Narad Jayanti 2024 : ज्येष्ठ माह का आगमन नारद जयंती पूजा के साथ शुरु होता है. देवर्षि नारद मुनि के जन्म समय को नारद जयंती के रूप में मनाया जाता है. पुराणों और लोककथाओं के अनुसार नारद मुनी जी को संसार में हर तरफ आवागमन करने का अधिकार प्राप्त था. इसी कारण नारद मुनी को एक विश्व का प्रथम पत्रकार या देव-दानवों एवं सभी के मुख्य सूचना स्रोत के रूप में जाना जाता है. इसी लिए उन्हें दुनिया का पहला पत्रकार भी कहा गया है.
नारद जयंती पूजन विशेष Shri Narad Muni Dev
शास्त्रों के अनुसार नारद पूजन द्वारा बुद्धि के साथ ज्ञान प्राप्ति का आशिर्वाद मिलता है. नारद मुनि के पास पाताल, पृथ्वी और स्वर्ग लोक से लेकर हर स्थान पर जाने की उनकी शक्ति थी. भगवान विष्णु के एक समर्पित भक्त के रुप में वह प्रथम स्थान भी पाते हैं. नारद मुनि के पास ब्रह्मा, पाताल और विष्णु लोकों के साथ-साथ मृत्यु लोक सहित ब्रह्मांड में कहीं भी यात्रा करने की शक्ति थी और इसी के साथ वह अपनी इस शक्ति द्वारा सभी सूचनाएं कहीं भी पहुंचा पाने में सक्षम थे.
नारद जयंती पूजन 2024
नारद जी की जयंती के दिन नारद देव जी का पूजन होता है तथा उनके पास वीणा जो संगीत वाद्ययंत्र होता है उसे भी इस दिन पूजा जाता है. संगीत का पूजन भी इस दिन किया जाता है जो भक्त को संगीत एवं कला के क्षेत्रों में शुभता प्रदान करता है. देवी देवताओं में वे एकमात्र ऐसे देवता थे जो अपने गुणों के द्वारा सभी के मध्य पूजनीय भी रहे हैं. नारद जी की पूजा द्वारा भक्त अपने जीवन के संकटों से मुक्त होता है. नारद जी की जयंती के दिन उत्साह ओर भक्ति की अलग ही धूम दिखाई देती है. नारद जी सभी देवी-देवताओं में पूजनीय रहे हैं. वह एकमात्र ऐसे देवता थे जो बौद्धिक गुणों से परिपूर्ण थे. विष्णु जी के परम भक्त भी थे, नारद जी अपने मुख से सदैव भक्ति की धारा ही बही है.
श्री नारद मुनि देव आरती
|| आरती ||
जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा,
स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा।
ज्ञान की वीणा बजाएं, सुर नारद मुनि,
भक्ति भाव से भरे, प्रेम की धूनी।
वीना वदना धारा चरण कमला,
ध्यान लगाए भक्ति में प्यारा।
जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा,
स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा।
नारायण नारायण, नारद मुनि की महिमा अप्राम्पर,
भक्ति भाव से जिसे छू जाए, मिल जाए परम धाम।
जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा,
स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा।
आरती की धूप, ज्योति तुम्हारी,
भक्ति भाव से भरपूर हमारी।
जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा,
स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा।
आचार्य राजरानी