International News : भारतीय मूल के मलेशियाई नागरिक को डकैती के मामले में जेल और 12 कोड़े मारने की सजा

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International News : Malaysian citizen of Indian origin sentenced to jail and 12 lashes in robbery case
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calendar04 Jan 2023 05:42 PM
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International News : भारतीय मूल के एक मलेशियाई व्यक्ति को वर्ष 2014 में एक व्यक्ति से 6,24,000 से ज्यादा सिंगापुरी डॉलर लूटने और उसके बाद मलेशिया भागने के मामले में सात साल जेल और 12 कोड़े मारने की सजा सुनाई है। यह व्यक्ति अपराध को अंजाम देने के बाद मलेशिया में छिपकर रहने लगा था और आठ साल बाद उसे पकड़ा गया।

International News :

समाचार पत्र टुडे के अनुसार, मलेशिया निवासी सिवराम मोनियन को सामूहिक डकैती के मामले में मंगलवार को दोषी ठहराया गया। यह डकैती नौ लोगों ने डाली थी, जिसमें से सिर्फ सिवराम मोनियन को ही सजा नहीं मिल पाई थी क्योंकि आठ साल तक वह छिपा हुआ था। समाचार पत्र के अनुसार, अदालत ने बताया कि पीड़ित (35) उस समय गोल्डन वी2 नामक कंपनी में प्रबंधक था। उसका ससुर कंपनी का निदेशक था। मोनियन ने तचाना मूर्ति पेरोमल नामक व्यक्ति से वर्ष 2013 में 10,000 रिंगिट (3,019 सिंगापुरी डॉलर) का कर्ज लिया था। हालांकि शुरुआत में वह ऋण की किस्तें चुकाता रहा लेकिन बाद में वह ऐसा नहीं कर सका। अप्रैल 2014 में पेरोमल और सिवरुगु अर्मुगम नामक एक व्यक्ति ने गोल्डन वी2 के कूरियर से भेजी जा रही नकदी को लूटने की योजना बनाई। पेरोमल ने मोनियन से संपर्क कर उसे डकैती में शामिल होने के लिए कहा। उसने वादा किया कि ऐसा करने पर वह उसका पूरा ऋण माफ कर देगा। उसके राजी होते ही पेरोमल और बी बालाकृष्णन नाम के उसके अन्य साथियों ने डकैती के लिए और लोगों को भी योजना में शामिल किया। सितंबर 2014 में लगभग दो सप्ताह के अंदर बालाकृष्णन, सेकरन, पेरोमल और मारी सिंगापुर जाकर रमन से मिले और डकैती की योजना को अंतिम रूप दिया। योजना के अनुसार तय किया गया कि, रमन यूनस लिंक के पास बेडॉक रिजर्वायर रोड पर पीड़ित की कार पर नजर रखेगा जबकि मोनियन समेत पांच लोग डकैती को अंजाम देंगे। दो अन्य साथी पास में ही एक अन्य गाड़ी में बैठकर उनका इंतजार करेंगे और उन्हें निर्देश देंगे और अन्य साथियों से संवाद कायम रखेंगे। पांच नवंबर 2014 को पीड़ित अपने दो वर्षीय बेटे के साथ घर से निकला। वह कंपनी के कूरियर से नकदी उठाने के लिए गाड़ी से चांगी हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 की तरफ गया। खबर के अनुसार, लगेज बैग में 6,24,036 सिंगापुरी डॉलर व अन्य विदेशी मुद्राओं के साथ-साथ नोकिया के दो फोन थे। यह सामान तथा एक खाली बैग को लेने के बाद पीड़ित घर के लिए रवाना हो गया जहां रास्ते में वह डकैती का शिकार हुआ। जिला जज ल्यूक टैन ने पाया कि अपराध 2014 में किया गया था लेकिन मोनियन को मलेशिया में गिरफ्तार किया गया और पिछले साल जुलाई में उसे प्रत्यर्पित किया गया। उन्होंने कहा 'इससे पता चलता है कि उसके अंदर ग्लानि का भाव नहीं था।' इन सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद उन्होंने मोनियन को दोषी ठहराते हुए सात साल जेल व 12 कोड़े मारने की सजा सुना दी। सामूहिक डकैती के किसी भी दोषी को 20 साल तक की सजा सुनाई जा सकती है और 12 कोड़े मारने की सजा दी जा सकती है। गिरोह के अन्य सदस्यों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है।

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World Braille Day 2023- जानें वर्ल्ड ब्रेल डे का इतिहास और महत्व

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:37 PM
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World Braille Day 2023- क्या आप में से किसी ने भी ग्रैटिट्यूड प्रैक्टिस किया है। अगर नहीं तो प्लीज ट्राई करिएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हम इस भागदौड़ भरी जिंदगी में थैंक्स बोलना ही बोल जाते हैं और आभार ही व्यक्त नहीं कर पाते हैं। लेकिन बहुत ज़रूरी है आभार व्यक्त करना। जो भी आपके पास है वो सब एक उपहार है। आपके शरीर के जितने अंग है वो सब भी एक उपहार ही हैं। आप सबका आभार व्यक्त करें। क्या आपने कभी उन लोगों के बारे में सोचा है जिनके शरीर में कोई अंग खराब होता है या अंग होता ही नहीं है? हमें अपने शरीर के एक महत्वपूर्ण अंग का ज़रूर ही शुक्रगुजार होना चाहिए और वो हैं हमारी आंखें। इनकी वजह से हम सब कुछ देख पाने के काबिल हैं। लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जिनके पास आंखें ही नहीं है और वो देख नहीं सकते हैं। ऐसे लोगों को ही प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 4 जनवरी को ब्रेल डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को लुइस ब्रेल के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। लुइस ब्रेल वो व्यक्ति थे जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। ब्रेल लिपि के बारे में आप सब जानते तो हैं न? ब्रेल लिपि असल में दृष्टिबाधित लोगों के लिए होती है इसके माध्यम से नेत्रहीन व्यक्ति पढ़ सकते हैं।

वर्ल्ड ब्रेल डे को मनाने की शुरुआत-

ब्रेल डे (World Braille Day) को लेकर 6 नवंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया था। इसमें ये लिखा था कि हर वर्ष 4 जनवरी को लुइस ब्रेल के जन्मदिन के अवसर पर उनके सम्मान में ब्रेल डे मनाया जाएगा। इसके बाद से हर साल ये दिन दृष्टिबाधित लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस दिन को पहली बार 4 जनवरी, 2019 में मनाया गया था।

ब्रेल डे को मनाने का उद्देश्य-

इसका मुख्य उद्देश्य है लोगों में ब्रेल को लेकर जागरूकता फैलाना। साथ ही वर्ल्ड ब्रेल डे (World Braille Day) को इसलिए भी मनाया जाता है ताकि दृष्टिबाधित लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके और उन्हें उनके अधिकार प्रदान किये जा सकें। इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता क्योंकि इस दिन ब्रेल लिपि को बढ़ावा मिलता है।
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International News : और भी कड़े शब्दों का इस्तेमाल कर सकता था : जयशंकर

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locationभारत
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calendar01 Dec 2025 10:46 AM
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International News : विएना। सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में भूमिका के मद्देनजर पाकिस्तान को ‘आतंक का केंद्र’ करार देने संबंधी अपनी टिप्पणी पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि वह इससे भी कड़े शब्दों का इस्तेमाल कर सकते थे। उन्होंने कहा कि दुनिया को आतंकवाद को लेकर चिंतित होने की जरूरत है। पाकिस्तान को अक्सर ‘आतंकवाद का केंद्र’ बताने वाले जयशंकर ने आस्ट्रिया के राष्ट्रीय प्रसारक ‘ओआरएफ’ को साक्षात्कार के दौरान इसकी (आतंकवाद) निंदा नहीं करने को लेकर यूरोपीय देशों की आलोचना की जो दशकों से जारी है।

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जयशंकर ने कहा कि आप एक राजनयिक हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि आप बातों को घुमा फिरा कर कहें। उन्होंने कहा कि मैं ‘केंद्र’ से अधिक कड़े शब्दों का उपयोग कर सकता था। इसलिये विश्वास करें कि जो कुछ हमारे साथ घट रहा है, उसको देखते हुए केंद्र अधिक राजनयिक शब्द है। विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के लिये ‘आतंकवाद का केंद्र’ शब्द के उपयोग पर पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा कि यह एक ऐसा देश है जिसने कुछ वर्ष पहले भारत की संसद पर हमला किया, जिसने मुम्बई शहर पर हमला किया, जो होटलों और विदेशी पर्यटकों तक गया और जो प्रतिदिन सीमापार से आतंकवादियों को भेजता है।

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जयशंकर ने कहा कि अगर दिनदहाड़े शहरों में आतंकी अड्डे चल रहे हों, भर्तियां एवं वित्त पोषण हो रहा हो। तब वास्तव में आप बतायें कि क्या पाकिस्तान की सरकार को इसकी जानकारी नहीं होगी कि क्या हो रहा है? खासतौर पर तब जब सैन्य स्तर का प्रशिक्षण दिया जा रहा हो। उन्होंने कहा, ‘इसलिये जब हम फैसले और सिद्धांतों की बात करते हैं, तो यूरोप इसकी कड़ी आलोचना क्यों नहीं करता, जो दशकों से चल रहा है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या दुनिया को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंका से चिंतित होना चाहिए, इस पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि दुनिया को आतंकवाद के बारे में चिंतित होना चाहिए। मैं समझता हूं कि दुनिया को इस बात से चिंतित होना चाहिए कि आतंकवाद जारी है और अक्सर दुनिया कहीं और देख रही है। दुनिया अक्सर यह सोचती है कि यह उसकी समस्या नहीं है क्योंकि यह किसी दूसरे देश में घट रही है। जयशंकर ने कहा कि मैं सोचता हूं कि दुनिया को इस बात की चिंता करनी चाहिए कि वह कितनी गंभीरता एवं कितनी मजबूती के साथ आतंकवादियों की चुनौती को लेती है।

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गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को ऑस्ट्रिया के अपने समकक्ष अलेक्जेंडर शालेनबर्ग के साथ कई क्षेत्रीय और वैश्विक स्थितियों पर ‘खुली और सार्थक’ चर्चा की थी। दोनों पक्षों ने भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए प्रवासन एवं यात्रा सुगमता सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

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दो देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण में साइप्रस से यहां पहुंचे जयशंकर ने यह भी कहा था कि ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन और चांसलर कार्ल नेहमर सहित इस देश के नेताओं के साथ उनकी व्यापक बातचीत ‘हमारे संबंधों के साथ मौजूदा वैश्विक मुद्दों पर’ ऑस्ट्रिया के दृष्टिकोण को समझने में बहुत मूल्यवान है। पाकिस्तान का संदर्भ देते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि सीमा पार से होने वाले आतंकवाद को किसी एक क्षेत्र के अंदर सीमित नहीं किया सकता, खासतौर पर जब वह मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी तथा अंतरराष्ट्रीय अपराधों के अन्य स्वरूपों से गहराई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने किसी देश का नाम लिये बिना कहा था, ‘चूंकि इसका केंद्र (आतंकवाद) भारत के काफी करीब स्थित है तो स्वाभाविक तौर पर हमारा अनुभव दूसरों के लिये उपयोगी हो सकता है।’