Vinayak Chaturthi 2022 : हिन्दू कैलेंडर के अनुसार किसी भी माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत (Vinayak Chaturthi Vrit) होता है। इस समय पौष माह (Paush Month) का कृष्ण पक्ष चल रहा है, इसके शुक्ल पक्ष का प्रारंभ 3 जनवरी से होगा। ऐसे में नए साल 2022 की पहली विनायक चतुर्थी भी जल्द आने वाली है। पौष माह की विनायक चतुर्थी को वरद चतुर्थी भी कहते हैं।
विनायक चतुर्थी के दिन विघ्नहर्ता गणेश जी (Lord Ganesha) की विधि विधान से पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। विनायक चतुर्थी के दिन भूलवश भी चंद्रमा का दर्शन नहीं किया जाता है। यदि इस रोज आप चंद्रमा का दर्शन करते हैं, तो आप पर मिथ्या कलंक लग सकता है। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण पर सम्यन्तक मणि चुराने का आरोप लगा था। आइए जानते हैं कि नए साल की पहली विनायक चतुर्थी व्रत कब है, पूजा मुहूर्त एवं चंद्रमा के उदय का समय क्या है?
तिथि एवं पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 05 जनवरी को दोपहर 02 बजकर 34 मिनट पर हो रहा है। इसका समापन देर रात 12 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में विनायक चतुर्थी व्रत उदयातिथि की मान्यतानुसार 06 जनवरी को रखा जाएगा, क्योंकि 05 जनवरी को दोपहर से चतुर्थी शुरु हो रही है और रात 12 बजे के बाद 06 जनवरी में समाप्त हो रही है। व्रत, स्नान आदि के लिए उदयातिथि मान्य होती है, इसलिए विनायक चतुर्थी व्रत 06 जनवरी दिन गुरुवार को रखा जाएगा।
विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा दोपहर के समय में होती है। 06 जनवरी को गणेश पूजा के लिए आपको 01 घंटा 04 मिनट का समय प्राप्त होगा। विनायक चतुर्थी पूजा का मुहूर्त दिन में 11 बजकर 25 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक है।
विनायक चतुर्थी का व्रत करने और व्रत कथा का श्रवण करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। गणेश जी की कृपा से सभी कार्य सफल होते हैं। जीवन में सुख, समृद्धि के साथ सौभाग्य एवं शुभता में भी वृद्धि होती है।
यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी