Saphala Ekadashi 2024 Date : Parana Time, Puja Vidhi And Significance साल 2024 की पहली एकादशी तिथि रविवार के दिन सफला एकादशी के रुप में पूजी जाएगी. इस सफला एकादशी के दिन किया जाने वाला पूजन कर देता है जाने अंजाने में किए पापों का शमन. आइये जानें सफला एकादशी तिथि पूजा मुहूर्त एवं विधि विधान महत्व
सफला एकादशी 2024 तिथि और पूजा समय
इस वर्ष पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी 7 जनवरी 2024 को रविवार के दिन मनाई जाएगी. पौष माह में आने वाली यह एकादशी बेहद ही पुण्य प्रभावों को प्रदान करती है. इस एकादशी का पूजा समय एवं शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहने वाला है.
पौष माह के कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी तिथि का प्रारंभ 6 जनवरी 2024 को रात्रि 24:43 से होगा.
पौष माह के कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी तिथि का समापन 7 जनवरी, 2024 कि रात्रि 24:47 पर होगा.
पौष माह के कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी पारण का समय 8 जनवरी 2024 को सुबह 06:34 से आरंभ होकर 08:35 तक रहने वाला है.
पौष माह के कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी के लिए हरि वासर समाप्ति का समय 8 जनवरी, 2024 में 06:34 पर होगा.
सफला एकादशी पूजा विधान 2024
Saphala Ekadashi 2024 Date
भगवान विष्णु के पूजन का यह शुभ समय विभिन्न तरह के धार्मिक कार्यों द्वारा संपन्न होता है. इस दिन भक्तों को सभी सांसारिक सुखों का सुख भी प्राप्त होता है. सफला एकादशी 2024 की पूजा विधि में सर्वप्रथम कार्य एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करने से आरंभ माना गया है. इस दिन समस्त निवास स्थान को साफ सुथरा किया जाने के बाद स्वयं भी साफ स्वच्छा होकर साफ कपड़े धारण करने चाहिए.
इसके पश्चात पूजन सामग्री को एकत्रित किया जाना चाहिए. एक मंडप को निर्मित करना चाहिए. जिसमें लकड़ी का पटरा ले सकते हैं. तथा उस पर सुंदर लाल अथव पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति को अथवा चित्र को स्थापित करना चाहिए. भगवान के सामने देसी घी का दीया जलाना चाहिए. पीले रंग के फूलों की माला और तुलसी पत्र पूजा में अवश्य शामिल किया जाता है. पूजन में भगवान विष्णु जी की अरती एवं मंत्रों द्वारा पूजा करनी चाहिए. घर में निर्मित मिष्ठान एवं पंचामृत का भोग अर्पित करना चाहए.
सफला एकादशी 2024 पूजा महात्म्य और महत्व
इस साल आने वाली पौष माह की सफला एकादशी का दिन रविवार का होने के कारण यह दिन अत्यंत विशेष फलों को प्रदान करने वाला होगा. रविवार के दिन एकादशी का समय सूर्यनारायण के पूजन का भी समय होता है. सफला एकादशी के दिन सूर्य उपासना के साथ श्री विष्णु जी के निमित्त व्रत का पालन करने से पापों का नाश होता है. इस दिन धार्मिक कार्यों के साथ ही आध्यात्मिक रुप से जागरण का समय माना गया है. इस एकादशी के दिन को पवित्र एवं शुभ दिनों में से एक माना जाता है.
Saphala Ekadashi 2024 Date
इस दिन जहां प्रात:काल से ही सूर्य अराधना आरंभ होगी उसी के साथ भगवान विष्णु की पूजा का आरंभ होगा. इस व्रत को सभी भक्त बड़ी श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं. इस दिन भगवान विष्णु के अनेक रुपों की पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक कथा एवं इस एकादशी के महात्म्य के विषय में कहा गया है कि इस व्रत को करने वाला भक्त समत प्रकार के दोषों से मुक्त हो जाता है. इस सफला एकादशी के दिन उपवास रखने से जीवन के सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. व्यक्ति को बुरे कर्मों से छुटकारा मिलता है. इसी के साथ जाने-अनजाने में किए पापों का भी नाश संभव होता है.
आचार्या राजरानी