Saturday, 23 November 2024

गुरु गोबिंद सिंह जी सिख धर्म गुरु परंपरा के वो चमकते सितारे जिनके जीवन ने बदल दिया लाखों का जीवन  

गुरु गोबिंद सिंह जी गुरु परंपरा के चमकते सितारे जिनके जीवन ने बदल दिया लाखों का जीवन  

गुरु गोबिंद सिंह जी सिख धर्म गुरु परंपरा के वो चमकते सितारे जिनके जीवन ने बदल दिया लाखों का जीवन  

सिख धर्म  : Guru Gobind Singh Jayanti : सिख धर्म के गुरु गोबिंद सिंह की जयंती का उत्सव संपूर्ण भारत वर्ष के साथ साथ विश्व भर में मौजूद भक्तों के द्वारा भक्ति के साथ मनाया जाता है.

सिख धर्म की परंपरा के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद जी की जयंती का दिन अत्यंत विशेष समय होता है. इस दिन भक्त गुरुद्वारों में जाकर माथा टेकते हैं और अपने गुरुओं के प्रति क्षद्धा और समर्पण का भाव प्रकट करते हैं. सिख संप्रदाय में गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज की जयंती का पर्व जीवन के उन महान घटनाओं से रहा है जिसके द्वारा लोगों का जीवन बदल गया. भक्ति और विश्वास का अनोखा संगम इस दिन इतिहास के साथ वर्तमान के संदर्भ में सपष्ट रुप से देखने को मिलता है.

गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर पटना साहिब में होती है विशेष रौनक 

सिख धर्म के दसवें गुरु, गोबिंद सिंह जी का जन्म पटना में हुआ था उनके जन्म के साथ ही वह लोगों के लिए एक बड़ी प्रेरणा भी बने जिसके कारण लोगों को जीने का अर्थ पता चल पाया. त्याग एवं भक्ति की मिसाल बने गुरु गोबिंद सिंह जी. आज भी पटना साहिब गुरुद्वारा में उनकी जयंती के उपलक्ष्य पर विशेष आयोजन होता है. लाखों लोग उनकी जन्म स्थली के दर्शन करते हैं.

गुरु परंपरा की श्रेष्ठ मिसाल बने गुरु गोबिंद सिंह

गुरु गोबिंद सिंह जी के पिता गुरु तेग बहादुर जी थे और उनके बाद गुरु जी दसवें और अंतिम सिख गुरु बने. मुगल शासकों के अन्याय के खिलाफ लड़ते हुए उन्होंने सभी के समक्ष वह मिसाल पेश की जो सदियों तक सुनाई जाती रहेगी.

अज्ञा भाई अकाल की तभी चलायो पंथ सब सिखन को हुक्म है गुरु मान्यो ग्रंथ गुरु ग्रंथ. इन्हीं संदेश के साथ गुरु गोबिंद सिंह जी ने पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को सिख धर्म का स्थायी गुरु घोषित किया था.

गुरु गोबिंद सिंह जी के उल्लेखनिय कार्य जिनसे सभी का जीवन बना उत्तम 

बैसाखी के दिन गुरु गोबिंद सिंह को सिखों का दसवां गुरु घोषित किया गया.गुरु गोबिंद सिंह एक कवि और लेखक थे. सिख धर्म  के अनुरूप उन्होंने खालसा पंथ की भी स्थापना की. खालसा पंथ ने गुरु गोबिंद सिंह के मार्गदर्शन और देख रेख में आध्यात्मिक अनुशासन का सख्ती से पालन किया जिसका अनुसरण आज भी सिख धर्म के भक्तों द्वारा होता है. उन्होंने 1708 में अपनी मृत्यु से पहले गुरु ग्रंथ साहिब को सिख समुदाय के लिए स्थायी गुरु के रूप में घोषित किया था. इस दिन, लोग गुरुद्वारों में जाते हैं और गुरु गोबिंद सिंह की जयंती मनाते हैं.
आचार्या राजरानी

अदभुत किन्तु सत्य : मंदिर का शिवलिंग हर वर्ष एक इंच ऊपर और एक इंच नीचे बढ़ता है

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