Sharad Purnima 2024: आज देशभर में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है और इस दिन धन व वैभव प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है।शरद पूर्णिमा का पर्व बेहद खास है। दिवाली से पहले शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है। इस दिन को कोजागरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा भी कहते हैं। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ पृथ्वी पर अमृत वर्षा करता है और इस दिन माता लक्ष्मी धरती पर अवतरित भी हुई थीं।
शरद पूर्णिमा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी की समुद्र मंथन से उत्पत्ति शरद पूर्णिमा के दिन ही हुई थी। इसलिए इस तिथि को धन-दायक भी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और जो लोग रात्रि में जागकर मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं। वे उस पर अपनी कृपा बरसाती हैं और धन-वैभव प्रदान करती हैं। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ होता और पृथ्वी पर चारों चंद्रमा की उजियारी फैली होती है।
शरद पूर्णिमा पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि नदी में स्नान नहीं कर सकते तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब एक लकड़ी की चौकी या पाटे पर लाल कपड़ा बिछाएं और गंगाजल से शुद्ध करें। चौकी के ऊपर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें और लाल चुनरी पहनाएं। अब लाल फूल, इत्र, नैवेद्य, धूप-दीप, सुपारी आदि से मां लक्ष्मी का विधिवत पूजन करें। इसके बाद मां लक्ष्मी के समक्ष लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। पूजन संपन्न होने के बाद आरती करें। शाम के समय पुनः मां और भगवान विष्णु का पूजन करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।
इस उपाय से माता लक्ष्मी होंगी प्रसन्न
शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर विचरण करती हैं और उन घरों में प्रवेश करती हैं। जहां साफ सफाई हो और माता लक्ष्मी का पूजन कर रहा हो। इसलिए इस रात सफेद वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु के साथ महालक्ष्मी की पूजा अर्चना करें और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें और ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 108 बार जप करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन धान्य में वृद्धि करती हैं।
चंद्रमा की रोशनी में रखें खीर
शरद पूर्णिमा की रात महालक्ष्मी की विधिवत रूप से पूजा अर्चना करनी चाहिए और केसर युक्त खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रख दें। फिर खीर को सुबह उठा लें और पूरे परिवार में वितरण कर दें। चंद्रमा की किरणों से खीर में अमृत का संचार होता है। इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। Sharad Purnima 2024
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