Saturday, 20 April 2024

Good Health Tips : मोटी-मोटी सी मैं, फिर कैसे बनी लेडी ब्यूटीफुल

  Good Health Tips : मेरी डिलीवरी काफी कॉम्प्लीकेटेड थी। पांचवें महीने से ही मुझे बेड रेस्ट बता दिया। अब…

Good Health Tips :  मोटी-मोटी सी मैं, फिर कैसे बनी लेडी ब्यूटीफुल

 

Good Health Tips : मेरी डिलीवरी काफी कॉम्प्लीकेटेड थी। पांचवें महीने से ही मुझे बेड रेस्ट बता दिया। अब मैं बिस्तर पर, जो भी महिला आती भविष्यवाणी कर जाती, इसको तो बेटा ही होगा। इसलिए पूरे परिवार की निगाहें मुझ पर कि कहीं मैं घूम तो नहीं रही। इसलिए मैं 4 महीने पूरे बिस्तर पर थी। बेटे का जन्म भी मेजर ऑपरेशन से ही हुआ। यानी एक महीना और लेटे-लेटे ही बीता। एक स्वीट ब्यूटीफुल गर्ल अब मोटी बन गई। ससुराल में जब भी मेरे नाम से कानाफूसी होती तो भैंस कहां है, मोटो कहां है। मैं भी क्या कहती, वजन 85 किलो, ड्रेस मेरा अब गाउन ही बन गया था। शादी में मिले कपड़े बहुत ही टाइट हो गए थे। इसलिए अधिकतर घर में ही रहने लगी, यानि स्ट्रैस में। तब मैंने सोचा, दुनिया शहद में नींबू पीकर वजन घटाती है, क्यों न मैं भी आजमाऊं। मेरे पति भी बहुत खुश हुए, मेरे लिए शहद की बॉटल आई। मैंने भी सुबह सबसे पहले लुयुकवार्म वॉटर में एक चम्मच शहद और एक नींबू निचोड़कर पीया, कसम से मजा आ गया। शरीर में स्फूर्ती सी आ गई। अब शहद नींबू का सिलसिला हर रोज ही चल पड़ा। किसी ने कहा, ये क्या, ताजा कच्चा शहद क्यूं नहीं लेती हो। मैंने पूछा ताजा कहां से लाऊं, पड़ोस की महिलाओं ने कहा, अरे छत्ता तोड़ने वालों से। बस अब तो जब देखो गंदी सी बाल्टी में शीरे सा शहद बीच में मरी हुई 3-4 मधुमाखियां लिए दो तीन आदमी कभी भी आ धमकते, ताजा शहद लो, अभी ही छत्ता तोड़ा है। उनके हाथ में छत्ता सा देख मुझे हीक तो बहुत आती, पर मोटी एड्जेक्टिव मेरा दिल तोड़ देता। इसलिए हर सुबह की शुरुआत होती शहद पानी के साथ।

Good Health Tips :

पता नहीं टांगों में बहुत सा दर्द रहने लगा। थकावट हर समय कहती सो जा। जब वजन नापने वाली मशीन पर चढ़ी तो शर्म से कूदकर नीचे उतर गई, मशीन वजन दिखा रही थी 93 किलो। जिसने जैसे बताया सो किया, पर सिर पीट लिया, मैं साइंस पढ़ी लड़की, मुझे तो समझ से काम लेना चाहिए था न। बेटा भी एलेरजिक निकला। तब सीखा मैंने शहद का सही इस्तेमाल।

आज मैं 60 किलो की हूं, बेटा भी एकदम स्वस्थ। शहरों में दवाइयों का चलन है, गांव, देहात में तो आज भी यही नुस्खे तंदुरुस्ती का राज हैं। आप भी आजमायें खुद जान जाएं। कच्चा शहद लाएं। शहरों में कहीं आपने शहद की मखियां उड़ती देखी हैं क्या? जब माखियां ही नहीं तो छत्ता कहां से आएगा। जब कहीं कोई नुमाइश लगती, गांव देहात से आईं महिलाएं स्टॉल लगा शहद बेचतीं, बस वहीं से मैं कुछ डिब्बे शहद खरीदती।

Good Health Tips :

अब शहद की शुद्धता जांचने का कोई निश्चित पैमाना तो है नहीं, फिर भी असली शहद काफी गाढ़ा होता है। पानी में डालने पर आसानी से घुलता नहीं है, बल्कि तली में जाकर जम जाता है, जबकि नकली शहद पानी में जल्दी घुल जाता है। लेकिन, खाने योग्य कच्चा शहद ही होता है, जिसे मधुमखियों के छत्ते से निकालकर तुरंत पैक कर दिया जाता है। कच्चे शहद में पौधों के रसायनों की एक श्रृंखला होती है। मधुमक्खी द्वारा एकत्रित पराग होता है, पराग फल सब्जियों के फूलों से मिलता है। इसीलिए मधुमक्खियों के परागकण में कई विटामिन, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, अच्छे फैटी एसिड होते हैं। इसमें सभी 22 अमीनो एसिड, लगभग 31 विभिन्न मिनिरल्स, विटामिन्स और एंजाइम पाए जाते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें ये ही तो चाहिए न, इसीलिए शहद को उसके चमत्कारी तथा औषधीय गुणों के कारण सुपर फूड माना जाता है। जब सुबह की शुरुआत हो एक चम्मच सुपरफूड और एक लेमन के साथ तो फिर ढेर सारे फूड की क्यों बात। यह ऐंटी-बैक्टीरियल, ऐंटी-इंफ्लेमेटरी और ऐंटी-फंगल गुणों से भरपूर होता है। यह इम्यूनोमॉड्यूलेटरी है, यानि हमारी बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ाता है। क्योंकि यह बना ही पौधों के परागों, रसों और मधुमक्खियों के सलाइवा के साथ हुई अनेक रसायनों की श्रृंखला से है। जो एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती हैं। कुछ प्रकार के शहद में फलों और सब्जियों के कितने ही एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो हमारे शरीर को मुक्त कणों के कारण कोशिका क्षति से बचाने में मदद करते हैं। इसीलिए एक कप शुद्ध शहद-नींबू की चाय इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है। यहां तक कि कुछ अस्पतालों में तो यह घावों के इलाज के लिए भी प्रयोग किया जाता है। क्योंकि यह अमीनो एसिड से समृद्ध होता है इसलिए वजन कम करने, एलर्जी से लड़ने और सांस से संबंधित स्वास्थ्य को सुधारने में पूरी मदद करता है। यह हमें फ्री रेडिकल्स से भी बचाए रखता है, जिससे कैंसर के इलाज में मदद मिलती है।

कच्चा शहद तो फाइटोन्यूट्रिएंट्स से पैक होता है, इससे मेटाबॉलिज्म बढ़ने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। इसलिए जब सुबह शहद-नींबू ले लिया है तो सारा दिन नियमित खाएं, घर के काम खुशी से करें, नित व्यायाम करें, आप बीमार नहीं होंगे, साथ ही वजन भी घट जाएगा। पर शहद कच्चा ही होना चाहिए। क्योंकि प्रॉसेस्ड शहद को तेज आंच पर गर्म करके पैक कर हम तक पहुंचाया जाता है, जिसे पास्चुराइजेशन कहते हैं। इस प्रक्रिया में शहद अपने ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स, विटामिन्स खो देता है और हम कई तरह के लाभ से वंचित रह जाते हैं। प्रॉसेस्ड शहद में शक्कर की चाशनी और लंबे समय तक टिकाए रखने के लिए प्रिजर्वेटिव्स भी मिलाए जाते हैं, जो कि हमारी सेहत के दुश्मन ही साबित होते हैं।

शहद में पाए जाने वाले वाले पोषक तत्व:

शहद में मुख्य रूप से फ्रुक्टोज पाया जाता है। कार्बोहाइड्रेट, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन बी-6, विटामिन सी और अमिनो एसिड भी पाए जाते हैं। एक चम्मच (21 ग्राम) शहद में लगभग 64 कैलोरी और 17 ग्राम शुगर (फ्रुक्टोज, ग्लूकोज, सुक्रोज व माल्टोज) होता है। यानि दिनभर की मिठास जब हमें सुबह लिया एक चम्मच शहद ही दे देता है तो फिर सारा दिन क्यों कुछ मीठा।

शहद खाने के फायदे:

शहद में विटामिन ए, बी, सी, आयरन, कैल्शियम, सोडियम फास्फोरस, आयोडीन पाए जाते हैं। यानि पूरा सुपर भोजन। इसीलिए रोजाना शहद का सेवन हमारे शरीर में शक्ति, स्फूर्ति, और ताजगी पैदाकर रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाता है।

इम्यून सिस्टम प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है:

शहद में अनगिनत औषधीय गुण होते हैं। उसमें नींबू निचोड़ लेने से इसकी स्वाभाविक रूप से इम्युनिटी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है, जिससे गले में खराश को ठीक करने, एंटीऑक्सिडेंट और बैक्टीरिया से लड़ने की शक्ति, वायरस, बैक्टीरिया वाले इन्फेक्शन संक्रमण से लड़ने की शक्ति और भी बढ़ जाती है। कुछ डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के अनुसार तो बक्व्हीट (एक प्रकार का शहद) में सबसे अधिक एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। जब दैनिक रूप से इसको लिया जाता है तो यह इम्युनिटी को बढ़ाता है। यही कारण है कि शहद को सबसे अच्छा इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि नाश्ते से पहले या व्यायाम से पहले शहद का सेवन करना चाहिए, जिससे पूरे दिन के लिए अतिरिक्त ऊर्जा प्राप्त हो सके। शहद हमारे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार करता है। यह कुल और “खराब” एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, और “अच्छा” एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।

गुनगुने दूध में शहद मिलाकर पीने से हमारी त्वचा में निखार आता है प्राकृतिक स्वीटनर होता है, ब्रेन की डाइट तो मीठा है। यानी शहद हमारी मेमोरी, मूड और एकाग्रता को बढ़ावा देता है। शहद न केवल दिमागी शक्ति और याददाश्त बढ़ाता है, बल्कि आपको पूरी तरह से स्वास्थ्य भी बनाता है। शहद का सेवन मेटाबोलिक स्ट्रेस को रोकता है और मस्तिष्क को शांत करने में मदद करता है, जिससे लंबे समय के लिए स्मृति को बढ़ाने में मदद मिलती है। शहद में उपस्थित प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और चिकित्सीय गुण स्मृति को नुकसान (मेमोरी लॉस को रोकते हैं) पहुंचाने वाली कोशिकाओं को संचरित करते हैं। यह एक नेचुरल एनर्जी ड्रिंक है। शहद एकमात्र ऐसा भोजन है जो कीट निर्मित होता है। शुद्ध होता है, खराब नहीं होता। प्राकृतिक शहद के अलग-अलग स्वाद और रंग होते हैं, जैसे सरसों के फूलों का गुलाब के फूलों का मधुमक्खियां सर्दियों में केवल शहद पर जीवित रहती हैं ।

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वैसे तो शहद पूरा ही अमृत है, पर दमा, ब्रोनकियल अस्थमा के रोगियों के लिए तो जीवन देने वाला है, इसलिए शहद को सूखी खांसी के साथ-साथ गीली खांसी के उपचार के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक माना जाता है। जिन बच्चों को दमा या सांस की एलर्जी होती है, उनको दूध में थोड़ा शहद तथा थोड़ा उबले हुए अदरक का पानी मिलाकर देने से उनको सांस लेने में राहत मिलती है। जब उनको अस्थमा का अटैक आता है, बच्चे हों या बड़े, वो खाना तो लगभग छोड़ ही देते हैं। ऐसे में शहद उनको ऊर्जा देता है। बलगम को पतला कर नाक के रास्ते या खांसी द्वारा निकालने में मददगार साबित होता है। इसलिए खांसी के लिए पसंदीदा प्राकृतिक उपचार है। दुध्मुहे  बच्चे की यादि नाक बहती है तो बच्चे को तो नहीं, पर मां भी यदि शहद का सेवन करे तो बच्चे को ताकत मिलती है, बच्चे खासकर सो पाते हैं। यानि बच्चों के लिए यह रात की खांसी को दूर करने में मदद करता है, जिससे पूरा परिवार भी चैन की नींद सो पाता है।

Good Health Tips : सेहत का खजाना है काली मिर्च, रोजाना के भोजन में इस्तेमाल करें

बहुतायत तो हर चीज की बुरी होती है। सारा फायदा एक साथ लेने को यदि हम इसे अधिक खाएंगे तो हमारा पाचन तंत्र खराब हो सकता है, दांत सड़ सकते हैं और वजन तो बढ़ेगा ही। मैंने सेहत का खजाना सुपरफूड शहद खाया, बहुत सारे भोजन की जगह क्वालिटी फूड को अपनाया। खुद को मोटी नामक एड्जेक्टिव से छुड़ाया, अपने बेटे को खांसी से बचाया। आप भी अपनाएं खुश रहें और मुस्कुरायें।

द हेल्थ टिप्स सेहत का खजाना है। आज के लिए इतना ही। आप स्वस्थ रहें सानंद में रहें। फिर मिलते हैं अगले एपिसोड में।

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