Chaitra Navratri 2023: मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली स्वरुप सातवां स्वरूप ‘कालरात्रि’ है। कालरात्रि यानी मां काली दुष्टों का नाश करने वाली। मां दुर्गा ने राक्षसों के संहार के लिए ही कालरात्रि रूप धारण किया था। कालरात्रि हाथ में खड़ग खप्पर लिए जब राक्षसों का संहार करती। उनकी गर्दन धड़ से अलग गिरती, तब मां कालरात्रि अटहास कर भर भर खप्पर खून पीती । जिसे देख आधे असुर वैसे ही मैदान छोड़ कर भाग जाते थे। आज भी एक बच्ची बड़े हो युवती बनते जब कुछ ठान लेती है तो वो फाईटर पलेन उडाने से लेकर मेट्रो रेल बस क्या नहीं चलाती।
Chaitra Navratri 2023 : नौ दिन संकीर्तन भजन नृत्य उत्सव और भंडारों का आयोजन
Chaitra Navratri 2023: चैत्र मास के इन्हीं नवरात्रि में भगवान राम जी अयोध्या में राजा दशरथ के घर अवतरित हुए थे। भगवान राम का सम्पूर्ण जीवन ही सभी को शिक्षा देता है। भगवान राम का मां सीता से विवाह आगे सीता का हरण और एक सिंगल मां की तरह अपने पुत्र – लव कुश को पालना। यह आज की महिला के लिए एक सशक्त उदाहरण है। भगवान राम के काल में जब एक एक राजा अनेकों राजकुमारियों से पानी ग्रहण करता था। कारण बहुत से होते थे अपने राज्य के विस्तार के लिए राज्य की शक्ति को बनाए रखने के लिए, दूर – दराज तक अपनी पताका फहराने के लिए या जो भी हों। लेकिन भगवान राम ने जब अपनी मां को सौतिया डाह झेलते हुए देखा तो उन्होंने बचपन में ही प्रण कर लिया था। वे जब भी विवाह करेंगे एक ही राजकुमारी से और सारी उम्र मर्यादित जीवन जिएंगे । एक ही पत्नी के स्वामी होकर। जब राजा दशरथ को भगवान राम की इस मंशा का पता चला कि राम अपने राज्य की ताकत स्वय बनेंगे। तब से ही राजा दशरथ ने राम की इस इच्छा का सम्मान करते हुए मन में उनको ही अयोध्या का उत्तराधिकारी बनाना तय भी कर लिया था।
हुआ भी वही सीता से स्वयंबर के बाद मिलन के पहले ही अभिवादन पर जब राम ने सीता से कहा था। अयोध्या में राम का अभिवादन राजकुमारी सीता को स्वीकार हो? तब ही सीता ने कहा था कि आर्य पुत्र आप तो इतने बहादुर राजा हैं। आज मैं अच्छी लगी हूं आप मुझ से विवाह कर मेरे स्वामी हैं । कल मुझसे अच्छी सुंदर राजकुमारी मिलेगी तो आप जरा भी विचार ना करेंगे और मेरे लिए मेरे ही सर पर दूसरी राजकुमारी भी ले आएंगे। तब राम ने अपने मुंह से यह कहा था कि ऐसा कभी भी नहीं होगा। सीते ! मैंने बचपन से ही एक ही विवाह का व्रत धारण किया है। और सारी उम्र उन्होंने इस व्रत को निभाया भी। शायद यही कारण है कि नवरात्रि का एक-एक दिन मर्यादा पुरुषोताम राम तथा माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा – अर्चना करते देश में उत्सव की तरह मनाया जाता है।
Chaitra Navratri 2023: हर शहर, हर मोहल्ले, हर ब्लॉक सेक्टरों में विभिन्न कीर्तन मंडलियां महिलाओं की या पुरुषों की या दोनों की जो भी बनी होती हैं । लगभग 9 ही दिन संकीर्तन भजन नृत्य उत्सव कर भंडारों का आयोजन करती हैं। यह समय बहुत अच्छे समाजवाद को भी बार-बार जन्म देता है। आस पड़ोस के लोग आपस में मिलते जुलते हैं। बैठते हैं । इस उत्सव में महिलाएं अपनी डायरियों से चुन – चुन कर एक से एक भजन गाती हैं। डांस करती हैं बच्चे इन कार्यक्रमों को सफल बनाने में अपने परिवार की भाभियों का माताओं का बहनों का सहयोग करते हैं यूं परिवार से तथा पड़ोस से जुड़ते हैं । इस उत्सव में महिलाएं अपनी डायरियों से चुन – चुन कर एक से एक भजन ढोलक मंजीरे की थाप पर गाती हैं। सास- बहु मिल- जुल कर घर के काम जल्दी 2 निपटाती हैं क्योंकि कीर्तन में जाना होता है। डांस करती हैं महिलाएं नवरात्रि के लिए ही मुख्यता पूरे साल भजनों का संग्रह तैयार करती हैं। उनकी डायरी में जो उनके भजन होते हैं उनके साथ – साथ नए और भजन शामिल करती हैं। और यह भी सच है कि यदि किसी महिला की डायरी खो जाए तो वो बहुत विचलित भी होती हैं। अपने अपने घर से प्रसाद में भी कुछ न कुछ लाती हैं । बच्चों की आपस में दोसतियाँ बढ़ती हैं। भंडारों के लिए सहयोग मांगना। फिर मिलकर बरताना सबको खिलाना। यह दुख, अकेलापन अवसाद को दूर भागा कर ले जाता है। आप सभी को मां कालरात्रि का सातवां नवरात्र बहुत-बहुत मुबारक हो आप कितने भी पढे – लिखे हैं ज्ञानी हैं फिर भी इन सामाजिक उत्सवों के प्रतिभागी अवश्य बनें और अकेले रहने से होने वाले तनाव से भी बचें।
अंजना भागी