Shock To China : म्यांमार में जारी संघर्ष के बीच, काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी (KIA) ने दुर्लभ खनिज संपन्न क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है, जिससे चीन को इन महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति बाधित हो गई है। KIA ने उत्तरी म्यांमार के काचिन राज्य में स्थित खनन क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है, जो पवन टर्बाइन और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में आवश्यक दुर्लभ खनिजों के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। इससे चीन को होने वाली इन खनिजों की आपूर्ति में भारी कमी आई है, जिससे इनकी कीमतों में वृद्धि देखी गई है।
इन खनिजों की आपूर्ति में रुकावट आने से चीनी उद्योगों पर प्रतिकूल प्रभाव
KIA के इस कदम का उद्देश्य चीन पर दबाव बनाना है, जिसने अब तक म्यांमार की सैन्य सरकार का समर्थन किया है। चीन का काचिन राज्य में दुर्लभ खनिज खनन में भारी निवेश है, और इन खनिजों की आपूर्ति में रुकावट आने से चीन की उद्योगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, भारत भी इस क्षेत्र में दिलचस्पी दिखा रहा है, जो चीन का क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी है। 2024 के अंत में, भारत ने एक सरकारी स्वामित्व वाली दुर्लभ खनिज खनन और शोधन कंपनी के अधिकारियों को काचिन भेजा था।
KIA सैन्य शासन के खिलाफ संघर्षरत
KIA म्यांमार के सबसे बड़े और सबसे पुराने जातीय मिलिशिया में से एक है, जो सैन्य शासन के खिलाफ संघर्षरत है। काचिन समुदाय, जो ज्यादातर ईसाई हैं, की बमर बौद्ध बहुसंख्यकों से लंबे समय से शिकायतें रही हैं। म्यांमार में 2021 से चल रहे गृह युद्ध में चीन ने सैन्य शासन का समर्थन किया है, जिससे KIA जैसे विद्रोही गुट चीन पर दबाव बनाकर इस स्थिति को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। इन घटनाओं से क्षेत्र में चीन के आर्थिक और भू-राजनीतिक हितों को चुनौती मिली है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि चीन इस स्थिति से कैसे निपटता है।
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