Greater Noida News : दादरी नगर के लिए बड़ी खुशखबरी, जल्दी ही शुरू होगी आधुनिक लाइब्रेरी

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Great news for Dadri Nagar, modern library will start soon
locationभारत
userचेतना मंच
calendar19 Mar 2023 09:21 PM
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दादरी। प्रमुख तहसीलों में गिनी जाने वाली दादरी तहसील के मुख्यालय दादरी नगर के नागरिकों के लिए एक खुशखबरी आई है। खुशखबरी यह है कि यहां जल्दी ही एक अत्याधुनिक पब्लिक लाइब्रेरी (सार्वजनिक पुस्कालय) शुरू हो जाएगी। इस लाइब्रेरी की स्थापना मिहिर भोज इंटर कालेज के परिसर में की गई है। लाइब्रेरी में प्रत्येक विषय की हजारों पुस्तकों व डीजिटल पुस्तकों की भी व्यवस्था की गई है।

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लम्बे अर्से से थी मांग

दादरी नगर में लम्बे अर्से से सार्वजनिक पुस्तकालय की मांग की जा रही थी। पिछले साल कुछ जागरूक नागरिकों के प्रयास से मिहिर भोज इंटर कालेज में लाइब्रेरी का निर्माण शुरू हुआ था। अब यह लाइब्रेरी बनकर तैयार हो गई है। इसी माह के अन्त तक इस लाइब्रेरी को आम जनता को समर्पित करने की योजना है।

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युवा वर्ग को लाभ मिलेगा

इस लाइब्रेरी के शुरू हो जाने से ना केवल दादरी कस्बे के युवाओं को लाभ होगा, बल्कि आसपास के गांवों के युवा भी यहां पढ़ाई करके लाभ ले सकेंगे। अभी तक इस क्षेत्र में कोई सार्वजनिक पुस्कालय नहीं था। इस कारण पढ़ने वाले युवाओं को नोएडा अथवा गाजियाबाद जाना पड़ता था। खास तौर से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवक युवतियों को बड़ी समस्या होती थी। नोएडा ग्रेटर– नोएडाकी खबरों से अपडेट रहने के लिएचेतना मंचसे जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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UP News : यूपी में बिजलीकर्मियों की हड़ताल खत्म, सरकार ने वापस लिए सभी मामले

Bijali
Electricity workers' strike ends in UP, government withdraws all cases
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 06:49 PM
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बड़ी खबर आ रही है। खबर यह है कि पिछले 65 घंटो से चल रही बिजली कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त हो गई है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और बिजली कर्मचारियों के बीच हुई लम्बी बैठक के बाद हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी गई है। इस बीच सरकार ने घोषणा की है कि हड़ताल के कारण बिजली कर्मचारियों के विरुद्ध दर्ज किये गये सभी मामले वापस लिए जा रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने चेतना मंच को बताया कि सरकार के साथ लम्बी बातचीत में कर्मचारियों की मांगों पर सकारात्मक सहम​ति बनी है। इस कारण 65 घंटे से चल रही हड़ताल वापस ले ली गयी है। इस बीच सरकार ने जिन तीन हजार लोगों को नौकरी से निकालने का फैसला किया था, उन्हें भी वापस ले लिया गया है। 22 लोगों पर लगाया गया एस्मा कानून हटाकर सारे मामले वापस ले लिए गये हैं।

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आप को बता दें कि बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के कारण प्रदेश के कई शहरों, कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति का संकट पैदा हो गया था। सरकार ने हड़तालियों से सख्ती के साथ निपटना शुरू किया था। हड़ताल समाप्त होने के राहत की सांस ली। उत्तर प्रदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Special Story : सड़क हादसे में नाना को खोने के बाद ,साइकिल पर लाइट लगाने की मुहिम चला रही खुशी

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Special Story
locationभारत
userचेतना मंच
calendar19 Mar 2023 08:58 PM
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Special Story लखनऊ: मानवता और समाज सेवा का कोई धर्म नहीं होता है। तरीके भले ही अलग- अलग हों लेकिन उद्देश्य सिर्फ यही होता है कि कैसे लोगों की मदद की जा सके। लखनऊ के आशियाना इलाके में रहने वाली खुशी पाण्डेय भले ही 23 साल की हों। लेकिन उसने 18 साल की उम्र में ही समाज सेवा करने की ठानी है। अब साइकिल पर लाइट लगाने के लिए लोग उसकी खूब सराहना कर रहे हैं। खुशी के काम और हौसले ऐसे हैं कि सोशल मीडिया से लेकर हर जगह उसकी चर्चा है क्योंकि वो इन दिनों लखनऊ समेत आसपास के अन्य जिलों में 1500 से अधिक साइकिल पर वाइब्रेंट लाइट लगा चुकी हैं। जिससे रात के अंधेरे लोग दुर्घटनाओं का शिकार न हो। हालांकि इस काम के पीछे की वजह यह है कि जिस तरह से उसने अपने नाना को खोया है उस तरह से कोई भी परिवार अपने किसी सदस्य को न खोए।

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इसलिए खुशी ने शुरू किया लाइट लगाने काम

दरअसल, 25 दिसंबर 2022 की एक रात घने कोहरे में दुकान से घर लौटते समय कैलाश नाथ तिवारी की साइकिल में कार सवार ने पीछे से टक्कर मार दी थी। इस हादसे में जान गवाने वाले खुशी के नाना थे। उनकी मौत के बाद खुशी ने ठान लिया कि ऐसे हादसे रोकने के लिए कुछ न कुछ जरूर करेंगी। और उन्होंने जरूरतमंद लोगों की साइकल पर बैक साइड वाइब्रेंट लाइट लगाना शुरू किया।

खुशी ऐसे इकट्ठा करती हैं रूपए

खुशी खुद लॉ की छात्रा हैं। लेकिन समाजसेवा में पैसे की कमी न हो इसलिए वो सोशल मीडिया और यूट्यूब पर लीगल फर्म के माध्यम से लॉ के छात्रों को पढ़ाने का काम करती हैं। खुशी खुद लॉ की स्टूडेंट हैं। इसके अलावा पेड प्रमोशन, NGO और लोगों के साथ- साथ परिवार की मदद से जो पैसे इकठ्ठा होते हैं। उन्हें अलग- अलग अभियान चलाकर समाज सेवा करने का काम कर रही हैं। खुशी ने कहा कि वो रात को अंधेरे में साइकिल से जाने वालों को रोकती है। इसके बाद उन्हें समझाकर उनकी साइकिल में बैटरी से चलने वाली लाइट लगाती है। इसके पीछे का उद्देश्य सिर्फ यह है ताकि अंधेरे में उनकी साइकिल दूर से आने वाले गाड़ियों के ड्राइवर को नजर आ जाए और वह हादसे का शिकार न हों।

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80 युवा वॉलंटियर की टीम के साथ कर रहीं काम

मिशन उजाला के तहत साइकिल में लाइट के साथ ही ट्रैक्टर, ऑटो रिक्शा और बैटरी रिक्शे में रिफ्लेक्टिव स्टीकर लगा रहीं हैं। इस काम को करने के खुशी भले ही इस काम को करने के लिए अकेले बीड़ा उठाया हो लेकिन अब उनके पास करीब 80 युवा वॉलंटियर की अच्छी टीम है। जिनकी मदद से लखनऊ समेत आसपास के जिलों में 1500 से ज्यादा बैक साइड वाइब्रेंट लाइट लगा चुकी हैं। खुशी पाण्डेय ने सरकार से जुहार लगाते हुए कहा कि जो साइकिल लोग खरीद चुके हैं उनमें तो लाइट लगा देगें। लेकिन आने वाले दिनों में साइकिल से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अगर कोई ऐसा कानून बना दें। जिससे कि सभी साइकिलों पर ऐसी लाइट पहले से लगी हो। या फिर जैसे मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन करने पर गाड़ियों का चालान होता है वैसे ही कुछ साइकिल के लिए भी कर दिया जाए तो इस समस्या से जल्द छुटकारा मिल सकेगा। वहीं जो इस समस्या को दूर करने का उद्देश्य है वो भी पूरा हो जाएगा। नहीं तो ऐसे ही पूरी जिन्दगी यह काम करना पड़ेगा।

60 से 70 हजार महीने में कमाती हैं खुशी

खुशी बताती हैं कि 3-4 कामों से वो खुद महीने में 60- 70 हजार रूपए कमा लेती हैं। वहीं कुछ रिश्तेदार और कुछ लोग उनके कार्यों को बढ़ावा देने के लिए रुपए डोनेट भी करते हैं। खुशी ने बताया कि अभी उनके द्वारा जो काम किए जा रहे हैं। उसके लिए एक महीने में करीब 80- 90 हजार रूपए खर्च हो जाते हैं। लेकिन इसके अलावा भी कई प्रोजेक्ट हैं जिनपर काम करना है। उसके लिए फंड इकट्ठा नहीं हो पा रहा है। बावजूद इसके अभी वो महिलाओं को माहवारी की समस्या के लिए जागरूक करने के लिए ऑपरेशन दाग चला रहीं हैं। वहीं भुखमरी खत्म करने के प्रोजेक्ट अन्नपूर्णा और सड़क हादसों को रोकने के लिए मिशन उजाला चला रही हैं।

[caption id="attachment_75501" align="alignnone" width="750"]Special Story Special Story[/caption]

कुछ संस्थाएं कर दें मदद तो हो जाएंगे ये काम- खुशी

खुशी का कहना है कि बहुत सारे लोग सोशल इश्यू पर कार्य कर रहे हैं लेकिन उनका कुछ खास असर नहीं देखने को मिल रहा है। इसलिए देश के अन्य राज्यों और यूपी के अलग- अलग जिलों में अपने प्रोजेक्ट पर काम करेगें। तो उसमें ज्यादा पैसे लगेंगे। हालांकि, उनके पास समाजसेवा करने के कई और भी प्रोजेक्ट हैं। ऐसे में अगर कुछ संस्थाएं आगे आकर उनकी मदद कर देंगी तो उन प्रोजेक्ट्स पर भी काम करके लोगों की मदद की जा सकती है। 18 बरस की उम्र से ही खुशी ने अपने मोहल्ले के आसपास झोपड़पट्टी में रहने वाले बच्चों को ओपन क्लास में पढ़ाना शुरू कर दिया था। यह सिलसिला अब भी जारी है। इसके अलावा समय के साथ साथ लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कुछ और प्रोजेक्टस पर भी काम शुरू किया। Special Story

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