एकादशी पर भूल से भी न करें ये गलतियां, जानें एकादशी के शास्त्रिय नियम

एकादशी के नियम एवं सिद्धांत
हर माह दो एकादशी तिथियां आती हैं जो पंचांग गंणना द्वारा निर्धारित होती हैं. शास्त्रों में एकादशी व्रत को बहुत महत्वपूर्ण और खास माना गया है. यह व्रत भगवान विष्णु के पूजन निमित्त होते होता है. एकादशी का व्रत करने से सभी प्रकार की नेगटिविटी समाप्त होती है, भय से मुक्ति मिलती है, मानसिकत जागृत्ति उत्पन्न होती है तथा जीवन में शुभ गुण फल की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि एकादशी का व्रत रखना विधि-विधान से पूजा करना नियमों के साथ इस दिन को व्यतीत करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. शास्त्रों में इसे वैकुंठ धाम की प्राप्ति के साथ मोक्ष की प्राप्ति के मार्ग हेतु उत्तम माना गया है. आइये जान लेते हैं एकादशी व्रत से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं. एकादशी के दिन कुछ ऐसे काम हैं जो हमें इस दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए. जान लेते हैं एकादशी के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं. Ekadashi Vrat Rulesएकादशी पर क्या करें और क्या न करें?
एकादशी व्रत के नियमों का आरंभ दशमी तिथि से ही आरंभ हो जाता है. दशमी तिथि से ही व्यक्ति को अपने आचार व्यवहार में शुद्धता को शामिल करना चाहिए. दशमी के दिन से ही ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए एकादशी के नियम आरंभ होते हैं. एकादशी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. एकादशी तिथि के दिन साफ स्वच्छ वस्त्र धारण करते हुए सूर्य उपासना करनी चाहिए. एकादशी तिथि का व्रत करने से पूर्व भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लिया जाता है. एकादशी तिथि के दिन यदि व्रत न कर पाएं तो फलाहार एवं सात्विक आहार करते हुए नियमों को धारण कर सकते हैं. एकादशी तिथि के दिन दोपहर में सोना, अपश्ब्द कहना, झूठ बोलना, क्रोध या छल कपट जैसी धारणा से बचना चाहिए. एकादशी तिथि के दिन मांस-मदिरा जैसी तामसिकता से दूर रहना चाहिए. एकादशी तिथि पर तुलसी को तोड़ना गलत होता है. दशमी तिथि पर ही तुलसी दल को एकत्रित कर लेना चाहिए. एकादशी तिथि पर चावल का उपयोग सेवन रुप में वर्जित होता है.एकादशी तिथि पर अवश्य करें ये कार्य
एकादशी तिथि के दिन श्री हरि का पूजन करना चाहिए. तुलसी माता का पूजन करना चाहिए. सात्विक शुद्ध आचारण को करना चाहिए. एकादशी के दिन तीर्थ स्थल में स्नान-दान करना शुभ होता है. एकादशी तिथि के दिन भागवत कथा पाठ करना एवं एकादशी कथा करना शुभ होता है. ज्योतिषाचार्य राजरानीकोई भ्रम नहीं, इस दिन रखा जाएगा वरुथिनी एकादशी व्रत,जानें पूजा मुहूर्त समय
ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।अगली खबर पढ़ें
एकादशी के नियम एवं सिद्धांत
हर माह दो एकादशी तिथियां आती हैं जो पंचांग गंणना द्वारा निर्धारित होती हैं. शास्त्रों में एकादशी व्रत को बहुत महत्वपूर्ण और खास माना गया है. यह व्रत भगवान विष्णु के पूजन निमित्त होते होता है. एकादशी का व्रत करने से सभी प्रकार की नेगटिविटी समाप्त होती है, भय से मुक्ति मिलती है, मानसिकत जागृत्ति उत्पन्न होती है तथा जीवन में शुभ गुण फल की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि एकादशी का व्रत रखना विधि-विधान से पूजा करना नियमों के साथ इस दिन को व्यतीत करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. शास्त्रों में इसे वैकुंठ धाम की प्राप्ति के साथ मोक्ष की प्राप्ति के मार्ग हेतु उत्तम माना गया है. आइये जान लेते हैं एकादशी व्रत से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं. एकादशी के दिन कुछ ऐसे काम हैं जो हमें इस दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए. जान लेते हैं एकादशी के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं. Ekadashi Vrat Rulesएकादशी पर क्या करें और क्या न करें?
एकादशी व्रत के नियमों का आरंभ दशमी तिथि से ही आरंभ हो जाता है. दशमी तिथि से ही व्यक्ति को अपने आचार व्यवहार में शुद्धता को शामिल करना चाहिए. दशमी के दिन से ही ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए एकादशी के नियम आरंभ होते हैं. एकादशी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. एकादशी तिथि के दिन साफ स्वच्छ वस्त्र धारण करते हुए सूर्य उपासना करनी चाहिए. एकादशी तिथि का व्रत करने से पूर्व भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लिया जाता है. एकादशी तिथि के दिन यदि व्रत न कर पाएं तो फलाहार एवं सात्विक आहार करते हुए नियमों को धारण कर सकते हैं. एकादशी तिथि के दिन दोपहर में सोना, अपश्ब्द कहना, झूठ बोलना, क्रोध या छल कपट जैसी धारणा से बचना चाहिए. एकादशी तिथि के दिन मांस-मदिरा जैसी तामसिकता से दूर रहना चाहिए. एकादशी तिथि पर तुलसी को तोड़ना गलत होता है. दशमी तिथि पर ही तुलसी दल को एकत्रित कर लेना चाहिए. एकादशी तिथि पर चावल का उपयोग सेवन रुप में वर्जित होता है.एकादशी तिथि पर अवश्य करें ये कार्य
एकादशी तिथि के दिन श्री हरि का पूजन करना चाहिए. तुलसी माता का पूजन करना चाहिए. सात्विक शुद्ध आचारण को करना चाहिए. एकादशी के दिन तीर्थ स्थल में स्नान-दान करना शुभ होता है. एकादशी तिथि के दिन भागवत कथा पाठ करना एवं एकादशी कथा करना शुभ होता है. ज्योतिषाचार्य राजरानीकोई भ्रम नहीं, इस दिन रखा जाएगा वरुथिनी एकादशी व्रत,जानें पूजा मुहूर्त समय
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