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पाकिस्तानी ईमानदारी से मान रहे हैं कि कभी हम भी हिन्दु थे, खूब हो रही है चर्चा

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Pakistan News : पाकिस्तान एक कट्टर ईस्लामिक देश है। पाकिस्तान के अधिकतर लोग ईस्लाम धर्म को मानने वाले हैं। हाल ही के दिनों में पाकिस्तान में कुछ ऐसा हुआ है जो पहले कभी नहीं हुआ था। पाकिस्तान के ज्यादातर बुद्धिजीवी पूरी ईमानदारी से मान रहे हैं कि उनके पूर्वज भी हिन्दु ही थे यानि पाकिस्तानियों का कहना है कि कभी ना कभी वें सभी हिन्दु ही तो थे।

तारिक जमील ने पृथ्वीराज चौहान को माना अपना पूर्वज

पाकिस्तान के जाने-माने बुद्धिजीवी मौलाना तारिक जमील ने भारत के महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान को अपना पूर्वज बताया है। तारिक जमील के पृथ्वीराज चौहान को अपना पूर्वज बताने के बाद से पाकिस्तान में ज्यादातर मुस्लिम मान रहे हैं कि उनके पूर्वज तो हिन्दु ही थे। आपको बता दें कि पाकिस्तान के मौलाना तारिक जमील ने हाल ही में अपने पूर्वजों की बात करते हुए कहा कि उनके पूर्वज हिन्दू राजपूत थे। उनके पूर्वज पृथ्वीराज चौहान से जुड़ते हैं। पृथ्वीराज चौहान के बेटों में से एक सूफीज्म की ओर चले गये और मुसलमान हो गये। उनकी जो नस्ल चली, उसी में मौलाना तारिक आते हैं। मौलाना तारिक जमील के इस बयान की पाकिस्तान में काफी चर्चा है। पाकिस्तान के यूट्यूबर सुहेब चौधरी ने अपने चैनल रियल एंटरटेनमेंट के लिए ख्वाजा जमशेद से इस पर बात की है। इतिहास के जानकार ख्वाजा जमशेद ने कहा कि ये एक सच्चाई है क्योंकि इस्लाम के भारतीय उपमहाद्वीप में आने से पहले भी तो लोग थे। जाहिर वो लोग किसी दूसरे धर्म को मानते थे। जमशेद ने कहा कि पाकिस्तान बनाने के हामियों में से एक अल्लामा इकबाल ने खुद के पूर्वजों के ब्रह्राण होने की बात मानी था। उन्होंने कहा कि खुद मेरे पूर्वज 1700 के आसपास इस्लाम में आए तो क्या उससे पहले मेरा कोई पूर्वज नहीं था। जाहिर है जो थे वो हिन्दू थे और पंडित थे। यहां तक कि मक्का में भी मोहम्मद साहब के आने के बाद लोगों ने इस्लाम कबूला। ऐसे में ये तो बहुत साफ है कि हमारे में से ज्यादातर लोगों के पूर्वज कुछ सौ साल पहले मुसलमान नहीं थे।

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पाकिस्तान के इतिहास को गलत लिखा गया

सुहेब ने कहा कि मोहम्मद बिन कासिम को पाकिस्तान में हीरो कहा जाता है। किताबों में भी उन मशहूर लोगों को जगह नहीं दी जाती, जो मुसलमान नहीं है। इस पर ख्वाजा जमशेद ने कहा कि मोहम्मद बिन कासिम को पाकिस्तान में हीरो माना जाता है लेकिन हमारे बच्चों को क्यों उसे हीरो पढ़ाया जा रहा है। वो यकीनी तौर पर अरबों के लिए बेहतर हो सकता है लेकिन हमारे लिए तो राजा दाहिर हीरो हो सकता है। हम महमूद गजनवी ने लाहौर को जीता तो पूरे शहर को जलवा दिया था। हम उसे भी हीरो बनाकर पेश कर रहे हैं, ये पाकिस्तानियों की बड़ी दिक्कत है।

जमशेद ने कहा कि हमारे लिए तो इस मिट्टी में पैदा हुए लोग, पंजाब के बेटे हीरो हैं। राजा पोरस हो या भगत सिंह, ये हमारे हीरो हैं। ख्वाजा ने ये भी कहा कि पाकिस्तान बनने और मोहम्मद अली जिन्ना की मौत के बाद जिस तरह से मुल्क को मजहबी रंग दिया गया, वो एक भूल थी। जिन्ना ने तो कहा था कि किसी रियासत का मजहब नहीं हो सकता है। जब देश को मजहबी बना दिया गया तो फिर अवाम के दिमागों को भी बदलना था। इसीलिए इतिहास में कासिम और गजनवी को हीरो बनाने की कोशिश की गई। एक बड़ा समय, जिसमें मुसलमान अगर राजा नहीं हैं तो उनको किताबों से ही हटा दिया गया। इसी प्रकार की अनेक टिप्पणियां इन दिनों पाकिस्तान में की जा रही हैं। पाकिस्तान के ज्यादातर बुद्धिजीवी बोल रहे हैं कि हां यह सही है कि हम सबके पूर्वज हिन्दु थे।

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