Baba Neem Karauli : क्या आप जानते हैं कि हनुमान भक्त व सदैव एक साधारण से कंबल में देखे जाने वाले “बाबा नीम करौली” इस वक्त दुनिया में इंटरनेट पर सर्वाधिक सर्च किए जाने वाले बाबा हैं। नीम करौली बाबा या “नीब करौरी” बाबा की गिनती दुनिया के प्रसिद्ध संतों में की जाती है। किन्तु शायद ही ऐसा कोई दूसरा संत हो जिसे इंटरनेट अथवा सोशल मीडिया पर इतनी प्रतिष्ठा मिली हो। आपको यह भी बता दें कि बाबा के भक्तों में दुनिया की सबसे बड़ी फोन कंपनी एप्पल के मालिक स्टीवन जॉन (Steven John), फेसबुक के मालिक मार्क जुर्कबर्ग (Mark Zurberg) और हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया रॉबटर्स (Hollywood actress Julia Roberts) जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।
Baba Neem Karauli
इंटरनेट दुनिया की जानकारी रखने वालों की मानें तो दुनिया भर में नीम करौली बाबा का नाम एकमात्र ऐसा नाम है जिसे प्रतिदिन करोड़ों यूजर्स सर्च करते हैं। इस दुनिया में न रहने के बावजूद बाबा दुनिया भर के भक्तों के लिए वरदान देने वाले बाबाओं में अग्रणी रूप में गिने जा रहे हैं। उनके भक्त दावा कर रहे हैं कि नीम करौली बाबा हनुमान जी के साक्षात अवतार थे। उनके समाधि स्थल पर जाकर कोई भी जो मांगता है उसे वह मिल जाता है।
कौन है नीम करौली बाबा ?
नीम करौली बाबा का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। लक्ष्मी नारायण शर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में सन 1902 में हुआ था। 17 वर्ष की उम्र में बालक लक्ष्मी नारायण को अलौकिक ज्ञान की सिद्धि प्राप्त हो गयी थी। उनके पिता का नाम दुर्गाप्रसाद शर्मा था। दुर्गा प्रसाद ने अपने पुत्र लक्ष्मी नारायण का विवाह 11 वर्ष की उम्र में ही कर दिया था। उनके दो पुत्र तथा एक पुत्री भी है। उनके बड़े बेटे अनेक शर्मा अपने पूरे परिवार के साथ इन दिनों भोपाल में रहते हैं। उनके छोटे बेटे धर्म नारायण शर्मा उत्तर प्रदेश में वन विभाग में सरकारी अधिकारी थे। लम्बी बीमारी के कारण उनका निधन हो चुका है। नीम करौली बाबा का निधन (शरीर त्याग) 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में हुआ था।
कैसे पड़ा नीम करौली नाम
इन बाबा का नाम नीम करौली कैसे पड़ा। यह एक दिलचस्प घटना है। बताया जाता है कि बाबा 1958 में अपना घर-बार छोडक़र साधु हो गए थे। साधु होकर वे देश भर में विचरण करते रहे। इस विचरण के दौरान कभी उनका नाम लक्ष्मणदास, कभी हांडीवाले बाबा और कभी तिकोनिया वाले बाबा पड़ा। गुजरात प्रदेश के मोरबी में भी उन्होंने कुछ दिन तपस्या की। यहां उन्हें तलैयावाले बाबा के नाम से जाना जाता था।
बड़ी रौचक है टिकट चेकर की कहानी
कहा जाता है कि एक बार बाबा रेल के प्रथम दर्जे में यात्रा कर रहे थे। उनके पास टिकट नहीं था। जब टिकट चैकर आया तो बाबा ने कहा कि मेरे पास टिकट नहीं है और न ही जुर्माना देने के लिए कोई धन है। टिकट चैकर की शिकायत पर रेल प्रशासन ने बाबा को नीम करौली नामक स्टेशन पर जबरन उतार दिया। कहते हैं कि बाबा पास में ही अपना चिमटा गाड़कर बैठ गए। बाबा को उतारने के बाद जब रेल को चलाने का प्रयास किया गया तो रेल एक इंच भी आगे नहीं बढ़ पाई। तमाम टेक्निकल प्रयास करने के बाद जब रेल नहीं चली तो आस-पास के रेल के उच्च अधिकारीगण घटनास्थल पर पहुंचे। कहा जाता है कि वहां के लोकल मजिस्ट्रेट बाबा के जानकार थे। उन्होंने तथा रेलवे के अन्य अधिकारियों ने बाबा से माफी मांगी तथा उन्हें सम्मानपूर्वक रेल में बैठाया। दावा किया जाता है कि बाबा के रेल में बैठते ही रेल चल पड़ी थी।
कहां है बाबा की समधि
बाबा नीम करौली की समाधि उत्तरांचल में नैनीताल के पास स्थित है। इस स्थान को कैंची धाम के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि बाबा नीम करौली वर्ष-1961 में पहली बार इस स्थान पर आए थे। उन्होंने अपने एक पुराने मित्र पूर्णानंद के साथ मिलकर यहां एक भवन (आश्रम) की स्थापना की थी। इसी स्थान पर नीम करौली बाबा की समाधि स्थल है। उनके भक्त कहते हैं कि बाबा की समाधि स्थल पर जो कोई जैसी भी मुराद मांगता है उसकी मुराद पूरी हो जाती है। कैंची धाम में हर वर्ष 15 जून को एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। यहां हनुमान जी का एक भव्य मंदिर भी बना हुआ है। बाबा नीम करौली को हनुमान जी का अवतार भी माना जाता है।
विराट और अनुष्का ने भी की है बाबा नीम करौली धाम की यात्रा
आपको बता दें कि नवंबर 2022 में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ कैंची धाम पहुंचकर बाबा नीब करौरी महाराज का आशीर्वाद लिया था। कोहली और अनुष्का ने कैंची धाम में एक घंटे से ज्यादा का वक्त बिताया था और दर्शन के बाद बाबा की प्रात:कालीन आरती में हिस्सा लिया था।
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