भदोही। कलियुग में श्रीमद् भागवत महापुराण का श्रवण कल्पवृक्ष से भी बढ़कर है। कल्पवृक्ष मात्र अर्थ,धर्म और काम ही दे सकता है, मुक्ति और भक्ति नही दे सकता है, लेकिन श्रीमद् भागवत तो दिव्य कल्पतरु है। यह अर्थ, धर्म, काम के साथ साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीव को परम पद प्राप्त कराता है। कथा श्रवण से दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है। गोपीगंज क्षेत्र के अमवा में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा व लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का शुभारंभ करते हुए कथा व्यास भागवत मर्मज्ञ डाक्टर श्याम सुंदर पाराशर जी महाराज ने उक्त बातें कही।
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भीष्म और कुंती का स्तुति गान करते हुये कथा व्यास ने कहा कि श्रीमद् भागवत केवल पुस्तक नहीं साक्षात श्रीकृष्ण स्वरुप है। इसके एक एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाये हुये हैं।उन्होंने कहा कि कथा सुनना समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पूण्यादि कर्मो से बढ़कर है। धुन्धकारी जैसे शराबी, कवाबी, महापापी, प्रेतआत्मा का उद्धार हो जाता है। उन्होंने कहा कि भागवत के चार अक्षर इसका तात्पर्य यह है कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त त्याग, जो हमारे जीवन में प्रदान करे, उसे हम भागवत कहते है।
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इसके साथ साथ भागवत के छह प्रश्न, निष्काम भक्ति, 24 अवतार श्री नारद जी का पूर्व जन्म, परीक्षित जन्म, कुन्ती देवी के सुख के अवसर में भी विपत्ति की याचना करती है। क्योंकि दुख में ही तो गोविन्द का दर्शन होता है। जीवन की अन्तिम बेला में दादा भीष्म गोपाल का दर्शन करते हुये अद्भुत देह त्याग का वर्णन किया। साथ ही परीक्षित को श्राप कैसे लगा तथा भगवान श्री शुकदेव उन्हे मुक्ति प्रदान करने के लिये कैसे प्रगट हुये इत्यादि कथाओं का भावपूर्ण वर्णन किया।
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कथा के पूर्व सपत्नी मुख्य यजमान कलक्टर सुरेद्र नाथ मिश्र ने आरती पूजन कर कथा का शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व सांसद गोरखनाथ पाण्डेय, जिला पंचायत अध्यक्ष भदोही अनिरुद्ध त्रिपाठी, मिर्जापुर नगर विधायक रत्नाकर मिश्र, ब्रह्मदेव मिश्र, सुरेन्द्र नाथ मिश्र, पूर्व प्रमुख दिनेश सिंह, अंजनी शुक्ला, राम मोहन मिश्र जिला पंचायत सदस्य, भोले सिंह, लोहा सिंह बालदत्त पाण्डेय, कृष्ण कुमार खटाई, विरेद्र पांडेय आदि ने माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया।