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वैशाख दर्श अमावस्या के साथ भौमवती अमावस्या, कई योग बदल सकते हैं आपका जीवन

Vaishakh Bhaumvati Amavasya

Vaishakh Bhaumvati Amavasya

Vaishakh Bhaumvati Amavasya : वैशाख मास की अमावस्या तिथि को दर्श अमावस्या और वैशाख अमावस्या के रुप में पूजा जाता है। इस वर्ष वैशाख अमावस्या के लिए पितरों की पूजा हेतु विशेष समय 07 मई 2024, मंगलवार को होगा। इस दिन मंगलवार का समय होने के कारण यह दिन भौमवती अमावस्या के रुप में बहुत ही विशेष समय बन जाता है। इस दिन मंगल ग्रह की शुभता हेतु पूजन को उत्तम समय माना गया है।

इसी के साथ 08 मई 2024 को वैशाख अमावस्या का स्नान और दान से जुड़ा कार्य संपन्न होगा। इस कारण दो दिन अमावस्या का प्रभाव रहने वाला है। वैशाख मास की अमावस्या को अनेक नामों से भी जाना जाता है, यह दिन पितरों की पूजा के लिए भी विशेष माना जाता है।

वैशाख दर्श अमावस्या 2024 मुहूर्त समय

वैशाख  दर्श अमावस्या का समय 07 मई 2024, मंगलवार को मनाया जाएगा।
वैशाख दर्श अमावस्या तिथि आरंभ- 07 मई 2024 को 11:40 AM
वैशाख दर्श अमावस्या तिथि समाप्त – 08 मई 2024 को 08:51 AM

वैशाख दर्श भौमवती अमावस्या विशेष योग

इस वर्ष वैशाख अमावस्या के दिन ज्योतिष अनुसार कुछ विशेष योग बनेंगे जिसमें, मंगलवार का दिन दर्श अमावस्या के साथ योग बनाएगा. इस दिन वैशाख का पहला मंगलवार होगा. इस दिन मंगलवार का योग होना मंगल के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने वाला होता है. वैशाख दर्श अमावस्या के दिन अश्विनी नक्षत्र व्याप्त रहने वाला है और आयुष्मान योग भी रहेगा.

अमावस्या का दिन मंगलवार होने के कारण यह अमावस्या भौमवती अमावस्या के रूप में मनाई जाती है. इस दिन को जहां पितरों की पूजा, तर्पण के कामों हेतु तो अच्छा है साथ ही यह दिन मंगल देव की पूजा हेतु भी विशेष हो जाता है. अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा के साथ पितरों का तर्पण करने का संयोग बहुत शुभ रहेगा।

दर्श अमावस्या पर अनुष्ठान दिलाते हैं ग्रहों की शुभता

वैशाख दर्श अमावस्या का पर्व कई तरह के अनुष्ठान के साथ पूरा होता है, इस अमावस्या के दिन भक्त धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं और साथ में पवित्र नदियों पर स्नान दान अनुष्ठान के कामों को करके पुण्य फल पाते हैं.

दर्श अमावस्या के दिन विभिन्न प्रकार के अनुष्ठानों पूजा काम होते हैं. यह अमावस्या स्नान-दान के साथ पूरी होती है. इस दिन व्रत उपवास भी किए जाते हैं.

इस दिन नव ग्रहों की पूजा करने से ग्रहों की शांति होती है. इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है, बड़ के पेड़  की भी पूजा की जाती है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए हवन, दान पूजन आदि का आयोजन किया जाता है जिसके द्वारा पितर दोष जैसे नकारात्मक दोष दूर होते हैं.

ज्योतिषाचार्य राजरानी

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