Sunday, 19 May 2024

चैत्र नवरात्रि में करें दुर्गासप्तशती के सिद्ध मंत्र का जाप,हर बात होगी पूर्ण

Chaitra Navratri Siddhi Mantra चैत्र माह नवरात्रि के समय दुर्गा सप्तशति के जाप के साथ दुर्गासप्तशती मंत्रों के जाप को…

चैत्र नवरात्रि में करें दुर्गासप्तशती के सिद्ध मंत्र का जाप,हर बात होगी पूर्ण

Chaitra Navratri Siddhi Mantra चैत्र माह नवरात्रि के समय दुर्गा सप्तशति के जाप के साथ दुर्गासप्तशती मंत्रों के जाप को करने से होती हैं मनोकामनाएं पूर्ण. इस साल 09 अप्रैल 2024 से चैत्र माह के नवरात्रि का आरंभ होगा. ऎसे में इन नौ दिनों में किए जाने वाले मात अके नौ रुपों की पूजा के साथ नव मंत्रों का उपयोग भक्तों को चमत्कारिक रुप से फल देने वाला माना गया है. शास्त्रों के अनुसार इन नौ दिनों में आप मां दुर्गा की शक्ति का स्वरुप काफी जागृत अवस्था में होता है. ऎसे में नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा करने के साथ मंत्रों का जाप करके माता को शीघ्र प्रसन्न किया जा सकता है.

नवरात्रि पूजा में देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप फल chant the Beej Mantras of 9 forms of Goddess Durga

नवरात्रि के 9 दिन अत्यंत ही विशेष माने गए हैं. ये वो समय होता है जब प्रकृति में बदलाव की स्थिति बनी होती है. ऎसे में प्रकृति में होने वाला बदलाव संक्रमण काल का समय होता है. इस समय पर यदि जप तप एवं साधना के कार्यों को कर लिया जाए तो इनका विशेष फल प्राप्त होता है.

Chaitra Navratri Siddhi Mantra

यह मानसिक एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण से उत्तम असर दिखाता है. नवरात्रि का समय देवी दुर्गा को प्रसन्न करने का एक अत्यंत विशिष्ट अवसर होता है. इन नौ दिनों में भक्त मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करके यदि दुर्गासप्तशती के मंत्रों को पढ़ता है तो इसके प्रभाव से घर में सुख समृद्धि आती है. व्यक्ति को अपने कष्टों से मुक्ति मिलती है. आकस्मिक रुप से आने वाली समस्याएं स्वत: ही समाप्त होने लगती हैं. एसे में इस नवरात्रि आप सभी मां दुर्गा के इन  Chaitra Navratri Siddhi Mantra  का जाप करके लाभ उठा सकते हैं. आइये चेतना मंच के द्वारा जानते हैं मां दुर्गा के इन बीज मंत्रों के बारे में.

नवरात्रि 2024: मां दुर्गा के सिद्ध मंत्र

मां शैलपुत्री मंत्र 
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां ब्रह्मचारिणी मंत्र 
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां चन्द्रघण्टा मंत्र 
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां कूष्मांडा मंत्र 
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां स्कंदमाता मंत्र 
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां कात्यायनी  मंत्र 
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां कालरात्रि मंत्र 
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां महागौरी मंत्र 
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां सिद्धिदात्री मंत्र 
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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