International News : पर्यावरण से खिलवाड़ के नतीजे अब सामने आने लगे हैं । दक्षिण अफ्रीका की राजधानी के शहर केपटाउन को दुनिया का पहला जल-विहीन शहर घोषित किया गया है, दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने 14 अप्रैल, 2023 के बाद पानी की आपूर्ति करने में असमर्थता जताई थी। हालात इतने खराब हैं की वहां नहाने पर रोक लगा दी गयी । 10 लाख लोगों के पानी के कनेक्शन काटने की तैयारी चल रही है।
प्रकृति का बदला International News
हालात ये है कि जिस तरह पेट्रोल पंप पर पेट्रोल खरीदा जाता है, वैसे ही वहां केपटाउन में जगह-जगह पानी के टैंकर होंगे और एक बार में 25 लीटर पानी मिलेगा। ज्यादा पानी मांगने या पानी लूटने वालों के लिए पुलिस व सेना के लोग तैनात किए गए हैं। केपटाउन की ये खबर दुनिया भर के लिए एक चेतावनी है की जल्द ही ऐसे हालत और देशों में भी हो सकते हैं । जल संकट के परिणामस्वरूप पश्चिमी केप प्रांत में 37,000 नौकरियाँ चली गईं और अनुमानित 50,000 लोग नौकरी छूटने, मुद्रास्फीति और भोजन की कीमत में वृद्धि के कारण गरीबी रेखा से नीचे चले गए। विश्लेषकों का “अनुमान है कि जल संकट के कारण कृषि में लगभग 300,000 नौकरियाँ और सेवा, आतिथ्य और खाद्य क्षेत्रों में हजारों नौकरियाँ ख़त्म हो जाएँगी”।
पानी लुटने से बचाएगी पुलिस
इसलिए पानी का संयम से उपयोग करें। पानी बर्बाद ना करें। भारत में भी महाराष्ट्र के कई इलाको में लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ता है । हाल ही में कर्नाटक के बंगलुरु शहर में भी पानी की भीषण कमी के कारण सुबह शाम केवल 2 घंटा ही पानी की सप्लाइ दी जा रही है । कर्नाटक की राजधानी और आईटी सेक्टर का दिल माने जाने वाले बेंगलुरु को पानी की किल्लत की बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. वहां पानी की दिक्कत राजस्थान के किसी गांव के जैसी हो गई है. पानी की कमी के चलते लोग वर्क फ्रॉम होम ही नहीं, वर्क फ्रॉम नेटिव प्लेस मांग रहे हैं. हालत इतनी खराब है कि लोगो को स्टील के बर्तन की जगह डिस्पोजल इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है, स्विमिंग पूल के इस्तेमाल पर बैन लग गया है. पानी के गलत इस्तेमाल पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है. लोग कम नहा रहे हैं, कपड़े धोना तो भूल जाइए.
टैंकर से एक बार में मिलेगा 25 लीटर पानी
विश्व का केवल 2.7% जल ही पीने योग्य है।भारत में भी भू जल का स्तर लगतार गिरता जा रहा है । अगर कुछ उपायों को अपना लिया जाये तो इस स्थिति से बचा जा सकता है । जैसे गाड़ियों को रोज न धोये। नल को लगातार चालू न रखें। रैन वॉटर हवेस्टिंग करें । रसोई का वेस्ट पानी पौधों के लिए इस्तेमाल करें । घर में टपकते नल को ठीक करें। अगर हमने समय रहते पानी बचाने की कोशिश नहीं की तो आगे आने वाली पीढियों को पानी की एक एक बूंद के लिए तरसना पड़ सकता है ।International News
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