USA News : अमेरिका (USA) से लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिक इन दिनों बहुत डरे हुए हैं। खासतौर से अमेरिका (USA) में स्थापित नेशनल एरोनॉटिक्स एण्ड स्पेस एडमिनिस्टे्रशन (नासा) के मुख्यालय में तैनात वैज्ञानिक ज्यादा डरे हुए हैं। अमेरिका (USA) के नासा समेत दुनिया भर के वैज्ञानिकों को पता चला है कि जल्दी ही दुनिया के आकाश (आसमान) में कुछ बहुत बड़ा होने वाला है।
क्या है पूरा मामला
अमेरिका (USA) के वाशिंगटन शहर में नासा का मुख्यालय स्थापित है। नासा अमेरिका समेत दुनिया भर की प्रतिष्ठित संस्था है। दरअसल धरती पर नजर रखने वाले नासा के तीन उपग्रहों की उम्र पूरी हो गई है। लंबे वक्त से चल रहे ऑर्बिटर टेरा, एक्वा और ऑरा को जल्द ही बंद कर दिया जाएगा। एक हाथी जितने भारी ये उपग्रह अगले कुछ वर्षों में अंधेरे में चले जायेंगे, लेकिन कोई नहीं जानता कि ऐसा कब होगा।
ये धीरे-धीरे अपनी ऊंचाई खो रहे हैं। यह एक ऐसा पल है जिससे वैज्ञानिक डर रहे हैं। दो दशकों से भी अधिक वक्त से ये उपग्रह पृथ्वी पर नजर रखे हुए हैं। जो उम्मीद से भी अधिक है। इनसे मौसम की टेरा भविष्यवाणी करने, जंगल की आग का प्रबंधन करने, तेल रिसाव की निगरानी करने और बहुत कुछ करने में मदद मिलती है।
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इसके बाद वैज्ञानिकों को बदलती जा रही पृथ्वी के बारे में अपने नजरिए को परखने का समाधान खोजने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। लेकिन अब इन उम्र उन पर हावी हो रही है। ये जल्द ही अपना आखिरी प्रसारण भेजने के साथ पृथ्वी पर धीमी रफ्तार से गिरना शुरू कर देंगे। उपग्रहों के बंद होने के साथ ही इनका इकट्ठा किया गया अधिकांश डेटा भी खत्म हो जाएगा। इनकी जगह लेने वाले नए उपग्रह सारा डेटा नहीं ले पाएंगे। शोधकर्ताओं को या तो अपनी सटीक जरूरतों को पूरा न कर सकने वाले वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भर रहना होगा या अपने रिकॉर्ड को जारी रखने के लिए नया रास्ता तलाशना होगा। इन उपग्रहों के इकट्ठा किए गए कुछ डेटा के साथ हालात और भी बदतर है, क्योंकि कोई अन्य उपकरण इसे इकट्ठा करना जारी नहीं रखा।
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