इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी भीषण जंग नए और खतरनाक मोड़ पर

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 06:04 PM
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Iran-Israel War : इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी भीषण जंग नए और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। जहां एक ओर ईरान ने तेल अवीव, यरूशलम और हाईफा जैसे प्रमुख इजरायली शहरों पर मिसाइलों की बौछार की है, वहीं दूसरी ओर इजरायल ने 'आपरेशन राइजिंग लायन' के तहत ईरान के परमाणु ठिकानों, एयर डिफेंस यूनिट्स और मिसाइल लॉन्च सिस्टम्स को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है।

तेहरान से पहले ही आसमान तक कब्जा!

इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) ने सोमवार को बड़ा दावा करते हुए कहा कि उसके लड़ाकू विमानों ने तेहरान के ऊपर हवाई श्रेष्ठता हासिल कर ली है। सेना के प्रवक्ता के मुताबिक, ईरान के वायु सुरक्षा तंत्र को इस स्तर तक पंगु कर दिया गया है कि अब इजरायली जेट बिना किसी बड़ी चुनौती के ईरानी राजधानी के ऊपर उड़ान भर सकते हैं।

ईरान को गहरा सैन्य और वैज्ञानिक नुकसान

आईडीएफ के मुताबिक, यह हमला 1980 में इराक-ईरान युद्ध के बाद से अब तक का सबसे बड़ा सैन्य हमला है, जिससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपूरणीय क्षति पहुंची है। ईरान के सरकारी सूत्रों ने 224 मौतों की पुष्टि की है, जबकि 1,277 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इनमें कई शीर्ष सैन्य अधिकारी, वैज्ञानिक और रणनीतिक ठिकानों के कर्मचारी शामिल बताए जाते हैं, हालांकि ईरान ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

तेल अवीव और यरूशलम में भीषण मिसाइल हमला

जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायल के कई शहरों पर मिसाइल दागीं, जिनमें तेल अवीव, यरूशलम और हाईफा प्रमुख हैं। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, कम से कम 17 लोगों की मौत हुई है और 74 से अधिक नागरिक घायल हुए हैं। तेल अवीव में नागरिकों को बंकरों में भेजा गया है और कई हिस्सों में आपातकालीन सेवाएं तैनात की गई हैं। मिडिल ईस्ट में बढ़ते इस संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ा दी है। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका समेत कई देशों ने संयम बरतने की अपील की है। परंतु जिस तीव्रता और गहराई से यह संघर्ष आगे बढ़ रहा है, वह इस पूरे क्षेत्र को एक बड़े युद्ध में झोंक सकता है। Iran-Israel War

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'तेहरान तक के आसमान पर हमारा वर्चस्व', युद्ध के बीच इजरायल का बड़ा दावा

Israel Iran War 7
Israel Iran War
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:16 AM
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Israel Iran War :  मध्य पूर्व में जारी संघर्ष के बीच इजरायल ने सोमवार को एक बड़ा सैन्य दावा किया है। इजरायली रक्षा बलों ने घोषणा की है कि उन्होंने पश्चिमी ईरान से लेकर राजधानी तेहरान तक के हवाई क्षेत्र पर "हवाई श्रेष्ठता" (Aerial Superiority) हासिल कर ली है। इजरायल का कहना है कि उसके लड़ाकू विमान अब तेहरान के ऊपर बिना किसी गंभीर खतरे के उड़ान भरने में सक्षम हैं। इजरायल द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान के कई सामरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इनमें परमाणु कार्यक्रमों से जुड़े प्रतिष्ठान, मिसाइल लॉन्च सिस्टम और एयर डिफेंस नेटवर्क प्रमुख हैं। इजरायली सैन्य प्रवक्ता के अनुसार, इन हमलों के चलते ईरान की हवाई सुरक्षा व्यवस्था गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो चुकी है।

'ऑपरेशन राइजिंग लायन' से बदला समीकरण

इजरायल ने हालिया हमले 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत ईरान के कई रणनीतिक और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है। रिपोर्टों के मुताबिक, इस कार्रवाई में मिसाइल प्रक्षेपण प्रणाली, हवाई रक्षा तंत्र और परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी प्रमुख इकाइयों को गंभीर क्षति पहुंची है। इजरायली सेना का दावा है कि इन हमलों से ईरान की सैन्य क्षमता को काफी हद तक निष्क्रिय कर दिया गया है।

ईरान को हुआ भयंकर नुकसान

इस हमले को 1980 के ईरान-इराक युद्ध के बाद ईरान पर सबसे बड़ा सैन्य प्रहार माना जा रहा है। ईरानी सूत्रों ने अब तक 224 मौतों की पुष्टि की है, जबकि 1,200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मारे गए लोगों में कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक शामिल बताए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायली हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को वर्षों पीछे धकेल दिया है और उसकी बहाली अब लंबी प्रक्रिया होगी।

ईरान ने भी की जवाबी कार्रवाई 

दूसरी ओर, ईरान ने भी इजरायल के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है। तेल अवीव, यरूशलम, हाईफा सहित कई बड़े शहरों को मिसाइल हमलों का सामना करना पड़ा है। इन हमलों में अब तक 17 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 70 से अधिक लोग घायल हैं और अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। नागरिक क्षेत्रों में हुए इन हमलों ने इजरायल के भीतर भी दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।    Israel Iran War

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तेल अवीव में अमेरिकी दूतावास पर ईरानी मिसाइल से हमला, पश्चिम एशिया में जंग को नया मोड़

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:17 PM
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Iran-Israei War : ईरान-इजराइल संघर्ष अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। सोमवार देर रात तेल अवीव स्थित अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाकर ईरान ने जो मिसाइल हमला किया, उसने क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय टकराव की दिशा में धकेल दिया है। अमेरिकी राजदूत माइक हुकाबी ने हमले की पुष्टि की है और बताया है कि दूतावास के एक हिस्से को क्षति पहुंची है, हालांकि सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।

दूतावास को नुकसान, लेकिन बड़ा संदेश

तेल अवीव के हाई-सिक्योरिटी जोन में स्थित अमेरिकी दूतावास पर सीधा हमला कोई सामान्य घटना नहीं मानी जा सकती। विशेषज्ञों के अनुसार, यह हमला ईरान की उस गहरी नाराजगी का संकेत है, जो वह अमेरिका के प्रति इजराइल के खुले समर्थन को लेकर वर्षों से पाले हुए है। यह पहली बार है जब ईरान ने अमेरिकी प्रतिष्ठान को सीधे निशाना बनाया है। अमेरिकी दूतावास को हुए नुकसान के बाद, तेल अवीव और यरुशलम स्थित अमेरिकी मिशनों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, सुरक्षा चिंताओं के चलते यह कदम उठाया गया है। दूतावास कर्मियों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है।

ईरान का इशारा साफ : अमेरिका सिर्फ इजराइल का दोस्त नहीं, हमलों का सूत्रधार भी

ईरान लगातार इस बात का दावा करता रहा है कि इजराइल के पीछे अमेरिका की रणनीति और हथियार शक्ति काम कर रही है। ईरान के अनुसार, एफ-35 जैसे उन्नत अमेरिकी लड़ाकू विमान इजराइली हमलों का आधार बने हुए हैं। यही कारण है कि अब ईरान सिर्फ इजराइल को नहीं, बल्कि उसके सहयोगियों को भी युद्ध का हिस्सा मान रहा है।

ईरान की रणनीति : युद्ध को व्यापक बनाना?

कूटनीतिक हलकों में इस हमले को एक एस्केलेशन प्वाइंट माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि ईरान अमेरिका को सीधे युद्ध में खींचना चाहता है, ताकि क्षेत्र में रूस और चीन जैसे शक्तिशाली साझेदारों की मदद से एक बड़ा मोर्चा खोला जा सके। यदि ऐसा होता है, तो यह संघर्ष सिर्फ इजराइल-ईरान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया की कूटनीतिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।

इराक में अमेरिकी बेस पर ड्रोन हमला, संयोग या संकेत?

सिर्फ एक दिन पहले इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य बेस पर ड्रोन हमला हुआ था। भले ही इस पर ईरान ने आधिकारिक रूप से जिम्मेदारी नहीं ली, लेकिन उसकी ओर से समर्थित प्रॉक्सी समूहों की भूमिका पर संदेह गहराता जा रहा है। तीन दिन पहले जब ईरान ने तेल अवीव पर मिसाइल हमले किए थे, उस वक्त राजदूत हुकाबी को रातभर में 5 बार सुरक्षित स्थान बदलने पड़े थे। अब इस ताजा हमले के बाद अमेरिकी अधिकारियों में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता देखी जा रही है। यह हमला ना सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई है, बल्कि एक राजनयिक चुनौती भी है, जिसका जवाब अब अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को देना है।

ईरान-इजरायल संघर्ष की चपेट में फंसे भारतीय छात्र : डॉक्टर बनने आए थे, अब सिर्फ जिंदा रहने की जद्दोजहद

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