Saharanpur News : रेलवे का TT निकला वाहन चोर गिरोह का सरगना

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Saharanpur News Railway's TT turns out to be the kingpin of vehicle thief gang
locationभारत
userचेतना मंच
calendar13 Oct 2021 02:05 PM
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Saharanpur News : सहारनपुर में पुलिस ने वाहन चोरों के गैंग का खुलासा किया है। जांच में सामने आया कि पूरे गैंग (vehicle thief gang) को रेलवे (Railway) का TT (टिकट कलेक्टर) चला रहा था। पुलिस ने बुधवार को 5 आरोपियों को पकड़ लिया है। पूछताछ में TT ने बताया कि वह नौकरी से लौटने के बाद बाइक चोरी करवाता, फिर कबाड़ी को बेचता था। खुद भी वो गाड़ी काटने का एक्सपर्ट है।

पुलिस लाइन में एसपी सिटी राजेश कुमार ने प्रेसवार्ता कर बताया कि थाना देहात इंस्पेक्टर संतोष त्यागी बुधवार को चेकिंग कर रहे थे। तभी पहाड़पुर से 5 संदिग्ध लोग पुलिस को देखकर भागने लगे। शक होने पर उन्हें पकड़ा गया। इनकी पहचान विकल राणा उर्फ विक्की, फुरकान, सागर, सुरेश व सोबान उर्फ भोलू के रूप में हुई। इनके पास से चोरी की 3 स्कूटी, 1 मोटर साइकिल व 1 चाकू मिला है।

आरोपी विकल राणा अंबाला रेलवे में TT के पद पर कार्यरत है। आरोपी की नौकरी मृतक आश्रित में लगी है। पुलिस ने अंबाला रेलवे विभाग में भी जानकारी ली। जिसमें उसका फीडबैक निगेटिव मिला। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपी TT शराब के नशे में गाड़ी की चोरी करता था। इसके साथ एक कबाड़ी को भी गिरफ्तार किया है।

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Saharanpur News : पालिकाध्यक्ष और ईओ समेत चार के खिलाफ धोखाधड़ी का मकदमा

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Saharanpur News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:58 AM
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Saharanpur News : सरकारी दस्तावेज़ो को फर्जी दस्तावेजों से बदल कर धोखाधड़ी (Fraud) करते हुए संपत्ति हड़पने के मामले में पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर पालिकाध्यक्ष, पालिका अधिशासी अधिकारी (EO) समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा (case) दर्ज किया है। नगर के मोहल्ला खानकाह निवासी मौलवी मुजम्मिल ने न्यायालय में वाद दायर कर बताया था कि वर्ष 2005 में उन्होंने एक संपत्ति खरीदी थी। आरोप है कि उक्त जमीन को हड़पने की नियत से पालिकाध्यक्ष, ईओ नगरपालिका समेत पालिका के रिकार्ड कीपर एवं बिल कलैक्टर ने सांठ-गांठ कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए। जानकारी होने पर उन्होंने एसडीएम न्यायालय औरं सीजेएम कोर्ट में उक्त दस्तावेजो को चुनौती दी।

न्यायालय ने साक्ष्यों को स्वीकार करते हुए पुलिस को जांच के लिए निर्देशित किया था। वहीं, न्यायालय ने पालिका द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों का संज्ञान लेते हुए उनमें अंतर पाया। जिसे न्यायालय ने विपक्षीगणों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करार देते हुए अपराधिक षडय़ंत्र बताया और स्थानीय पुलिस को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया। पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर सभी नामजद आरोपियो के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 466, 467,471 एवं 120बी के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, पालिका अधिशाी अधिकारी डा. धिरेंद्र कुमार रॉय का कहना है कि मामला वर्ष २००५ का है। जबकि उन्हें देवबंद का चार्ज संभाले केवल दो माह हुए हैं।

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UP News: ब्राह्मण चेहरे के सहारे चुनावी वैतरणी पार करेगी कांग्रेस?

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 06:52 AM
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की तारीख जैसे-जैसे पास आती जा रही है राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी चुनावी गोटी सेट करने में लगे हुए हैं। चाहे भारतीय जनता पार्टी हो, समाजवादी पार्टी हो, बहुजन समाज पार्टी हो देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस, अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई भी किसी तरह के चूक के मूड में नजर नहीं आ रहीं। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का पिछले कई चुनावों में प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा है। लेकिन इस बार प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रभारी बनाए जाने के बाद से ही वह कांग्रेस में नई जान फूंकने के मिशन में जुटी हुई हैं और पूरे दम-खम के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के चुनावों में उतरने की पूरी रणनीति तैयार कर चुकी हैं। सियासी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश से किसी ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा सकती हैं। इसमें वैसे तो कई नामों पर चर्चा चल रही है लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ल का नाम इस रेस में सबसे आगे बताया जा रहा है। अपनी चुनावी रणनीति और तैयारियों से पूरी तरह आश्वस्त प्रियंका गांधी अपने मुख्यमंत्री के चेहरे को भी सबसे पहले सामने रखकर विरोधियों से राजनीतिक बढ़त बनाने की रणनीति पर भी काम कर रही हैं।

वैसे तो प्रियंका गांधी के पास कांग्रेस महासचिव का पद पहले से ही है लेकिन इस बार यूपी का प्रभारी बनाए जाने के बाद से ही रणनीति के तहत पार्टी किसी न किसी मुद्दे को लेकर लगातार चर्चा में है। खासकर कानून-व्यवस्था, उत्पीड़न और किसानों के मुद्दों पर या तो लगातार आंदोलन कर रही है या चल रहे आंदोलनों में सक्रिय भूमिका में है। सार्वजनिक मंच से पार्टी भले ही सर्व समाज की बात करती हो, पर उसके नेता स्वीकार करते हैं कि अपना आधार वोट बनाने की पुख्ता रणनीति पर भी काम किया जा रहा है। कांग्रेस के रणनीतिकार बताते हैं कि ब्राह्मणों के मुद्दे भी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। हमारे पास जो ब्राह्मण नेता हैं, चेहरे के तौर पर वर्तमान में वही विकल्प हमारे सामने हैं। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला समेत कई ब्राह्मण नेताओं के नाम पर विचार चल रहा है। हालांकि, अंतिम निर्णय में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की राय अहम होगी। राजीव शुक्ला इस संकट के दौर में भी पार्टी के मजबूत मददगार माने जाते हैं। उनके कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ट्विटर पर उन्हें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ही नहीं, पीएमओ भी फॉलो करता है। बता दें कि 80 के दशक तक अधिकांश समय प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकारें रहीं। इस दौरान पार्टी ने छह मुख्यमंत्री ब्राह्मण जाति से दिए। यूपी में वर्तमान में ब्राह्मणों की अनुमानित संख्या 10-12 फीसदी है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पार्टी ने विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण नेता को सीएम चेहरे के रूप में पेश करने की अंदर ही अंदर योजना बना ली है। कांग्रेस सूत्रों का यह भी कहना है कि भाजपा में बड़े पद पर रहे एक ब्राह्मण नेता भी उनके संपर्क में हैं। फिलहाल यह नेता अपनी पार्टी में साइड लाइन चल रहे हैं। कई बार उन्हें भाजपा में कुछ न कुछ बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चा चली, पर नतीजा सिफर ही रहा। नतीजतन, वह अपने पार्टी नेतृत्व से काफी निराश हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से उनकी मुलाकात भी हो चुकी है। कहा जा सकता है कि यह करीब-करीब तय है कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस ब्राह्मण चेहरे के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश में है।