UPSC CSE 2023 ने जारी किया इंटरव्यू शेड्यूल, इस दिन से शुरू होंगे फेज 3 के इंटरव्यू

UPSC Interview Round 2023
UPSC Interview Round 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 07:15 AM
bookmark
UPSC CSE 2023 Interview : हाल ही में UPSC CSE 2023 के तीसरे चरण यानि इंटरव्यू राउंड का शेड्यूल जारी कर दिया गया। UPSC CSE 2023 इंटरव्यू के बारे में जानकारी उम्मीदवारों को UPSC की अधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर आसानी से मिल जाएगी। जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार UPSC CSE 2023 इंटरव्यू राउंड की शुरूआत 18 मार्च से शुरू होकर 9 अप्रैल 2024 तक चलेगी। UPSC CSE की ओर से आयोजित होने वाला इंटरव्यू दो शिफ्ट में आयोजित किया जाएगा। जारी किए गए शेड्यूल में सभी चुने गए अभ्यर्थियों को रोल नंबर, डेट और इंटरव्यू समय दिया गया है। 817 अभ्यर्थियों होंगे इंटरव्यू में शामिल आपको बता दें UPSC CSE 2023 के तीसरे चरण में आयोग ने कुल 817 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया है। पहली पाली साक्षात्कार के लिए रिपोर्टिंग का समय सुबह 9 बजे रखा गया है और दूसरी पाली के लिए दोपहर 1 बजे कैंडिडेट को रिपोर्ट करनी होगी। जिन अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। उनके एमडिट कार्ड जल्द ही जारी किए जाएंगे। आयोग ने कहा कि वह साक्षात्कार की तारीख और समय में कोई बदलाव नहीं करेगा।

डीएएफ-II जमा न करने पर रद्द होगी उम्मीदवारी

UPSC CSE 2023 की मुख्य परीक्षा पास करने के बाद जिन उम्मीदवारों ने निर्धारित डेट और समय के भीतर डीएएफ-II फाॅर्म जमा नहीं किया है। उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी और पहले निर्देश के अनुसार उस उम्मीदवार को इंटरव्यू में शामिल होने के लिए कोई हाॅल टिकट भी नहीं जारी किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए जारी शेड्यूल को चेक कर सकते हैं।

UPSC CSE 2023 इंटरव्यू शेड्यूल कैसे करें चेक

Step 1 - यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जाएं। Step 2 - होम पेज पर दिए गए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 इंटरव्यू शेड्यूल लिंक पर क्लिक करें। Step 3 - एक नया पेज खुलेगा, जहां फेज 3 इंटरव्यू शेड्यूल पर क्लिक करें। Step 4 - एक पीडीएफ आपकी स्क्रीन पर आ जाएगी। Step 5 - अब कार्यक्रम चेक करें और प्रिंट निकाल लें।

पुलिस भर्ती में बेच रहे थे गलत पेपर, धड़ाधड़ हो रही कार्रवाई

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

लगता है अब मर गई ममता बनर्जी की "ममता", संदेश खाली का कड़वा सच

Capture 11 6
West Bengal News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:09 PM
bookmark
West Bengal News : पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार चर्चा बेहद विपरीत है। लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि "लगता है ममता बनर्जी की ममता पूरी तरह से मर गयी है।" यही नहीं ममता बनर्जी को उन्हीं के प्रदेश की महिलाएं चुनौती दे रही हैं कि यदि हिम्मत है तो एक बार उनके गांव में आकर उनकी दुर्दशा को देखने का काम करें ममता बनर्जी। चुनौती देने वाली महिलाएं पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव तथा उसी ताल्लुका की हैं।

West Bengal News

क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि ममता बनर्जी के प्रदेश पश्चिम बंगाल का संदेशखाली इस समय उत्पीडऩ व ज्यादती की घटनाओं का केद्र बना हुआ है। आरोप है कि ममता बनर्जी की पार्टी TMC के लोगों ने संदेशखाली की महिलाओं के साथ जुल्म तथा ज्यादती की सारी सीमाएं पार कर दी हैं। ममता बनर्जी के प्रदेश पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई जुल्म तथा ज्यादती की पूरी घटना पर राजनीतिक विश्लेषक विमल राय ने एक लम्बा लेख लिखा है। यहां संदेशखाली पर लिखा गया विमल राय का पूरा लेख हम आपको ज्यों का त्यों पढ़वा रहे हैं।

संदेशखाली का कडुवा सच

बारह फरवरी को राज्यपाल आनंद बोस जब संदेशखाली दौरे पर थे, तो रोती-कलपती कुछ महिलाओं ने उन्हें राखी बांधकर रक्षा की गुहार लगाई। देश की इकलौती महिला मुख्यमंत्री और वाम राज में महिला उत्पीडऩ को लेकर सडक़ पर संग्राम करने वाली ममता के राज में ऐसा भी होता है, किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। बंगाल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सुंदरवन के मुहाने पर बसे संदेशखाली के चेहरे की कुरूपता आज पूरा देश देख रहा है। महिलाओं को आधी रात में पार्टी ऑफिस में बुलाने, जमीन और जलागार हड़पने, दुकानदारों से अवैध वसूली करने, इलाके को विपक्ष शून्य करने के लिए हमले करने जैसी दर्जनों शिकायतों का निपटारा करने वाला कोई नहीं था। संवेदनहीन पुलिस अब प्रभावित इलाकों में घूम- घूमकर लोगों, खासकर महिलाओं को मीडिया के सामने मुंह नहीं खोलने की हिदायत दे रही है। यहां की सांसद नुसरत जहां को इलाके की महिलाओं के आंसू पोंछने चाहिए थे, पर वह 14 फरवरी को, इंस्टाग्राम पर वेलेंटाइन डे मना रही थीं। भ्रष्टाचार के मामलों में जिस सरकार के एक दर्जन से ज्यादा मंत्री, उनके बेटे-बेटी व अफसर जेल की हवा खा रहे हों, उस पर संदेशखाली कांड ने जले पर नमक छिडक़ा है, पर सरकार के चेहरे पर शिकन तक नहीं है। सरकार पूरी ताकत से इस इलाके में विपक्षी नेताओं का प्रवेश रोकने में लग गई है। राज्य भाजपा अध्यक्ष और बालुरघाट से लोकसभा सांसद सुकांत मजूमदार संदेशखाली जाते समय सुरक्षाकर्मियों से झड़प में घायल हो गए और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से शिकायत की। उनकी शिकायत पर लोकसभा की विशेषाधिकार रक्षा समिति ने मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका, पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार, उत्तर 24 परगना के डीएम शरद कुमार द्विवेदी, बशीरहाट के एसपी और एएसपी को 19 फरवरी को दिल्ली में हाजिरी लगाने को कहा है। 14 फरवरी को संदेशखाली मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर पूरे इलाके में जारी निषेधाज्ञा खारिज कर दी। उसी दिन सुकांत को रोककर पुलिस प्रशासन ने उनका विशेषाधिकार हनन किया। याद करें, राजीव कुमार वही आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्हें शारदा चिटफंड मामले में सीबीआई की संभावित गिरफ्तारी से बचाने के लिए ममता धरने पर बैठी थीं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने साफ कहा कि पुलिस ग्रामीण महिलाओं के विरोध को कुचलने के बदले अपराध में शामिल कथित दो प्रमुख आरोपियों की तलाश करे। मालूम हो कि कई सौ करोड़ रुपये के राशन घोटाले के सिलसिले में छापा मारने गई प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर शाहजहां के गुर्गों ने हमला किया था और तभी से वह फरार है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक कह चुका है कि बंगाल में कानून का शासन नहीं, बल्कि शासक का कानून चलता है। विधानसभा में ममता ने शाहजहां का बचाव किया और भाजपा व आरएसएस पर दोष मढ़ा। जून, 2019 में भी तीन राजनीतिक हत्याओं के मामले में शेख शाहजहां का नाम आया था, पर तब भी ममता ने उसका बचाव किया था। वाम जमाने में शेख शाहजहां की औकात एक स्थानीय रंगबाज की थी, पर ममता की शरण में आने के बाद रसूख के साथ उसकी संपत्ति भी तेजी से बढ़ी। बताया जाता है कि आज वह कई सौ करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक है। शिक्षा घोटाले में पार्थ चटर्जी, पशु तस्करी घोटाले में अणुव्रत मंडल, राशन घोटाले में जेल में बंद मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक सहित काले कारनामे करने वाले दर्जनों अभियुक्तों का ममता ने हर बार बचाव किया। लोकसभा चुनाव करीब है और सरकार को लगता है कि लक्ष्मी भंडार के पांच सौ रुपये (जिसे बजट में बढ़ाकर एक हजार किया गया है) और अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए एक हजार रुपये का भत्ता देकर राज्य की दुर्गा शक्ति को खुश कर देगी। और हां, बाहरी का ढोल पीटकर बंगालियों की भावना को भी भुनाना है। विपक्ष का आरोप है कि संदेशखाली के कुछ इलाकों में रोहिंग्या शरणार्थी बस गए हैं। इस आरोप में दम है, क्योंकि ईडी अफसरों पर हमले की हिमाकत कोई कट्टरपंथी जमात ही कर सकती है। आज भी बांग्लादेश में म्यांमार से आए चार लाख से ज्यादा शरणार्थी हैं। वहां आज जिस तरह भारत विरोधी हवा बहाई जा रही है, उसे देखकर यही लगता है कि सुंदरवन के दुर्गम इलाकों से भारत में संगठित तरीके से घुसपैठ तो नहीं कराई जा रही है?

अरविंद केजरीवाल का दावा, गिरफ्तार करना चाहती है भाजपा

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

टोल प्लाजा पर नहीं चलेगा पेटीएम वाला फास्टैग, ढाई करोड़ नागरिक प्रभावित

Capture 10 7
Paytm FASTag
locationभारत
userचेतना मंच
calendar17 Feb 2024 09:05 PM
bookmark
Paytm FASTag : पेटीएम बैंक पर पाबंदी के कारण 29 फरवरी के बाद पेटीएम वाला फास्टैग बेकार हो जाएगा। पूरे भारत में पेटीएम वाले फास्टैगका प्रयोग ढाई करोड़ लोग करते हैं। पेटीएम पर पाबंदी के बाद बनी नई व्यवस्था में 29 फरवरी के बाद पेटीएम वाला फास्टटेग पूरी तरह अवैध हो जाएगा। कोई भी नागरिक पेटीएम का फास्टैग का इस्तेमाल टोल प्लाजा पर नहीं कर सकेगा।

Paytm FASTag

8 करोड़ फास्टटैग है भारत में

आपको बता दें कि पूरे भारत में 8 करोड़ नागरिक फास्टटैग का उपयोग करते हैं। इन आठ करोड़ नागरिकों में पेटीएम वाले फास्टैग का प्रयोग करने वाले यूजर्स की संख्या ढाई करोड़ के आसपास है। पेटीएम बैंक पर आरबीआई ने पाबंदी लगा दी है। आरबीआई के आदेश पर पेटीएम बैंक 29 फरवरी से बंद हो जाएगा। इसी कारण 29 फरवरी से पेटीएम बैंक वाला फास्टैग भी बेकार हो जाएगा।

एनएचआई ने जारी कर दिया है आदेश

आपको बता दें कि भारत में अधिकतर टोल प्लाजा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचआई की देखरेख में संचालित होते हैं। एनएचआई ने फास्टैग से जुड़े हुए 32 अधिकृत बैंकों की नई सूची जारी की है। एनएचआई की बैंकों की सूची में से पेटीएम बैंक का नाम हटा दिया गया है। पेटीएम का नाम हटते ही अब पेटीएम वाले फास्टटेग बेकार हो जाएंगे। पेटीएम के फास्टैग बेकार होने से देश भर के ढाई करोड़ फास्टैग यूजर को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

एडवाइजरी की गई है जारी

आपको बता दें कि शुक्रवार को एनएचएआई की टोल संग्रहण इकाई भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लि. (आईएचएमसीएल) ने फास्टैग यूजर्स के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें 32 अधिकृत बैंकों से 'फास्टैग' सेवाएं लेने की सलाह दी है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक का नाम इस सूची में नहीं है। जानकारों का कहना है, जिनके पास पेटीएम फास्टैग है। उन्हें उसे सरेंडर कर ऐसे अधिकृत बैंक से नया फास्टैग खरीदना होगा। आईएचएमसीएल ने सोशल मीडिया पर 32 अधिकृत बैंकों की सूची साझा कर कहा, वह आरबीआई के निर्देशों के तहत यूजर्स को नवीनतम 'फास्टैग' केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। आईएचएमसीएल ने 19 जनवरी को लिखे पत्र में पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नया फास्टैग जारी करने से रोक दिया था।

बड़ी खबर: कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ जाएंगे भाजपा में, किसी भी समय हो सकती है घोषणा

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।