Manipur Violence : मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए बुलाई जाए संसद की स्थायी समिति की बैठक : टीएमसी

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Parliamentary Standing Committee meeting should be called to discuss Manipur violence: TMC
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:46 AM
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नयी दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने मणिपुर में मौजूदा हिंसा की स्थिति के आकलन के लिए गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति की तत्काल बैठक बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत को समझने तथा स्थिति की वास्तविक जानकारी होना आवश्यक है।

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हिंसा की मौजूदा स्थिति का आकलन जरूरी समिति के अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद एवं पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बृज लाल को लिखे पत्र में राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस पार्टी के संसदीय मामलों के नेता ने कहा कि मणिपुर पर समिति की बैठक की आवश्यकता है, जो वर्तमान में जातीय हिंसा से जूझ रहा है। तृणमूल कांग्रेस नेता ने 15 जून को लिखे पत्र में कहा कि मणिपुर में हिंसा की मौजूदा स्थिति के आकलन के लिए गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक की आवश्यकता और इससे प्रभावित लोगों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए मैं यह पत्र लिख रहा हूं। लोकतांत्रिक प्रणाली के प्रतिनिधि के तौर पर यह आवश्यक है कि हम यह कार्य करें।

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हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत, 11 जिलों में कर्फ्यू मणिपुर में करीब एक महीने पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई। राज्य के 11 जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट पर प्रतिबंध है। इस पत्र में ओ’ब्रायन ने कहा है कि गिरजाघर प्राधिकरण से मिली जमीनी रिपोर्ट यह संकेत देती है कि कई गिरजाघरों में तोड़ फोड़ की गई है। उन्होंने कहा कि यह अभूतपूर्व स्थिति है। आवश्यक सामग्री की कीमतें बढ़ गई हैं। एटीएम के सामने लंबी कतारें लगी रहती हैं। मणिपुर में हालिया हिंसा की घटनाओं ने क्षेत्र में रह रहे लोगों की सुरक्षा और सलामती को लेकर चिंताएं खड़ी की हैं। ऐसी सूचना है कि कई लोग मारे गए हैं और हजारों विस्थापित हुए हैं। देखते ही गोली मारने के आदेश राज्य में भय के माहौल को बढ़ाते हैं। तीन मार्च से हिंसा की आग में जल रहा है मणिपुर उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि हम जमीनी हकीकत को समझें और हिंसा के असर का आकलन करें। मणिपुर में जारी हिंसा पर चर्चा करने के लिए स्थायी समिति की बैठक होनी चाहिए और इससे स्थिति की वास्तविक जानकारी प्राप्त होगी। अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे के लिए मेइती समुदाय की मांग के विरोध में मणिपुर में तीन मार्च को एकजुटता मार्च का आयोजन किया गया था, जिसके बाद राज्य में हिंसा भड़क गई थी। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Agriculture : बिना मिट्टी के खेती कर आज करोड़ों कमा रहें हैं ये किसान

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Jun 2023 05:54 PM
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ज़ब भी कभी खेती किसानी (Agriculture) की बात आती है तो लोगों के दिमाग़ में सबसे पहले जमीन और उसमें मौजूद मिट्टी की गुणवत्ता से जुड़े हुए सवाल उठने लगते हैं। लेकिन अगर आपसे यह कहा जाए कि खेती का एक ऐसा भी तरीका है जिसमें बिना मिट्टी की मौजूदगी के ही आप लगभग 50 अलग -अलग तरह की सब्जियां उगा सकते हैं। भले ही यह बात आपको थोड़ी आश्चर्यजनक लगे लेकिन आज महाराष्ट्र और तेलंगाना के दो किसानों के बारे में जानकर आप इस बात पर पूरा भरोसा कर सकेंगे।

Agriculture

यहाँ हम बात कर रहें हैं Hydroponic Farming के बारे में जिसमें हर रोज़ सुबह आप सब्जियों को लगा सकते हैं और कुछ ही समय के बाद ये सब्जियाँ और फल. आपको तैयार मिलेंगे। कुछ इसी तरह की खेती करते हैं महाराष्ट्र के रहने वाले विशाल माने जिन्होंने इस आधुनिक कृषि के लिए एक छोटा ग्रीन हाउस या Hydroponic Farm बना रखा है। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि उन्होंने अपने इस छोटे फार्म हाउस में 50 से भी ज्यादा सब्जी और फलों की उपज तैयार कर रखी है।

आधुनिक तकनीक को समझाने के लिए खड़ी कर दी कंपनी

Hydroponic Farming विधि के जानकार विशाल माने का कहना है कि वे चाहते हैं कि कृषि (Agriculture) की यह तकनीक ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच में पहुँचनी चाहिये। इसके लिए उन्होंने जगदंबा हाइड्रोपोनिक्स एंड एग्रीकल्चर सिस्टम नाम की एक कंपनी भी बनाई है। इस संस्था के द्वारा वे दुनियाभर के किसानों को इस नयी तकनीक के बारे में ट्रेनिंग देते हैं और उनके फार्म हाउस पर Hydropinic Farming का पूरा सेटअप भी लगाते हैं। कुछ ऐसा ही काम कर रहें हैं तेलंगाना के किसान हरिशचंद्र रेड्डी। उन्होंने भी इस तरह की कृषि के लिए पहले छः महीने गहन अध्ययन किया है।

कैसे काम करती है Hydroponic Farming?

Hydroponic शब्द का अगर आप विग्रह करें तो इसमें एक शब्द हाइड्रो निकल कर आता है जिसका अर्थ है - पानी। अर्थात बिना मिट्टी की इस खेती में आपको पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होगी। पानी और कंकड़- पत्थर के द्वारा जलवायु को नियंत्रित किया जाता है। इस फार्म का तापमान 15-30 डिग्री एवं आद्रता स्तर 80-85 फीसदी रखा जाता है। इस फार्म हाउस पाइप से बने हुए सेटअप का प्रयोग किया जाता है जिसमें ऊपरी भाग पर छिद्र किये जाते हैं। इन्हीं छिद्र में पौधों को रोपा जाता है। पानी से भरे हुए इन पाइप में पौधे की जड़ें पूरी तरह से डूबी हुई रहती हैं। पानी के साथ ही साथ इनमें जरुरी कीतनाशक और पोषक तत्वों को भी घोला जाता है।

क्या है लागत और कितना है मुनाफा?

कृषि का यह नया तरीका काफी सारे किसानों को पसंद आ रहा है और ख़ास कर ऐसे किसानों को जिनके पास पानी का पर्याप्त साधन है। लेकिन अब दिमाग़ में एक प्रश्न उठता है कि आखिर इस तरह के सेटअप को लगाने में कुल कितना खर्च आता है और एक बार Hydroponic Farming में पूरी तरह से माहिर होने के बाद कितनी कमाई की जा सकती है?

Agriculture

आपके इन प्रश्नों का जवाब चलिए उन्हीं से जानते हैं जो Hydroponic Farming करके आज लाखों रूपए कमा रहें हैं। तेलंगाना के हरिशचंद्र रेड्डी ने बताया कि शुरुआत में तो इस तरह की खेती में काफी खर्च आता है। जैसे अगर आप एक एकड़ के क्षेत्र में यह ग्रीन हाउस लगाना चाहते हैं तो करीब 50 लाख का खर्च आपको करना होगा। लेकिन इसके बाद आप करोड़ों रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।

किस तरह की सब्जियाँ और फल बन सकते हैं Hydroponic Farming की उपज?

गाजर, शलजम, मूली, शिमला मिर्च, मटर, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, तरबूज, खरबूजा, अनानास, अजवाइन, तुलसी, टमाटर, भिंडी जैसी फसलों को आप इस नयी खेती के जरिये उगा सकते हैं।

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Cyclone Biparjoy : अब राजस्‍थान में आई आंधी बारिश की आफत

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Now rain storm in Rajasthan
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:45 AM
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जयपुर। चक्रवाती तूफान 'बिपारजॉय'का असर राजस्‍थान के कुछ इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। जालोर और बाड़मेर जिले में कई जगह भारी बारिश हुई है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बृहस्‍पतिवार रात कुछ स्थानों पर 60-70 मिलीमीटर बारिश हुई है। आज भी इन दोनों जिलों और इनके आसपास के इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान है।

Cyclone Biparjoy

राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट अधिकारी ने बताया कि जालोर में आज सुबह तक 69 मिमी बारिश हो चुकी है और बारिश जारी है। विभाग ने चक्रवात की तीव्रता को देखते हुए 16 जून को बाड़मेर व जालोर जिले के कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसी के साथ जैसलमेर, जोधपुर, पाली, व सिरोही के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश की संभावना है। वहीं, बीकानेर, राजसमंद, उदयपुर और डूंगरपुर जिले के कुछ हिस्सों मे भी मूसलाधार बारिश की हो सकती है।

Manipur Violence : केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह का घर फूंका

17 जून को बाड़मेर और जोधपुर जिलों के लिए 'रेड अलर्ट' मौसम विभाग ने राज्‍य में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना व्यक्त की हैं। वहीं, दक्षिण राजस्थान में 16 जून को दोपहर तक 60 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से तेज हवायें चलने का अनुमान है। विभाग ने 17 जून को बाड़मेर और जोधपुर जिलों के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया है। इसी के साथ भीलवाडा, करौली, सवाईमाधोपुर, सीकर, टोंक, बीकानेर, नागौर में तेज गरज के साथ वर्षा और तेज हवाएं चलने का अनुमान है।

Cyclone Biparjoy

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प्रभावित लोगों की मदद को एनडीआरएफ तैनात इस बीच, प्रशासन ने भारी बारिश से प्रभावित लोगों के बचाव के लिए जयपुर, कोटा, भरतपुर, उदयपुर, अजमेर, जोधपुर और बीकानेर में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की आठ और किशनगढ़, अजमेर में एनडीआरएफ की एक कंपनी को तैनात किया है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।