उत्तर प्रदेश के वाराणसी में इस साल देव दीपावली पर काशी का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा, जब गंगा घाटों से लेकर तालाबों और कुंडों तक लाखों दीपों से पूरी नगरी जगमगाएगी। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और वाराणसी महोत्सव समिति ने मिलकर 10 लाख से अधिक मिट्टी के दीप जलाने की तैयारी की है, और दीप, तेल, तथा बाती का वितरण राजघाट से शुरू हो चुका है। इस आयोजन में काशी की दिव्यता और भव्यता को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक दोनों मंत्रमुग्ध हो जाएंगे।
Dev Deepawali 2025
20 सेक्टरों में बाँटा गया आयोजन क्षेत्र
उत्तर प्रदेश में गंगा के दोनों किनारों पर इस आयोजन को 20 सेक्टरों में बांटा गया है, और हर सेक्टर के लिए एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है ताकि सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सकें। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस बार देव दीपावली सिर्फ रोशनी का नहीं, बल्कि काशी की आत्मा को महसूस करने का पर्व होगा।
शंखनाद और डमरू से गूंजेगी काशी की दिव्यता
उत्तर प्रदेश में इस भव्य आयोजन की शुरुआत शंखनाद और डमरू की धुन से होगी, जो भगवान शिव की उपस्थिति और काशी की दिव्य ऊर्जा का प्रतीक बनेगी। इसके बाद, 'काशी-कथा' नामक 3-D शो प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें भगवान शिव-पार्वती विवाह, भगवान विष्णु के चक्र पुष्करिणी कुंड की कथा, भगवान बुद्ध के धर्मोपदेश, और संत कबीर एवं तुलसीदास की भक्ति परंपरा जैसे प्रसंग जीवंत होंगे। आधुनिक काशी और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की गौरवमयी यात्रा भी इस शो में दर्शाई जाएगी, जो दर्शकों को यह संदेश देगी कि "कण-कण में काशी और रस-रस में बनारस", यानी हर कोने में भक्ति और हर धड़कन में अध्यात्म बसता है।
‘काशी-कथा’ का 3-D शो और लेजर शो
उत्तर प्रदेश में देव दीपावली की शाम वाराणसी का आकाश रोशनी और भक्ति से भरा होगा, जब 25 मिनट का 'काशी-कथा' 3-D प्रोजेक्शन मैपिंग और लेजर शो आयोजित किया जाएगा। इस शो में काशी की दिव्यता, इतिहास और संस्कृति को आधुनिक तकनीक से जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। गंगा की महिमा, काशी विश्वनाथ की भक्ति और बनारस की परंपराएं दर्शकों के सामने शानदार दृश्यों के रूप में उभरेंगी। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण यह होगा कि यह पूरी तरह निःशुल्क होगा, जिससे हर श्रद्धालु और पर्यटक इसका लाभ उठा सकेंगे।
ग्रीन आतिशबाजी और लेजर शो से होगा आकाश रोशन
इस आयोजन में 8 मिनट का एक लेजर शो भी होगा, जो देव दीपावली की रात को और भी भव्य बनाएगा। 'काशी-कथा' शो रात 8:15, 9:00 और 9:35 बजे तीन बार प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि सभी दर्शक इसे देख सकें। इसके अलावा, श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के सामने रात 8:00 बजे 10 मिनट की पर्यावरण अनुकूल 'ग्रीन आतिशबाजी' का आयोजन होगा, जो बिना प्रदूषण फैलाए आकाश को दिव्य रंगों से भर देगा।
काशी की समृद्ध विरासत को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करना
इस पूरे आयोजन का मकसद काशी की समृद्ध संस्कृति, अध्यात्म और आस्था को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करना है। देव दीपावली केवल एक पर्व नहीं है, बल्कि वह अवसर है जब पूरी काशी अपने इतिहास, परंपरा और अध्यात्म की रोशनी में नहाती है। पर्यटन विभाग का मानना है कि यह कार्यक्रम न केवल देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि यह यह भी बताने का माध्यम होगा कि क्यों काशी को 'अनंत, अमर और अद्वितीय' कहा जाता है।
समारोह की तिथियां और समय
- तिथियां: देव दीपावली, 2025
- समय: रात 8:00 बजे से लेकर 9:35 बजे तक
- स्थान: गंगा घाट, वाराणसी