UP में टीचर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी, कितने नंबर लाना जरुरी है

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UP Teacher Recruitment
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calendar14 Dec 2023 04:49 PM
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UP Teacher Recruitment : उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने प्रदेश में टीचर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यूपी टीचर भर्ती का नोटिफिकेशन बुधवार को जारी किया गया। जिसके अनुसार, यूपी में उच्च से लेकर बेसिक शिक्षा, अनुदेशकों व सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक कॉलेजों के शिक्षकों की भर्ती होगी। आयोग द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के तहत शिक्षकों की भर्ती के लिए आने वाली लिखित परीक्षा और साक्षात्कार को लेकर पूरी जानकारी दी गई है। आइए जानते हैं कि यूपी में टीचर भर्ती के लिए क्या मानक हैं..

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यूपी में टीचर भर्ती के लिए यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन करना होगा। अध्यापक व अनुदेशकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। लिखित परीक्षा दो घंटे की वस्तुनिष्ठ आधार पर होगी। लिखित परीक्षा के लिए 90 प्रतिशत नंबर और 10 प्रतिशत नंबर इंटरव्यू के होंगे। जहां इंटरव्यू नहीं होगा वहां लिखित परीक्षा के पूरे 100 नंबर ही जोड़े जाएंगे। पूर्णांक का निर्धारण आयोग करेगा।

शिक्षा सेवा चयन आयोग के अनुसार, यूपी के प्रत्येक जिले में टीचर्स भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। ऐसे में बेसिक विद्यालयों में शिक्षकों के चयन के लिए लिखित परीक्षा व शैक्षिक गुणांक की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव हो सकता है। अब इनका चयन या तो सीधे लिखित परीक्षा या लिखित परीक्षा व इंटरव्यू के आधार पर होगा। वहीं यूजी-पीजी कॉलेज के प्राचार्य पद के लिए चयन लिखित परीक्षा व एपीआई के आधार पर होगा। लिखित परीक्षा में पास अभ्यर्थियों में से रिक्तियों के सापेक्ष तीन से पांच गुणा लोगों को बुलाया जाएगा।

तो निरस्त होगा विज्ञापन

शासन ने कहा है कि यदि तीन साल के अंदर विज्ञापित पदों के सापेक्ष चयन प्रक्रिया नहीं शुरू होती है तो आयोग इसका विज्ञापन निरस्त कर सकता है। आयोग को फिर से इसे विज्ञापित करने का अधिकार होगा। अल्पसंख्यक संस्थानों में अध्यापकों के लिए चयन का विज्ञापन के लिए पदों की सूचना अलग से प्रकाशित की जाएगी। उनकी चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार बोर्ड में एक विशेषज्ञ प्रतिनिधि अतिरिक्त रखा जाएगा।

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उत्‍तर प्रदेश का एक जिला ऐसा भी है जिसे “चावल का कटोरा” कहा जाता है

आपने उत्‍तर प्रदेश के शहरों व जिलों के अनेक नाम सुने व पढ़े होंगे किंतु क्‍या आपको पता है कि उत्‍तर प्रदेश के एक जिले को चावल का कटोरा भी कहा जाता है।

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Uttar Pradesh News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Dec 2023 01:52 AM
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Uttar Pradesh News : आपने उत्‍तर प्रदेश के शहरों व जिलों के अनेक नाम सुने व पढ़े होंगे किंतु क्‍या आपको पता है कि उत्‍तर प्रदेश के एक जिले को चावल का कटोरा भी कहा जाता है। UP के किस जिले को कहा जाता है “चावल का कटोरा” और क्‍यों कहा जाता है? इस लेख में विस्‍तार से जान लीजिए।

75 जिले हैं उत्‍तर प्रदेश में

आपको बता दें कि जनसंख्‍या के हिसाब से उत्‍तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्‍थान भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। उत्‍तर प्रदेश की वर्तमान आबादी 24 करोड़ से भी अधिक है। उत्‍तर प्रदेश का कुल क्षेत्रफल 240,924 वर्ग किलोमीटर है। पूरा उत्‍तर प्रदेश 18 मण्‍डल तथा 75 जिलों में फैला हुआ प्रदेश है। उत्‍तर प्रदेश की पूरब दिशा का आखिरी जिला बलिया है। बलिया के बाद बिहार प्रदेश शुरू हो जाता है। उत्‍तर प्रदेश का पश्चिम दिशा का आखरी जिला शामली है। शामली के आगे हरियाणा प्रदेश शुरू हो जाता है। शामली को मुजफ्फरनगर जिले में से काटकर नया जिला बनाया गया है। उत्‍तर प्रदेश की उत्‍तरी सीमा का आखिरी जिला सहारनपुर तथा दक्षिण दिशा में सबसे आखिरी जिला सोनभद्र स्थित है। प्रदेश के इसी जिले का नाम “चावल का कटोरा” भी है।

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कौन सा जिला है “चावल का कटोरा”

आपने भारत में चावल का कटोरा कहे जाने वाले प्रदेश का नाम जरूर सुना होगा। नहीं सुना है तो हम बता देते हैं। कि भारत के दक्षिणी भाग में पड़ने वाले प्रदेश आंध्रप्रदेश को चावल का कटोरा कहकर बुलाया जाता है। आंध्रप्रदेश में चावल का सर्वाधिक उत्‍पादन होता है। इसी कारण उसका यह नाम पड़ा है। उत्‍तर प्रदेश के चंदौली जिले को “चावल का कटोरा” जिले के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष 1997 से पहले तक चंदौली वाराणसी जिले का हिस्‍सा था। वर्ष 1997 में उत्‍तर प्रदेश सरकार ने चंदौली को अलग जिला बना दिया था। चंदौली जिले में पूरे उत्‍तर प्रदेश के सभी जिलों से ज्‍यादा चावल का उत्‍पादन होता है। इस कारण उत्‍तर प्रदेश के चंदौली जिले को “चावल का कटोरा” नाम से भी जाना जाता है। चंदौली का चावल पूरी दुनियां में अपनी खास पहचान रखता है। उत्‍तर प्रदेश सरकार चंदौली जिले में चावल की खेती को और अधिक बढ़ावा देने का लगातार प्रयास कर रही है। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍य नाथ ने हाल ही में घोषणा की है कि चंदौली जिले के चावल उत्‍पादक किसानों को हर संभव मदद करके खुशहाल बनाया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश सरकार की भाग्यलक्ष्मी योजना है बेटियों के लिए संजीवनी, सरकार पालेगी UP की बेटियों को

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Bhagya lakshmi Yojana
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:07 AM
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Bhagya lakshmi Yojana UP : उत्तर प्रदेश सरकार की भाग्यलक्ष्मी योजना एक बड़ी योजना है। अब उत्तर प्रदेश में किसी बेटी को मां की कोख में नहीं मरना पड़ेगा। UP सरकार की भाग्यलक्ष्मी योजना एक ऐसी योजना है जिस योजना के द्वारा बेटी के पैदा होने से लेकर लालन-पालन करने, पढ़ाई कराने यहां तक कि विवाह कराने तक का पूरा खर्चा उत्तर प्रदेश सरकार उठा रही है। जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार की भाग्यलक्ष्मी योजना UP की सभी बेटियों के लिए संजीवनी साबित हो रही है।

Bhagya lakshmi Yojana 2024

घर की लक्ष्मी होती है बेटी

आपको बता दें कि तमाम भारतीय शास्त्रों में बेटी को घर की लक्ष्मी कहा गया है। लक्ष्मी के इस स्वरूप को आधार बनाकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाग्यलक्ष्मी योजना शुरू की है। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि भाग्यलक्ष्मी योजना से UP में भ्रूण हत्या जैसा घिनौना पाप रूक जाएगा। किसी गरीब परिवार में बेटी पैदा होने के डर से ही भ्रूण हत्या जैसा घटिया अपराध होता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक गरीब परिवार की बेटियों को पाल कर बड़ा करने, बेटियों की पढ़ाई करने तथा विवाह करने तक का पूरा खर्च उठाने के लिए भाग्यलक्ष्मी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत गरीब परिवार में बेटी पैदा होते ही 50 हजार रूपए सीधे बेटी के माता-पिता के खाते में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जमा कर दिए जाते हैं। फिर बेटी की पढ़ाई के लिए पैसा दिया जाता है। बेटी जब 21 वर्ष की हो जाती है तो उसके विवाह के लिए दो लाख रूपए भी उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दिए जाते हैं।

समझ लीजिए उत्तर प्रदेश सरकार की भाग्यलक्ष्मी योजना को

उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार की तरफ से बेटियों की स्थिति को सुधारने के लिए भाग्यशाली योजना की शुरुआत की गई है। इसके साथ ही लड़कियों की एजुकेशन को आगे बढ़ाने के लिए इस योजना का सहारा लिया जा सकता है.।

उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की इस योजना के तहत गरीब परिवार की बेटियों को जन्म के समय 50,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। लड़कियों के बेहतर भविष्य के लिए यह पैसा दिया जाता है. इसके साथ ही लड़कियों की पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए क्लास के हिसाब से पैसा दिया जाता है।

भाग्यशाली योजना का लाभ लेने के लिए अप्लाई करने वाले परिवार की सालाना इनकम 2 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। साथ हस यह शर्त भी है कि लडक़ी की शादी 18 वर्ष से कम उम्र में नहीं होनी चाहिए। लडक़ी के मां-बाप यूपी के मूल निवासी होने चाहिए। 31 मार्च 2006 के बाद बीपीएल परिवार में जन्म लेने वाली सभी लड़कियां इसका फायदा ले सकती हैं। इस योजना के तहत एक परिवार यानि एक माता-पिता से पैदा होने वाली दो बेटियों को ही पैसा मिलेगा।

महिला और बाल विकास विभाग चलाता है

उत्तर प्रदेश सरकार की भाग्य लक्ष्मी योजना को प्रदेश का महिला तथा बाल कल्याण विभाग से संचालित करता है। उत्तर प्रदेश का कोई भी नागरिक महिला कल्याण विभाग की अधिकारिक वेबसाइट https://mahilakalyan.up.nic.in/ पर जाकर इस भाग्यलक्ष्मी योजना के लिए आवेदन कर सकता है।

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