<span style="color: #4c83f5">Stock Market: </span>:लाल निशान पर खुला शेयर बाजार, शुरुआत में निवेशकों को लगा झटका

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calendar29 Nov 2025 02:13 PM
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Stock Market: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) के पॉलिसी स्टेटमेंट से पहले निवेशकों के सतर्क रुख अपनाने को लेकर बुधवार को शेयर बाजारों की शुरुआत सुस्त हो गई है। BSE Sensex पर सुबह 09:20 बजे 15.04 अंक यानी 0.02 फीसदी की गिरावट करने के बाद 62,611.32 अंक के स्तर पर कारोबार जारी था। इसी तरह NSE Nifty पर 6.15 अंक यानी 0.03 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 18,636.60 अंक के स्तर पर कारोबार जारी था।

निफ्टी पर ये शेयर लुढ़के

NSE Nifty पर बुधवार को ओएनजीसी (ONGC) के शेयरों में सबसे ज्यादा 1.26 फीसदी, एनटीपीसी (NTPC) में 1.08 फीसदी, कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) में 0.99 फीसदी, टाटा मोटर्स (Tata Motors) में 0.90 फीसदी और विप्रो में 0.69 फीसदी की टूट के साथ कारोबार हो गया था।

निफ्टी पर इन शेयरों में हुई तेज़ी

NSE Nifty पर बुधवार को लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के शेयरों में सबसे ज्यादा 1.30 फीसदी, सिप्ला (Cipla), बीपीसीएल (BPCL), एशियन पेंट्स (Asian Paints) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) के शेयरों में सबसे ज्यादा उछाल देखने को मिल रही थी।
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CNG Rate : सीएनजी के जीएसटी में आने तक उत्पाद शुल्क घटाए सरकारः पारिख समिति

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calendar06 Dec 2022 10:40 PM
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CNG Rate : नयी दिल्ली। किरीट पारिख समिति ने सीएनजी को जीएसटी के दायरे में लाए जाने तक इस पर लगाए जाने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती करने का सुझाव केंद्र सरकार को दिया है। प्राकृतिक गैस की कीमत समीक्षा के लिए गठित पारिख समिति ने पिछले हफ्ते पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि संपीडित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाना चाहिए। समिति ने रिपोर्ट में कहा है, हमारा मत है कि इस मसले पर राज्यों के बीच सहमति बनाने की जरूरत है। इस मकसद को हासिल करने के लिए राज्यों को राजस्व में किसी भी तरह की क्षति के एवज में पांच साल तक मुआवजे का प्रावधान किया जा सकता है। सहमति बनाने की प्रक्रिया अब शुरू की जानी चाहिए। प्राकृतिक गैस के साथ कच्चे तेल, पेट्रोल, डीजल एवं विमान ईंधन एटीएफ को जुलाई, 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू होने के समय से ही इस एकीकृत कर प्रणाली से बाहर रखा गया है। हालांकि, सीएनजी पर पहले से लागू केंद्रीय उत्पाद शुल्क, राज्य वैट कर और केंद्रीय बिक्री कर अब भी बरकरार हैं। केंद्र सरकार सीएनजी पर 14 प्रतिशत की दर से उत्पाद शुल्क वसूलती है जबकि राज्यों में इस पर 24.5 प्रतिशत तक मूल्यवर्द्धित कर (वैट) लगा हुआ है।

CNG Rate :

पारिख समिति सीएनजी को भी जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में है लेकिन इसके लिए राज्यों की सहमति लेनी जरूरी होगी। गुजरात जैसे गैस-उत्पादक राज्यों को यह डर सता रहा है कि वैट एवं अन्य शुल्कों को जीएसटी में समाहित कर दिए जाने पर उन्हें राजस्व का बड़ा नुकसान हो सकता है। इस आशंका को दूर करने के लिए समिति ने सुझाव दिया है कि जीएसटी में सीएनजी को लाए जाने तक सरकार केंद्रीय उत्पाद शुल्क की दर में कटौती कर सकती है ताकि उपभोक्ताओं पर प्राकृतिक गैस की ऊंची कीमतों के बोझ को कम किया जा सके। दरअसल, सीएनजी को जीएसटी के दायरे में नहीं रखने से प्राकृतिक गैस कीमतों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इसकी वजह यह है कि कीमतों का निर्धारण गैस उत्पादक एवं आपूर्तिकर्ता ही करते हैं। किरीट पारीख समिति ने सीएनजी की कीमतों में कमी लाने के लिए घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस के लिए एक न्यूनतम एवं अधिकतम मूल्य तय करने का सुझाव भी सरकार को दिया है।

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Business अप्रत्याशित लाभ कर 2023 में धीरे-धीरे खत्म किया जाएगा: फिच

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calendar06 Dec 2022 10:29 PM
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Business: रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को कहा कि पेट्रोलियम कंपनियों पर लगाया गया अप्रत्याशित लाभ कर 2023 में कच्चे तेल के दामों में नरमी के बाद चरणबद्ध तरीके से खत्म कर दिया जाएगा।

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यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद ऊर्जा के दामों में वैश्विक स्तर पर हुई बढ़ोतरी से पेट्रोलियम कंपनियों को जो अप्रत्याशित लाभ हुआ है, उसपर सरकार ने एक जुलाई से नया कर लगा दिया था। यह कर घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के साथ-साथ पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन एटीएफ के निर्यात पर भी लगाया गया था।

अंतरराष्ट्रीय कीमतों के हिसाब से कर की दरों में हर पखवाड़े संशोधन किया जाता है। हालांकि, पेट्रोल के निर्यात पर लगने वाला कर खत्म कर दिया गया है।

फिच ने ‘एपीएसी तेल एवं गैस परिदृश्य 2023’ में कहा, ‘‘हमारा ऐसा मानना है कि सरकार ने 2022 में घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर जो अप्रत्याशित कर लगाया है, वह कीमतों में नरमी आने के साथ ही 2023 में धीरे-धीरे खत्म कर दिया जाएगा।’’

फिच ने अनुमान जताया कि ब्रेंट कच्चे तेल के दाम 85 डॉलर प्रति बैरल हो जाएंगे जो 2022 में 100 डॉलर प्रति बैरल थे। उसने आगे कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि पेट्रोलियम विपणन कंपनियों के मार्जिन में सुधार आएगा और 2022 में हुए घाटे की कुछ भरपाई हो सकेगी।’’

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड को चालू वित्त वर्ष में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किए जाने के कारण तिमाही-दर तिमाही घाटा उठाना पड़ा है।

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