उत्तर प्रदेश का एक जिला ऐसा भी है जिसे “चावल का कटोरा” कहा जाता है
आपने उत्तर प्रदेश के शहरों व जिलों के अनेक नाम सुने व पढ़े होंगे किंतु क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश के एक जिले को चावल का कटोरा भी कहा जाता है।


आपने उत्तर प्रदेश के शहरों व जिलों के अनेक नाम सुने व पढ़े होंगे किंतु क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश के एक जिले को चावल का कटोरा भी कहा जाता है।


आपको बता दें कि तमाम भारतीय शास्त्रों में बेटी को घर की लक्ष्मी कहा गया है। लक्ष्मी के इस स्वरूप को आधार बनाकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाग्यलक्ष्मी योजना शुरू की है। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि भाग्यलक्ष्मी योजना से UP में भ्रूण हत्या जैसा घिनौना पाप रूक जाएगा। किसी गरीब परिवार में बेटी पैदा होने के डर से ही भ्रूण हत्या जैसा घटिया अपराध होता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक गरीब परिवार की बेटियों को पाल कर बड़ा करने, बेटियों की पढ़ाई करने तथा विवाह करने तक का पूरा खर्च उठाने के लिए भाग्यलक्ष्मी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत गरीब परिवार में बेटी पैदा होते ही 50 हजार रूपए सीधे बेटी के माता-पिता के खाते में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जमा कर दिए जाते हैं। फिर बेटी की पढ़ाई के लिए पैसा दिया जाता है। बेटी जब 21 वर्ष की हो जाती है तो उसके विवाह के लिए दो लाख रूपए भी उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दिए जाते हैं।
उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार की तरफ से बेटियों की स्थिति को सुधारने के लिए भाग्यशाली योजना की शुरुआत की गई है। इसके साथ ही लड़कियों की एजुकेशन को आगे बढ़ाने के लिए इस योजना का सहारा लिया जा सकता है.।
उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की इस योजना के तहत गरीब परिवार की बेटियों को जन्म के समय 50,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। लड़कियों के बेहतर भविष्य के लिए यह पैसा दिया जाता है. इसके साथ ही लड़कियों की पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए क्लास के हिसाब से पैसा दिया जाता है।
भाग्यशाली योजना का लाभ लेने के लिए अप्लाई करने वाले परिवार की सालाना इनकम 2 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। साथ हस यह शर्त भी है कि लडक़ी की शादी 18 वर्ष से कम उम्र में नहीं होनी चाहिए। लडक़ी के मां-बाप यूपी के मूल निवासी होने चाहिए। 31 मार्च 2006 के बाद बीपीएल परिवार में जन्म लेने वाली सभी लड़कियां इसका फायदा ले सकती हैं। इस योजना के तहत एक परिवार यानि एक माता-पिता से पैदा होने वाली दो बेटियों को ही पैसा मिलेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार की भाग्य लक्ष्मी योजना को प्रदेश का महिला तथा बाल कल्याण विभाग से संचालित करता है। उत्तर प्रदेश का कोई भी नागरिक महिला कल्याण विभाग की अधिकारिक वेबसाइट https://mahilakalyan.up.nic.in/ पर जाकर इस भाग्यलक्ष्मी योजना के लिए आवेदन कर सकता है।
आपको बता दें कि तमाम भारतीय शास्त्रों में बेटी को घर की लक्ष्मी कहा गया है। लक्ष्मी के इस स्वरूप को आधार बनाकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाग्यलक्ष्मी योजना शुरू की है। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि भाग्यलक्ष्मी योजना से UP में भ्रूण हत्या जैसा घिनौना पाप रूक जाएगा। किसी गरीब परिवार में बेटी पैदा होने के डर से ही भ्रूण हत्या जैसा घटिया अपराध होता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक गरीब परिवार की बेटियों को पाल कर बड़ा करने, बेटियों की पढ़ाई करने तथा विवाह करने तक का पूरा खर्च उठाने के लिए भाग्यलक्ष्मी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत गरीब परिवार में बेटी पैदा होते ही 50 हजार रूपए सीधे बेटी के माता-पिता के खाते में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जमा कर दिए जाते हैं। फिर बेटी की पढ़ाई के लिए पैसा दिया जाता है। बेटी जब 21 वर्ष की हो जाती है तो उसके विवाह के लिए दो लाख रूपए भी उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दिए जाते हैं।
उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार की तरफ से बेटियों की स्थिति को सुधारने के लिए भाग्यशाली योजना की शुरुआत की गई है। इसके साथ ही लड़कियों की एजुकेशन को आगे बढ़ाने के लिए इस योजना का सहारा लिया जा सकता है.।
उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की इस योजना के तहत गरीब परिवार की बेटियों को जन्म के समय 50,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। लड़कियों के बेहतर भविष्य के लिए यह पैसा दिया जाता है. इसके साथ ही लड़कियों की पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए क्लास के हिसाब से पैसा दिया जाता है।
भाग्यशाली योजना का लाभ लेने के लिए अप्लाई करने वाले परिवार की सालाना इनकम 2 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। साथ हस यह शर्त भी है कि लडक़ी की शादी 18 वर्ष से कम उम्र में नहीं होनी चाहिए। लडक़ी के मां-बाप यूपी के मूल निवासी होने चाहिए। 31 मार्च 2006 के बाद बीपीएल परिवार में जन्म लेने वाली सभी लड़कियां इसका फायदा ले सकती हैं। इस योजना के तहत एक परिवार यानि एक माता-पिता से पैदा होने वाली दो बेटियों को ही पैसा मिलेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार की भाग्य लक्ष्मी योजना को प्रदेश का महिला तथा बाल कल्याण विभाग से संचालित करता है। उत्तर प्रदेश का कोई भी नागरिक महिला कल्याण विभाग की अधिकारिक वेबसाइट https://mahilakalyan.up.nic.in/ पर जाकर इस भाग्यलक्ष्मी योजना के लिए आवेदन कर सकता है।
