बस एक निवेश और मिल सकता है अमेरिकी ग्रीन कार्ड, ट्रंप ने शुरू किया नया पोर्टल

Trump News
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 Jun 2025 04:03 PM
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Trump News :  अमेरिका में निवेश के माध्यम से स्थायी निवास प्राप्त करने के इच्छुक विदेशी नागरिकों के लिए एक नई उम्मीद की किरण सामने आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उच्च-निवेशकों को ध्यान में रखते हुए 'गोल्ड कार्ड' नामक एक विशेष वीजा कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस योजना के तहत इच्छुक आवेदक अब सिर्फ एक क्लिक में आवेदन कर सकते हैं।

इस पहल के तहत EB-5 इन्वेस्टर वीजा के नए रूप को ट्रंप प्रशासन ने डिजिटल पोर्टल trumpcard.gov के ज़रिए सार्वजनिक किया है। यह वेबसाइट फिलहाल रजिस्ट्रेशन के लिए सक्रिय है और इसके माध्यम से आवेदन की शुरुआती प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।

गोल्ड कार्ड क्या है?

‘गोल्ड कार्ड’ दरअसल EB-5 वीजा प्रोग्राम का एक उन्नत संस्करण है, जिसकी न्यूनतम निवेश सीमा 5 मिलियन डॉलर (लगभग ₹44 करोड़) रखी गई है। ट्रंप ने इसे “ग्रीन कार्ड प्रिविलेज प्लस” बताते हुए दावा किया कि यह योजना उन अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए है, जो अमेरिका में स्थायी रूप से रहना चाहते हैं।

हालांकि, यह कार्ड धारकों को सीधे नागरिकता नहीं देता, लेकिन इसे अमेरिका की नागरिकता की ओर एक 'प्रारंभिक और तेज़ ट्रैक मार्ग' बताया जा रहा है। ट्रंप ने साफ किया है कि नागरिकता की पात्रता की प्रक्रिया बाद में तय की जाएगी, जिसमें पात्रता जांच की जाएगी।

किसके लिए है यह स्कीम?

  • वे विदेशी निवेशक जो अमेरिका की अर्थव्यवस्था में उच्च निवेश करने को इच्छुक हैं।

  • जिनके पास न केवल पूंजी है, बल्कि तकनीकी या पेशेवर विशेषज्ञता भी है।

  • जो मौजूदा EB-5 वीजा की जटिल प्रक्रियाओं से बचना चाहते हैं और तेज़ समाधान चाहते हैं।

कैसे करें आवेदन?

  1. सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल https://trumpcard.gov/ पर जाएं।

  2. वहां मांगी गई जानकारियां जैसे पूरा नाम, ईमेल, देश का विवरण दर्ज करें।

  3. ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद उसे सबमिट करें।

  4. सबमिट करने के बाद ईमेल के माध्यम से आवेदन की स्थिति की सूचना मिलेगी।

  5. पात्र आवेदकों को आगामी दिनों में दस्तावेज़ सत्यापन व निवेश की प्रक्रिया के निर्देश भेजे जाएंगे।    Trump News

 

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म्यांमार में विद्रोहियों का बड़ा हमला : मशीनगन से 72 करोड़ का चीनी फाइटर जेट गिराया

Chien faiter jet
Myanmar Civil War
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:51 PM
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Myanmar Civil War : म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध के बीच एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। मंगलवार को विद्रोही संगठन (पीएलए) ने दावा किया कि उन्होंने म्यांमार सेना के एक चीन निर्मित फाइटर जेट एफटीसी-2000जी (जिसे जेएफ-17 के नाम से जाना जाता है) को महज एक मशीन गन की मदद से मार गिराया है। इस फाइटर जेट की कीमत करीब 72 करोड़ रुपये बताई जाती है। घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह सवाल उठ रहा है कि आखिर किस प्रकार की मशीन गन से इतनी महंगी और आधुनिक समझी जाने वाली युद्धक विमान को जमीन पर लाया जा सकता है।

कैसे गिरा जेट?

विद्रोही गुट के प्रवक्ता दाव नी नी क्याव ने जानकारी दी कि मंगलवार दोपहर 12:15 बजे के करीब इस लड़ाकू विमान को निशाना बनाया गया। यह जेट म्यांमार की सैन्य सरकार (जुंटा) की ओर से विद्रोही ठिकानों पर कार्रवाई में शामिल था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विमान को निशाना बनाते ही वह एक गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जहां तेज विस्फोट के साथ उसमें आग लग गई। माना जा रहा है कि विमान का पायलट इसमें मारा गया।

कौन-सी मशीन गन थी इतनी घातक?

द इरावाडी की रिपोर्ट के अनुसार, विद्रोहियों ने जिस हथियार का इस्तेमाल किया वह 0.50-कैलिबर टाइप-2 ब्राउनिंग मशीन गन थी। यह गन मूल रूप से अमेरिका द्वारा 1930 के दशक में डिजाइन की गई थी और यह आज भी कई देशों और गैर-राज्य संगठनों द्वारा उपयोग की जा रही है। यह मशीन गन इतनी शक्तिशाली होती है कि हेलिकॉप्टर, ड्रोन, हल्के बख्तरबंद वाहन और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले एयरक्राफ्ट तक को नुकसान पहुंचा सकती है। इसका उपयोग अफगानिस्तान, सीरिया और अफ्रीका के कई संघर्ष क्षेत्रों में हो चुका है।

पुरानी गन, नई रणनीति

यह घटना बताती है कि आधुनिक तकनीक के युग में भी, अगर रणनीति और समय सही हो तो पुराने हथियार भी आधुनिक तकनीक को मात दे सकते हैं। म्यांमार जैसे देशों में जहां विद्रोही संगठनों के पास आधुनिक एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम नहीं होते, वहां इस प्रकार की मशीन गन "गरीबों की मिसाइल" की तरह काम करती है।

चीन के लिए करारा झटका

इस घटना ने चीन के विमानन क्षेत्र की प्रतिष्ठा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस एफटीसी-2000जी को चीन ने हल्के लड़ाकू विमान के रूप में अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेश किया था, वह अब आलोचना का केंद्र बन गया है। यह वही विमान है जिसे पाकिस्तान और म्यांमार जैसे देशों को सस्ते विकल्प के तौर पर बेचा गया। म्यांमार में यह विद्रोही गुटों द्वारा गिराया गया 10वां सैन्य विमान है, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है जब उसे केवल एक मशीन गन से मार गिराया गया हो।

गृहयुद्ध की पृष्ठभूमि

2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद से म्यांमार में हालात लगातार बिगड़ते गए। आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार को हटाने के बाद देशभर में विरोध भड़का, और सशस्त्र विद्रोह का रूप ले लिया। आज म्यांमार के बड़े हिस्सों में सेना और सशस्त्र प्रतिरोध बलों के बीच खुले युद्ध जैसे हालात हैं।

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एलन मस्क ने बदले सुर, ट्रंप से मांगी माफी, बोले, 'बात हद से ज़्यादा बढ़ गई'

Elon Musk 5
Elon Musk
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:51 PM
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Elon Musk : टेस्ला और एक्स (पूर्व में ट्विटर) के प्रमुख एलन मस्क और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में छिड़ी सियासी और निजी जुबानी जंग अब एक अप्रत्याशित मोड़ पर आ गई है। बीते दिनों एक के बाद एक तीखे बयान देने वाले एलन मस्क ने अब सार्वजनिक रूप से खेद जताते हुए ट्रंप से माफी मांग ली है। अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर साझा किए गए ताज़ा पोस्ट में मस्क ने स्वीकार किया कि ट्रंप के बारे में उनके हालिया बयानों ने सीमाएं लांघ दी थीं। उन्होंने लिखा, मुझे पिछले हफ्ते की गई अपनी कुछ पोस्ट्स पर अफ़सोस है। बात बहुत आगे बढ़ गई थी और ऐसा नहीं होना चाहिए था।

गौरतलब है कि मस्क ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि ट्रंप उनके सहयोग के बिना कभी चुनाव नहीं जीत पाते। यही नहीं, उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति पर कई गंभीर आरोप भी सोशल मीडिया के माध्यम से लगाए थे, जिससे अमेरिकी सियासी गलियारों में हलचल मच गई थी।

ट्रंप की प्रतिक्रिया और चेतावनी

मस्क की आलोचनाओं के जवाब में ट्रंप ने तीखा रुख अपनाते हुए उन्हें सरकारी सहयोग और सब्सिडी को लेकर चेताया था। ट्रंप ने स्पष्ट शब्दों में कहा था, मैंने एलन मस्क की कंपनियों को काफी समर्थन दिया है, लेकिन अब मैं उनसे बेहद निराश हूं। हमारे रिश्ते अच्छे थे, मगर अब नहीं कह सकता कि आगे भी रहेंगे।” इसके साथ ही ट्रंप ने इशारों-इशारों में यह भी जता दिया था कि भविष्य में मस्क की कंपनियों को मिलने वाले सरकारी अनुबंधों और लाभों पर पुनर्विचार किया जा सकता है।

ट्रंप ने दिखाई सख्ती

इस राजनीतिक तनातनी के बीच, अमेरिका के लॉस एंजिल्स शहर में अवैध प्रवासियों पर की गई कार्रवाई के विरोध में भड़के दंगों ने हालात और बिगाड़ दिए। राष्ट्रपति ट्रंप ने इन प्रदर्शनों को 'नियंत्रण से बाहर' बताते हुए सख्त कदम उठाए और 2,000 नेशनल गार्ड्स की तैनाती के आदेश दिए। उन्होंने राज्य सरकार से हालात पर माफी मांगने की बात भी दोहराई।    Elon Musk

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