Monday, 14 October 2024

कब है Basant Panchami 2024 का शुभ मुहूर्त, इस पूजा विधि से करें मां सरस्वती को प्रसन्न

Basant Panchami 2024 : पंचांग के अनुसार हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी…

कब है Basant Panchami 2024 का शुभ मुहूर्त, इस पूजा विधि से करें मां सरस्वती को प्रसन्न

Basant Panchami 2024 : पंचांग के अनुसार हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान, विद्या, कला और वाणी की देवी माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना पूरे विधि-विधान से की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, वीणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान हो प्रकट हुई थीं। इस वजह से हर साल इसी दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी और देवी काली भी प्रसन्न होती है। ऐसे में आइए जानते हैं साल 2024 में बसंत पंचमी की शुभ तिथि और शुभ मुहूर्त कौन सा है?।

Basant Panchami 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त ?

पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी की शुरुआत 13 फरवरी की दोपहर 02 बजकर 41 मिनट पर होगी । जो अगले दिन 14 फरवरी 2024 दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर खत्म हो जाएगी। उदया तिथि 14 जनवरी के दिन पड़ रही है इसलिए इस साल बसंत पंचमा 14 फरवरी को मानई जाएगी। मान्यता है कि इसी दिन मां सरस्वती ने अपनी कृपा से संसार के सभी जीव-जंतुओं को वाणी के संग बुद्धि और विद्या प्रदान की थी।

सरस्वती पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है?

वहीं सरस्वती पूजन के लिए 14 फरवरी को सुबह 7 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक का शुभ मुहूर्त है। धर्म ग्रंथों में बताया जाता है कि बसंत पंचमी के दिन प्रेम के देवता कामदेव और उनकी पत्नि रति की भी उपासना की जाती है।

Basant Panchami 2024 की पूजा विधि

  • बसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान कर के पीले या सफेद रंग का वस्त्र पहनें। उसके बाद सरस्वती पूजा का संकल्प लें।
  • पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएं। फिर उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं।
  • इसके बाद पीले फूल, अक्षत, सफेद चंदन या पीले रंग की रोली, पीला गुलाल, धूप, दीप, गंध आदि उन्हे अर्पित करें।
  • इस दिन सरस्वती माता को गेंदे के फूल की माला पहनाएं। साथ ही पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
  • इसके बाद सरस्वती वंदना और मंत्र से मां सरस्वती की पूजा करें।
  • आप चाहें तो पूजा के समय सरस्वती कवच का पाठ भी कर सकते हैं।
  • आखिर में हवन कुंड बनाकर हवन सामग्री तैयार कर लें और ‘ओम श्री सरस्वत्यै नमः: स्वहा” मंत्र की एक माला का जाप करते हुए हवन करें।
  • फिर अंत में खड़े होकर मां सरस्वती की आरती करें।

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