Russia-Ukraine War: रूसी सेना की बड़ी सफलता, यूक्रेन को भारी नुकसान

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Russia-Ukraine War
locationभारत
userचेतना मंच
calendar13 Mar 2025 09:42 PM
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Russia-Ukraine War:  रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में एक बड़ा मोड़ आया है। रूसी सेना ने यूक्रेन के कुर्स्क क्षेत्र के सबसे बड़े शहर सुदजा पर कब्जा कर लिया है। यह यूक्रेन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इस कब्जे को लेकर रूस और यूक्रेन की सेनाओं के बीच भीषण लड़ाई हुई। इससे पहले रूसी रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि उसके सैनिकों ने सुदजा के उत्तर और उत्तर-पश्चिम में चार गांवों पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया है।

सुदजा पर कब्जे के लिए भीषण संघर्ष

अगस्त 2024 में एक बड़े सैन्य अभियान के तहत यूक्रेनी सेना ने सुदजा को अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसके बाद से यह क्षेत्र युद्ध का महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ था। हाल ही में रूसी सेना ने सुनियोजित रणनीति के तहत इस क्षेत्र पर पुनः कब्जा कर लिया है।

रूसी सेना की रणनीति

रूसी युद्ध ब्लॉगर्स के अनुसार, रूसी विशेष बलों ने एक रणनीतिक योजना के तहत गैस पाइपलाइन के अंदर कई किलोमीटर पैदल चलकर कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी सैनिकों पर पीछे से हमला किया। इस हमले में रूस को उत्तर कोरिया के कुछ सैनिकों का भी समर्थन मिला। इस तरह रूस ने अप्रत्याशित तरीके से यूक्रेन की सेना पर दबाव बनाया और उसे सुदजा से पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

अमेरिका की प्रतिक्रिया - ट्रंप की चेतावनी

इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को कड़ी चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा कि यदि रूस युद्धविराम से इनकार करता है, तो यह उसके लिए "विनाशकारी" साबित हो सकता है। अमेरिकी वार्ताकार रूस के साथ संभावित युद्धविराम को लेकर बातचीत करने के लिए तैयार हैं। यूक्रेन ने हाल ही में सऊदी अरब के जेद्दा में हुई वार्ता के दौरान अमेरिका के साथ 30 दिनों के युद्धविराम पर सहमति जताई थी। यह प्रस्ताव रूस को भी भेजा गया है, लेकिन अभी तक क्रेमलिन की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। Russia-Ukraine War  

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भारत भी बहुत जल्द अंतरिक्ष में स्टेशन स्थापित करेगा

Isro
ISRO Mission
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:09 AM
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ISRO Mission : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (स्पैडेक्स) मिशन के तहत दो उपग्रहों की सफल अनडॉकिंग करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह मिशन 30 दिसंबर 2024 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीक का परीक्षण करना था।

भविष्य में अंतरिक्ष में उपग्रहों की मरम्मत और ईंधन भरना होगा आसान

स्पैडेक्स मिशन में 'चेजर' (एसडीएक्स01) और 'टारगेट' (एसडीएक्स02) नामक दो छोटे उपग्रह शामिल थे, जिनका वजन लगभग 220 किलोग्राम था। पहले चरण में, चेजर उपग्रह ने टारगेट को सफलतापूर्वक डॉक किया था। अब अनडॉकिंग प्रक्रिया के दौरान, कैप्चर लीवर को रिलीज किया गया और डी-कैप्चर कमांड जारी किया गया, जिससे दोनों उपग्रह अलग हो गए। यह तकनीक पूरी तरह से भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई है, जो भविष्य में अंतरिक्ष में उपग्रहों की मरम्मत, ईंधन भरने और मलबा हटाने जैसी जटिल प्रक्रियाओं में सहायक होगी।

सफलता के बाद भारत बना चौथा देश

इस सफलता के साथ, भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बन गया है जिसने स्पेस डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीक में महारत हासिल की है। यह उपलब्धि भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों, जैसे कि 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और चंद्रयान-4, के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। भारत ने इस सफलता के बाद अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने का मार्ग पूरी तरह से प्रशस्त कर लिया है।

अंतरिक्ष में स्वदेशी तकनीक के विकास में आत्मनिर्भरता

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसरो को इस सफलता पर बधाई दी है और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वदेशी तकनीक को मजबूत करने का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि यह सफलता भारत को स्पेस सुपरपावर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। स्पैडेक्स मिशन की यह सफलता भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के साथ-साथ अंतरिक्ष में स्वदेशी तकनीक के विकास में आत्मनिर्भरता को भी प्रदर्शित करती है।

China : चीन का नया Ai,लॉन्च किया नया Ai ‘Manus AI’ असिस्टेंट टूल

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China : चीन का नया Ai,लॉन्च किया नया Ai 'Manus AI' असिस्टेंट टूल

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China
locationभारत
userचेतना मंच
calendar13 Mar 2025 07:36 PM
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China : चीन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए अपना नया एआई टूल 'Manus AI' लॉन्च कर दिया है। इससे पहले Deepseek AI ने टेक्नोलॉजी जगत में तहलका मचाया था, और अब Manus AI अपने उन्नत फीचर्स और क्षमताओं के चलते सुर्खियों में है।

AI की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव

पिछले कुछ वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। हर टेक्नोलॉजी कंपनी अपनी AI क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए नए-नए टूल्स लॉन्च कर रही है। Deepseek AI के बाद अब चीन का Manus AI टेक्नोलॉजी की दुनिया में छाया हुआ है। यह एक साधारण चैटबॉट से कहीं अधिक उन्नत और उपयोगी साबित हो रहा है।

Manus AI की खासियतें

Manus AI टूल को चीन की स्टार्टअप कंपनी Butterfly Effect ने विकसित किया है। इस कंपनी के को-फाउंडर यिचाओ पीक ने इसे 'मनुष्य और मशीन के नए युग' का प्रतीक बताया है। यह AI टूल विभिन्न कार्यों को पूरी दक्षता के साथ अंजाम देता है, जिसमें: (1) शेयर बाजार का विश्लेषण (2) टिकट बुकिंग (3) रिज्यूम फ़िल्टरिंग (4) पर्सनल गाइडबुक निर्माण Manus AI अन्य चैटबॉट्स की तुलना में अधिक स्वायत्त रूप से कार्य करता है। जहाँ Deepseek और ChatGPT केवल उपयोगकर्ता के प्रश्नों के उत्तर देते हैं, वहीं Manus AI स्वचालित रूप से डेटा का विश्लेषण कर निर्णय लेने में सक्षम है।

Manus AI की लोकप्रियता और पहुंच

इस टूल को फिलहाल इनवाइट-ओनली एक्सेस के तहत उपलब्ध कराया गया है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लॉन्च के कुछ ही समय में यह 1.7 लाख से अधिक यूजर्स तक पहुंच चुका है। Manus AI का नाम "Mens et Manus" से लिया गया है, जिसका अर्थ 'मन और हाथ' होता है। यह AI टूल सिर्फ टेक्स्ट आधारित उत्तर देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जटिल निर्णय लेने और डेटा विश्लेषण में भी विशेषज्ञता रखता है।

कैसे अलग है Manus AI?

सिंगापुर के एक रिसर्चर के अनुसार, Manus AI अन्य एआई टूल्स से काफी अलग है। इसका मुख्य अंतर यह है कि यह स्वायत्त रूप से कार्य कर सकता है, जबकि Deepseek और ChatGPT केवल यूजर द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब तक सीमित हैं।

Manus AI की प्रमुख विशेषताएँ

(1) स्वायत्त निर्णय लेने की क्षमता (2) तेजी से डेटा विश्लेषण (3) विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगिता (फाइनेंस, पर्सनल असिस्टेंस, HR, ट्रैवल बुकिंग आदि)

भविष्य में Manus AI का प्रभाव

AI तकनीक में यह नया कदम दुनिया भर में AI विकास की गति को और तेज कर सकता है। विशेष रूप से शेयर बाजार, कॉर्पोरेट सेक्टर, यात्रा, और व्यक्तिगत सहायक सेवाओं में इसका महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। China   

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