Weather News :उत्तर भारत में भीषण गर्मी व लू की भयंकर मार

Heat Wave Alert Heat wave will wreak havoc on these states including Delhi from today
Heat Wave Alert Heat wave will wreak havoc on these states including Delhi from today
locationभारत
userचेतना मंच
calendar11 Apr 2022 08:12 PM
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New Delhi: नई दिल्ली (एजेंसी)। उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में दिन के समय तेज धूप जैसे आसमान से आग बरसा रही है। बढ़ते तापमान के साथ लू के थपेड़ों से लोग परेशान हैं। मौसम विभाग ने देश के कई राज्यों में लू (हीट वेव) की चेतावनी दी है। आईएमडी के मुताबिक, राजस्थान, पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पश्चिमी मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भीषण लू चलने की संभावना है। राजधानी दिल्ली व एनसीआर में गर्मी के चलते मौसम विभाग ने 'येलो' अलर्ट जारी किया है। दिल्ली के कई जगहों पर हीटवेव कंडीशन और बहुत से इलाकों में सीवियर हीटवेव कंडीशन की भविष्यवाणी की गई है। दिन के समय आज दिल्ली का न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है, जबकि अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। पहाड़ी इलाकों की बात की जाये तो मौसम विभाग ने उत्तराखंड में फिर मौसम बदलने की संभावना जताई है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते अगले कुछ दिनों में यहां बारिश हो सकती है। जिसके चलते तापमान में कुछ कमी आ सकती है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रहेगा। वहीं हिमाचल प्रदेश के शिमला का न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रहने वाला है और अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
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Deoghar- त्रिकूट पहाड़ हादसे में 2 की मौत, 16 पर्यटकों को निकाला गया, हवा में अब भी लटक रही 48 जिंदगिया

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त्रिकूट पर्वत हादसे से जुड़ी ताजा जानकारी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 08:38 AM
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Deoghar- झारखंड राज्य के देवघर के त्रिकूट पर्वत पर हुए हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। सेना के जवान लगातार हादसे में फंसे लोगों को निकालने में लगे हुए हैं। राज्य सरकार के विशेष अनुरोध पर इंडियन एयर फोर्स (Indian Air Force) के हेलीकॉप्टर द्वारा फंसे यात्रियों के सकुशल वापसी कराई जा रही है। ताजा जानकारी के मुताबिक हादसे में 2 लोगों की मौत की खबर सामने आई है जबकि 10 पर्यटकों के घायल होने की खबर सामने आ रही है। हादसे में फंसे हुए 19 पर्यटकों को निकाला जा चुका है जिन्हें प्राथमिक उपचार के लिए देवघर स्थित सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया है। जबकि (Trikut parvat, Deoghar)अन्य फंसे हुए यात्रियों को निकालने का प्रयास जारी है। झारखंड में त्रिकुट पहाड़ एकमात्र पर्यटन स्थल है जहां रोपवे का इस्तेमाल किया जाता है। रोप-वे में पर्यटकों के लिए कुल 25 केबिन उपलब्ध हैं, जिसमें प्रत्येक केबिन में चार लोग बैठ सकते हैं। रोपवे से पहाड़ की चोटी तक पहुंचने के लिए केवल 8 मिनट समय लगता है। रोपवे की क्षमता 500 लोग प्रति घंटे का है। रोपवे की दो ट्रालियों को आपस में टकराने से यह बड़ा हादसा हुआ है।

22 घंटे से हवा में झूल रही हैं जिंदगिया-

देवघर (Deoghar) के त्रिकूट पर्वत पर हुए हादसे को 22 घंटे से भी ज्यादा हो चुके हैं। हादसे में फंसे पर्यटकों में हर उम्र के लोग शामिल हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए जिन लोगों को बाहर निकाला गया है उनमें कई बच्चे भी हैं जो 22 घंटे से हवा में लटके हुए, बिना कुछ खाए पिए जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे थे।
Greater Noida Authority- सड़कों पर आवारा घूमने वाले गोवंशो की सुरक्षा को लेकर प्राधिकरण द्वारा किए गए कड़े इंतजाम
आइटीबीपी के मुताबिक रेस्क्यू ऑपरेशन काफी खतरनाक है लेकिन शाम तक हादसे में फंसे सभी पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकलने का काम पूरा हो जाएगा। इस रेस्क्यू में वायुसेना के 2MI-17 हेलीकॉप्टर को भी शामिल किया गया है। इस हेलीकॉप्टर में कुर्सी पर बैठा कर लोगों को वर्टिकल तरीके से रेस्क्यू किया जा रहा। खबर लिखे जाने तक 19 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 29 अन्य लोगों को अभी भी फंसे होने की खबर सामने आई है।
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Inspirational Story : निदा हसन, जो लाखों लोगों की मदद कर उनकी आवाज़ बनीं, जानें इनके बारे में...

Nida Hasan who became voice of millions of people by helping them
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:13 AM
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कहते हैं कि सपने तभी पूरे होते हैं, जब हम उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत को लग जाएं, वरना सपना देखते-देखते लोगों की जिंदगी गुजर जाती है, लेकिन कोई साकार नहीं होता. खास तौर पर दूसरों की मदद के लिए जिन्हें सपने देखने की आदत हो जाती है, उन्हें रात छोटी लगती है और जिनमें इन्‍हें पूरा करने की ललक होती है, उन्हें दिन छोटा लगता है. निदा हसन (Nida Hasan) भी एक ऐसा ही नाम है, जिन्‍होंने मेहनत के बलबूते दूसरों की मदद के नए आयाम स्‍थापित किए. Change.org की कंट्री डायरेक्‍टर निदा अपनी संस्था के लिए काम करते समय लाखों लोगों की आवाज बनी हैं. ऐसे ना जाने कितने ही किस्‍से हैं, जो लोगों की मदद के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों के विरले उदाहरण हैं. ब्रॉडकास्ट जर्नलिस्‍ट रहीं निदा हसन (Nida Hasan) बताती हैं कि जर्नलिज्‍म करने के दौरान उन्‍हें यह महसूस हुआ कि उन्‍हें समाज के लिए कुछ करना है. उन्होंने तभी से गैर सरकारी संगठन change.org से जुड़ने का फैसला किया. और ऐसा करना उनके लिए कतई आसान नहीं था, क्‍योंकि ब्रॉडकास्ट जर्नलिस्‍ट के तौर पर वह इस फील्‍ड में अपने पैर गहरे जमा चुकी थीं. वह कहती हैं, एक दिन मुझे लगा कि अब पत्रकारिता से अलविदा कहकर उन लोगों की आवाज बनने का वक्‍त आ गया है, जिनके बारे में लोग कम सोचते हैं और वह किन्‍हीं वजहों से अपनी आवाज नहीं उठा पाते. यही वजह थी कि मैं change.org से जुड़ी. Nida Hasan बताती हैं कि, एक रोज़ 11 साल के एक बच्चे आर्यन के पिता शिव शंकर चौधरी उनके पास आए और फूट-फूटकर रोने लगे. उनके बेटे को हंटर्स डिजीज थी, जोकि एक रेअर जेनेटिक डिसऑर्डर था. इसकी इलाज को दवाएं काफी महंगी थीं. दवाएं न मिलने पर बच्चा सालभर से ज्‍यादा जी नहीं पाता. निदा इस बच्‍चे के लिए आगे आईं और इस कैंपेन को आगे बढ़ाने के लिए उन्‍होंने संचार माध्यमों का सहारा लिया और लोगों तक पहुंचाया. इस काम में महीनों लग गए, लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई और शिवशंकर चौधरी की पुकार स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंची और आर्यन का इलाज हो पाया. शिवशंकर चौधरी ने जब निदा को इसके लिए शुक्रिया कहा, तो दोनों फूट-फूटकर रोए. ये आंसू एक बच्चे को जीवनदान देने के सुख के थे. Inspirational Story : वह मौत से बचा लाया अपनी पत्नी को… ठीक इसी तरह, चाइल्‍ड अब्‍यूज का शिकार हुईं 40 की पूर्णिमा गोविंदराजू जब इतने लंबे वक्‍त बाद इसकी शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचीं, तो पुलिस ने इसे बरसों पुराना केस बताते हुए रिपोर्ट लिखने से इनकार कर दिया गया. इस मामले में भी निदा पूर्णिमा की अवाज बनीं और पूर्णिमा को इंसाफ दिलाने के अभियान में उन्‍होंने कई लोगों से बात की. निदा कहती हैं कि ज्यादातर लोगों ने स्वीकारा कि बचपन में उनके साथ भी ऐसी घटनाएं हुईं, लेकिन उम्र की परिपक्‍वता न होने के चलते वे इसे गंभीरत से समझ न सके. निदा ने इस अभियान के लिए दिन-रात एक कर दिया. नतीजतन, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने घोषणा की कि चाइल्ड अब्यूज से जुड़े मामलों की एफआईआर दर्ज कराने के लिए उम्र सीमा तय नहीं होनी चाहिए. उक्‍त नियम से एक और फायदा यह हुआ था कि यौन शोषण करने वाले अपराधियों के मन में कानून का डर पैदा हो गया. वह अपने बचपन का एक किस्‍सा याद करते हुए बताती हैं कि वह जिस कॉन्‍वेंट स्कूल में पढ़ती थीं, वहां लड़कियों को चोटी बांधकर आने को कहा गया. वह उस वक्‍त 9वीं कक्षा में पढ़ती थीं. इसके विरोध में वह प्रिंसिपल के पास यह तर्क करने पहुंच गई कि ‘पोनी टेल’ में भी तो बाल बंधे होते हैं, फिर चोटी बांधने की क्या जरूरत है? जैसे-जैसे वह बड़ी होती गईं तो उनके घरवालों, स्कूलवालों और बाहरवालों को भी यह पता चल चुका था कि यह लड़की अपनी तार्किक बातों को लेकर तब तक चुप नहीं बैठेगी, जब तक अपनी बात मनवा न ले. Motivational Story : आज भी समाज में मौजूद हैं राम व लक्ष्मण जैसे भाई निदा का एक ओर क्रांतिकारी कदम यह था कि रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार की लड़की होने के बावजूद उन्‍होंने फ्रांस के लड़के से शादी की. निदा द्वारा चलाए गए एक अन्‍य कैंपेन को भी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का सपोर्ट मिला और पासपोर्ट संबंधी पुराने नियमों की समीक्षा की गई, जिसके बाद उसमें बदलाव किया गया. उनकी इस मेहनत की बदौलत अब केवल एक पेरेंट के नाम के साथ भी पासपोर्ट बनाया जा सकता है. निदा कहती हैं कि आज भी देश के कई इलाकों में आने वाली बाढ़ के कारण लोग अपना घर और सामान छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चलते जाते हैं. ऐसे में उनके पास खाना फूड और कपड़ों की तो खूब मदद आती है, लेकिन महिलाओं की हाइजीन से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा दरकिनार कर दिया जाता है, जोकि है सैनेटरी पैड की जरूरतों का. एक ऐसा ही अभियान चला रही असम की मयूरी भट्‌टाचार्य का साथ निदा ने दिया. उन्‍होंने इस अभियान को अपनी संस्था के जरिये समर्थन दिया और असम सरकार ने प्राकृतिक आपदा या बाढ़ग्रस्त इलाकों में पहुंचाए जाने वाली राहत सामग्री में सैनेटरी पैड की व्यवस्था की और हर जरूरतमंद महिला तक इसे पहुंचाने की राह आसान बनाई गई.