Wednesday, 27 November 2024

भौम प्रदोष व्रत: मंगल दोष से मुक्ति का विशेष समय, जानें भौम प्रदोष की महिमा 

09 जनवरी, 2024, मंगलवार के दिन रखा जाएगा भौम प्रदोष व्रत. मंगलवार को रखा जाने वाला यह प्रदोष व्रत सभी प्रकार के सुखौं को प्रदान करने वाला होगा.

भौम प्रदोष व्रत: मंगल दोष से मुक्ति का विशेष समय, जानें भौम प्रदोष की महिमा 

bhaum pradosh vrat   : 09 जनवरी, 2024, मंगलवार के दिन रखा जाएगा भौम प्रदोष व्रत. मंगलवार को रखा जाने वाला यह प्रदोष व्रत सभी प्रकार के सुखौं को प्रदान करने वाला होगा.

भौम प्रदोष पूजा का अर्थ Pradosh Vrat puja प्रदोष पूजा के दिन शिवजी की पूजा एवं शिव परिवार की पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है. जिस दिन यह व्रत होता हे उसमें से मंगलवार के दिन आने वाला व्रत भौम प्रदोष नाम से जाना जाता है. मंगल के दिन भौम प्रदोष व्रत किया जाता है. मान्यता है कि जो व्यक्ति भौम प्रदोष व्रत करता है उस पर शिव भगवान की कृपा बनी रहती है.

kab hai bhaum pradosh vrat

भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि  

भौम प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए. भौम प्रदोष के दिन मंगल देव का पूजन भी विशेष रुप से किया जाता है. इस दिन प्रदोष की पूजा के साथ व्रत का संकल्प भी करते हैं. इसके साथ ही पूजा स्थल को अच्छी तरह से सजा कर भगवान मूर्ति या चित्र को स्थापित करते हैं. भगवान शिव जी के साथ समस्त शिव परिवार का पूजन विधि-विधान से किया जाता है. प्रदोष व्रत के दिन पूजन एव व्रत करना और भी अधिक फलदायी माना जाता है. प्रदोष पूजा के साथ ही इस दिन भगवान के मंत्रों का जाप करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं.

मंगल प्रदोष पूजा का विशेष फल और महत्व   

मंगलवार के दिन प्रदोष का समय मंगल दोष से मुक्ति प्रदन करता है. इस दिन मंगल देव का पूजन किया जाता है. जिन लोगों की कुंडली में मंगल का खराब या कमजोर प्रभाव हो तो उनके लिए भौ प्रदोष व्रत बहुत ही उत्तम होगा. भौम प्रदोष पूजा में शाम की पूजा विशेष होती है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार शाम का समय ही प्रदोष काल होता है.

प्रदोष काल में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने के बाद फलों से अपना व्रत खोलें, प्रदोष व्रत पूजा के दौरान नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही इस दिन पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इस दौरान शरीर और मन की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

भौम प्रदोष मंत्र और आरती 

bhaum pradosh vrat के दौरान शिव मंत्रों का जाप तो होता ही है इसके साथ ही भौम मंत्रों का जप विशेष होता है.

‘ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम। कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम।। ‘ धीमहि-तन्नो भौम: प्रचोदयात।

‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि! तन्नो रुद्रः प्रचोदयात”

bhaum pradosh vrat के समय पर भगवान के गायत्री मंत्र का जाप तथा मंगल मंत्रों का जाप करना उत्तम होता है. इस समय पर मंत्र जाप अत्यंत शुभ होता है.  इन मंत्र का जाप प्रदोष के दिन करने से अक्षय गुना फलों की प्राप्ति होती है.

आचार्या राजरानी

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