Tuesday, 30 April 2024

नौ अथवा 9 की संख्या में छुपा हुआ है बड़ा चमत्कार

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नौ अथवा 9 की संख्या में छुपा हुआ है बड़ा चमत्कार

                                                                                                                            प्रवीणा अग्रवाल

 

9 number ka mahatva : गिनती के सारे अंक ही महत्वपूर्ण है किंतु नौ अथवा नाइन का अंक चमत्कार से भरा हुआ है। 9 के अंक से जुड़े चमत्कार का पूरा विवरण आप यहां पढ़ेंगे। हमें पूरा यकीन है कि नौ यानि 9 से जुड़ा हुआ यह चमत्कारिक विवरण आपने ना तो पहले कभी पढ़ा होगा और ना ही कभी सुना होगा। तो आज जान लेते हैं 9 के अंक का चमत्कार।

9 number ka mahatva

नौ की जादुई संख्या और इसका रहस्यमय  संसार

अंक ज्योतिष के अनुसार 9 की संख्या अद्वितीय है। यह रहस्यमयी क्षमताओं से पूर्ण है तथा इसमें 1 से लेकर 8 तक के अन्य अंकों की ऊर्जा का समावेशन भी होता है। यह एक चक्र के पूरा होने को दर्शाता है। इसीलिए हिंदू धर्म में संख्या 9 को बहुमूल्य, पूर्ण, दोष रहित एवं पारलौकिक संख्या माना गया है।

“9” का अंक ब्रह्मांड की असीम ऊर्जा, उत्कृष्टता, आध्यात्मिकता एवं पूर्णता का प्रतीक अंक है, जो कभी न्यून नहीं होता और ना ही इसका क्षय होता है। अगर 9 के अंक का गुणा (multiply) किया जाए तो प्राप्त गुणनफल के अंकों का योग हमेशा 9 ही आता है जैसे कि

9×1=9

9×2=18 •••1+8=9

9×3=27•••2+7=9

9×4=36••••3+6=9  

9×5=45•••4+5=9

9×6=54•••5+4=9

9×7=63••••6+3=9

9× 8=72••7+2=9

9×9=81•••8+1=9

9×10=90•••9+0=9

यही नहीं 9 अंक से बनी हुई कोई भी संख्या हो 99, 999,9999,999999999999 या 9 का अंक कितनी भी बार आया हो, सभी का योग 9 ही आता है। नौ का अंक कितना महत्वपूर्ण है यह इन उदाहरणों से समझा जा सकता है कि ब्रह्मांड के ग्रहों की कक्षा 360 डिग्री की होती है जिसका मूलांक 9 है। श्रीमद् भागवत गीता में 18 अध्याय है जिसका मूलांक 9 है, महाभारत में 18 पर्व है जिनका मूलांक भी 9 होता है। यही नहीं राम जो कि अनादि और अनंत हैं उनका मूलांक भी 9 है। र वर्णमाला का 27वां वर्ण है तथा म वर्णमाला का 25वां वर्ण है।  र में आ की मात्रा का अंक 2 इस प्रकार 27+25+2=54 ••••5+4= 9 आता है। इसके अतिरिक्त नौ देवियां (नवदुर्गा) नवरात्र, नवधा भक्ति, नवग्रह, नवरस भी 9 अंक की महत्ता बताते हैं। ज्योतिष शास्त्र में 9वां घर बृहस्पति (गुरु) का होता है जो ज्ञान का प्रतीक है।  शिशु का जन्म भी 9 महीने में होता है।

नौ हमेशा नौ है अर्थात स्थायी है जो कि अमरत्व का द्योतक है। यही इसका सबसे बड़ा चमत्कार है।

[इस आलेख की लेखिका प्रवीणा अग्रवाल पूर्व प्रशासनिक अधिकारी तथा प्रसिद्ध चिंतक है]

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