Tuesday, 21 May 2024

कोई भ्रम नहीं, इस दिन रखा जाएगा वरुथिनी एकादशी व्रत,जानें पूजा मुहूर्त समय  

Varuthini Ekadashi Vrat : इस वर्ष 3 या 4 कब रखा जाएगा वरुथिनी एकादशी व्रत? तो इस प्रश्न को लेकर…

कोई भ्रम नहीं, इस दिन रखा जाएगा वरुथिनी एकादशी व्रत,जानें पूजा मुहूर्त समय  

Varuthini Ekadashi Vrat : इस वर्ष 3 या 4 कब रखा जाएगा वरुथिनी एकादशी व्रत? तो इस प्रश्न को लेकर बिलकुल भी चिंता या भ्रम में नही रखें क्योंकि इस बार 4 मई 2024 के दिन वरुथिनी एकादशी का व्रत किया जाएगा. वरुथिनी एकादशी की सही डेट, शुभ मुहूर्त के लिए जानें इस साल 2024 की वरूथिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त, योग, पंचांग. वरुथिनी एकादशी का व्रत साल भर में आने वाली सभी एकादशियों में विशेष स्थान रखता है. वैष्णव संप्रदाय में एकादशी तिथि को मोक्ष प्रदान करने वाली तिथि के रुप में पूजा जाता है. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत करने पर अमोक्ष फल प्राप्त होते हैं.

वरुथिनी एकादशी व्रत से पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं

वैशाख माह में आने वाली वरुथिनी एकादशी कृष्ण पक्ष के दौरान मनाई जाती है. वरुथिनी का विशेष महत्व है. आपको बता दें कि पुराणों के अनुसार इसके महत्व को भगवान श्री कृष्ण स्वयं प्रकट करते हैं. साल में लगभग 24 एकादशियां आती ही हैं किंतु जब मल मास की स्थिति आती है तब इनकी संख्या में बदलाव होता है. हर महीने में दो एकादशियां भी आती हैं. शास्त्रों में दर्शाया गया है कि जो भक्त पूरे भक्ति भाव के साथ एकादशी व्रत रखता है वह भगवान विष्णु की कृपा को प्राप्त होता है. वरुथिनी एकादशी व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आइये जान लेते हैं वरुथिनी एकादशी महत्व और शुभ पूजा मुहूर्त़

वरूथिनी एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त 2024 

वरूथिनी एकादशी 04 मई 2024 को शनिवार के दिन मनाई जाएगी. वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारम्भ 03 मई, 2024 को रात्रि 11:24 पर होगा.  वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की समाप्ति 04 मई, 2024 को रात्रि 08:38 पर होगी. ऎसे में उदया तिथि अनुसार 4 मई को ही वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा. 5 मई को, वरुथिनी एकादशी पारण का समय होगा. पारण के लिए सुबह 05:37 बजे से 08:17 तक रहने वाला है.

वरुथिनी एकादशी पौराणिक महत्व 

पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष के दौरान आने वाली एकादशी तिथि के दिन Varuthini Ekadashi Vrat रखा जाता है.शुभ योगो से निर्मित इस एकादशी का व्रत संपूर्ण सुखों को प्रदान करने वाला होता है. शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर इस एकादशी के महात्म्य को भगवान श्री विष्णु से पूछते हैं और प्रभु से वैशाख कृष्ण एकादशी का क्या नाम, इसकी विधि एवं महत्व का प्रश्न करते हैं जिस पर भगवान मधुसूदन कहते हैं कि वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरूथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन को सौभाग्य प्रदान करने हेतु विशेष माना गया है. यह व्रत सभी पापों का नाश करता है. मोक्ष प्रदान करता है. इस प्रकार वरुथिनी एकादशी का व्रत भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करता है तथा शुभ जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. Varuthini Ekadashi Vrat
आचार्या राजरानी

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