दिव्यांगजनों के लिए बड़ी खुशखबरी, योगी सरकार ने दोगुना किया भत्ता

दिव्यांगजनों के लिए बड़ी खुशखबरी, योगी सरकार ने दोगुना किया भत्ता
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 08:53 PM
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दिव्यांगजनों की देखभाल और सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा विशेष विद्यालयों और संस्थाओं में निवासरत दिव्यांगजनों के भरण-पोषण भत्ते में 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। अब इन्हें पहले की तुलना में दोगुनी राशि यानी ₹2000 की जगह ₹4000 प्रतिमाह दिए जाएंगे। यह आदेश उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा बुधवार से लागू कर दिया गया है। Uttar Pradesh News 

दिव्यांगों को मिली बड़ी राहत

प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में लगातार ठोस और संवेदनशील कदम उठाए जा रहे हैं। भत्ते में की गई यह बढ़ोतरी दिव्यांग बच्चों और उनके परिजनों के लिए न केवल आर्थिक राहत है बल्कि यह सरकार की मानवीय सोच का भी परिचायक है।

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लागू की गई नई व्यवस्था

प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार, वर्ष 2016 में जारी पुराने आदेश को संशोधित करते हुए यह नई व्यवस्था लागू की गई है। इस संबंध में सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, मंडलीय उपनिदेशकों, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारियों, विभागीय प्रशिक्षण केंद्रों, आश्रयगृहों के अधीक्षकों और राजकीय विशेष विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को सूचित कर दिया गया है ताकि पात्र लाभार्थियों तक समय से यह सहायता पहुंचे। इस निर्णय से प्रदेश भर के हजारों दिव्यांग छात्र-छात्राओं और उनके परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा, जिससे उनकी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना और बेहतर जीवन यापन संभव हो सकेगा। Uttar Pradesh News 
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उत्तर प्रदेश में है पंचनद संगम, दुनिया में अनोखी जहां मिलती हैं पांच नदियां

उत्तर प्रदेश में है पंचनद संगम, दुनिया में अनोखी जहां मिलती हैं पांच नदियां
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 03:57 PM
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भारत की सांस्कृतिक धरोहर में नदियों का विशेष स्थान है। गंगा, यमुना, सरस्वती जैसे पवित्र नदियों के संगम स्थल देश भर में आस्था और पर्यटन के केंद्र रहे हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश का एक ऐसा जिला है जिसमें स्थित एक जगह ऐसी भी है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से विशेष है, बल्कि भौगोलिक दृष्टि से भी दुनिया में अनोखी मानी जाती है। यह स्थान है पंचनद, जहां पांच नदियां चंबल, सिंध, कुंवारी, यमुना और पहज एक साथ मिलती हैं। Uttar Pradesh Samachar :

कहां स्थित है पंचनद?

पंचनद का यह संगम स्थल इटावा और जालौन की सीमा के पास स्थित है। बुंदेलखंड के इस हिस्से में स्थित यह स्थल प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक मान्यता का अद्भुत संगम है। आमतौर पर हम तीन नदियों के संगम की बात सुनते हैं, जैसे प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती। लेकिन पंचनद वह स्थान है, जहां पांच नदियों का एक साथ संगम होता है और यह विश्व में अपनी तरह का एकमात्र स्थल माना जाता है।

धार्मिक और पौराणिक महत्व :

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, महाभारत काल में पांडवों ने अपने वनवास के दौरान यहां विश्राम किया था। कहा जाता है कि यहीं पर भीम ने राक्षस बकासुर का वध किया था। मान्यता है कि गोस्वामी तुलसीदास ने एक बार महर्षि मुचकुंद की परीक्षा लेने के लिए पंचनद की यात्रा की थी। उन्होंने पानी मांगा, और मुचकुंद ने अपने कमंडल से जल निकाला जो कभी खत्म नहीं हुआ यह जल आज भी आस्था का केंद्र बना हुआ है।

पंचनद को क्यों कहा जाता है महातीर्थराज

यह स्थल ना केवल प्राकृतिक रूप से विलक्षण है, बल्कि लोगों की गहरी श्रद्धा और आस्था का केंद्र भी है। इसलिए इसे कई श्रद्धालु महातीर्थराज भी कहते हैं अर्थात वह तीर्थ, जो बाकी सभी तीर्थों से बड़ा है। आज भी यह स्थल अपेक्षाकृत कम प्रचारित है, लेकिन इसके धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व को देखते हुए यह राज्य और देश के नक्शे पर प्रमुख स्थान बना सकता है। यदि उचित विकास और प्रचार मिले, तो पंचनद बुंदेलखंड क्षेत्र में पर्यटन और आस्था का बड़ा केंद्र बन सकता है। पंचनद सिर्फ नदियों का मिलन स्थल नहीं, बल्कि यह इतिहास, धर्म और प्रकृति का संगम भी है। उत्तर प्रदेश के जालौन जिले की यह अद्वितीय धरोहर अब भी तलाशे जाने का इंतजार कर रही है। यह न केवल प्रदेश के लिए गर्व की बात है, बल्कि दुनिया के लिए भी एक विरला उदाहरण है। Uttar Pradesh Samachar
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जस्टिस वर्मा पर लटक रही बर्खास्तगी की तलवार, अब SC ने दिया बड़ा झटका

जस्टिस वर्मा पर लटक रही बर्खास्तगी की तलवार, अब SC ने दिया बड़ा झटका
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:41 PM
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इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) के लिए अब राह आसान नहीं रही। कैश कांड में घिरे जस्टिस वर्मा को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा है। उन्होंने खुद के खिलाफ की गई इन-हाउस जांच और तत्कालीन चीफ जस्टिस की सिफारिश को चुनौती दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उनकी याचिका खारिज कर दी। Supreme Court 

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने साफ कहा कि जांच समिति का गठन और उसकी प्रक्रिया पूरी तरह वैध है। बेंच में शामिल जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह ने यह भी कहा कि जस्टिस वर्मा ने जांच समिति को समय रहते चुनौती नहीं दी, इसलिए अब उनकी याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को जो पत्र भेजा था वह असंवैधानिक नहीं था।

इस्तीफे से किया साफ इंकार

अगर जस्टिस वर्मा स्वेच्छा से इस्तीफा देते हैं, तो वह न केवल महाभियोग से बच सकते हैं बल्कि उन्हें रिटायर्ड जज के तौर पर पेंशन और अन्य लाभ भी मिलेंगे लेकिन अगर उन्हें संसद महाभियोग के जरिए हटाती है, तो उनका पेंशन और सभी रिटायरमेंट लाभ खत्म हो जाएंगे। हालांकि जस्टिस वर्मा ने अभी तक इस्तीफे से साफ इनकार किया है और खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

संसद में महाभियोग प्रस्ताव दाखिल

जस्टिस वर्मा के खिलाफ संसद के दोनों सदनों में महाभियोग का प्रस्ताव दाखिल हो चुका है। लोकसभा में 152 सांसदों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। राज्यसभा में 54 सांसदों ने समर्थन जताया है। 21 जुलाई को राज्यसभा के तत्कालीन सभापति जगदीप धनखड़ ने भी महाभियोग नोटिस की पुष्टि की थी। लेकिन उसी शाम उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। अब 9 सितंबर को नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

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अब क्या आगे का रास्ता?

कानूनी जानकारों के मुताबिक, अगर कोई हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का जज खुद इस्तीफा देता है, तो संसद में मौखिक रूप से अपने इस्तीफे का ऐलान भी कर सकता है। ऐसे में महाभियोग की प्रक्रिया रुक सकती है। लेकिन अब सबकी नजर इस पर है कि क्या जस्टिस वर्मा खुद पद छोड़ते हैं या संसद में ऐतिहासिक महाभियोग की कार्यवाही शुरू होती है। Supreme Court