासों की एक बड़ी जीत है।

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यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब नयी दिल्ली में जी20 नेताओं का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि हमारी गौरवशाली विरासत लौट रही है। इतिहास बनते देखने के लिए तैयार हो जाइए, क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रसिद्ध ‘वाघ नख’ उस जगह पर अपनी विजयी वापसी के लिए तैयार है, जिससे वह वास्वत में संबंध रखता है।

मंत्रालय ने पोस्ट के साथ ‘कल्चर यूनाइट्स ऑल’ (संस्कृति सभी को जोड़ती है) और ‘जी20इंडिया’ हैशटैग का इस्तेमाल किया। मंत्रालय ने एक पोस्टर भी साझा किया, जिस पर लिखा था, ‘‘भारत ने अपनी ऐतिहासिक विरासत पुन: प्राप्त की।’’ पोस्टर में बताया गया है कि इस ‘वाघ नख’ का इस्तेमाल अफजल खान को मारने के लिए किया गया था।

क्या है बाघ नख की कहानी ?

छत्रपति शिवाजी पर लिखी गई किताब 'शिवाजी एंड हिज टाइम्स' के मुताबिक यह घटना साल 1659 की है। बीजापुर सल्तनत के राजा आदिल शाह ने अफजाल खान को गुलामी स्वीकार करवाने के लिए शिवाजी के पास भेजा था। शिवाजी इस मुलाकात में अपने दो वफादारों के साथ पहुंचे थे। वहीं अफजाल खान पांच लोगों के साथ वहां आया था।

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शिवाजी को अफजाल खान की मंशा पर पहले से ही शक था और वो पूरी तैयारी करके आए थे। अफजाल खान ने गले लगाने के बहाने शिवाजी की हत्या करने की कोशिश की, हालांकि शिवाजी ऐसे किसी संभावित हमले को लेकर पहले से ही सावधान थे। जैसे ही अफजाल ने गले लगाने के बहाने शिवाजी पर वार किया, शिवाजी ने फौरन अपना विशेष हथियार बाघ नख निकाला और अफजाल खान को मौत के घाट उतार दिया।

क्या होता है बाघ नख

बाघ नख स्टील का बना एक हथियार है जिसमें बाघ के पंजों के नाखून की तरह नुकीली छड़ें लगी होती हैं। यह व्यक्ति के हाथ की मुट्टी में फिट बैठ जाता है। इसके दोनों तरफ रिंग होता है जिसे हाथ की पहली और चौथी उंगली में पहन लिया जाता है। इससे यह हाथ में फिट बैठ जाता है। इसके बाद हमला करने पर यह सामने वाले व्यक्ति को लहूलुहान कर देता है। इससे किसी की हत्या भी की जा सकती है। बताया जाता है कि वीर शिवाजी अपनी सुरक्षा के लिए इस विशेष हथियार को हमेशा अपने साथ रखा करते थे।

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एक रिपोर्ट के मुताबिक शिवाजी महाराज का ये विशेष हथियार आजादी से पहले मराठा राज्य की राजधानी सतारा में ही था। अंग्रेजों के भारत आने के बाद मराठा पेशवा के प्रधानमंत्री ने इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी जेम्स ग्रांट डप को बतौर तोहफा दे दिया था। इसके बाद जब अधिकारी 1824 में अपने देश ब्रिटेन पहुंचे थे तो उन्होंने इस वहां के विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूजियम को दान कर दिया था। ये उस वक्त से वहीं था। Wagh Nakh

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