Economical Crisis- श्रीलंका से पहले ये देश भी हो चुके हैं आर्थिक तंगी का शिकार, झेलनी पड़ी थी ये मुश्किलें

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श्रीलंका में आर्थिक संकट
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calendar29 Nov 2025 11:14 AM
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Economical Crisis- भारत के पड़ोसी मुल्क श्रीलंका (Sri lanka) में इस समय आर्थिक तंगी (Economical Crisis) के हालात चल रहे हैं। आलम यह हो गया है कि रोजमर्रा के जरूरत की चीजों के दाम भी आसमान की ऊंचाइयों को छू रहे हैं। लोग सड़कों पर आ चुके हैं लूटपाट की स्थिति बनी हुई है। श्रीलंका (Sri lanka) में इस समय हालात ऐसे हो गए हैं कि अनाज दूध जैसी जमीनी स्तर पर जरूरत के सामानों की कीमतें भी आसमान की ऊंचाइयों को छू रहे हैं। किल्लत इस तरह से बढ़ गई है कि हर एक दुकान के सामने लंबी लंबी लाइनें लगी है। बेसिक सामानों की बढ़ती कीमतों की वजह से लोग सड़क पर आ गए हैं और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हर जगह दंगे जैसे हालात हो गए हैं। सरकार द्वारा लिए गए गलत आर्थिक फैसलों सस्ते ब्याज व मुफ्त में दी जा रही स्कीमों की वजह से आज श्रीलंका में यह हालात पैदा हुए हैं। श्रीलंका के ऊपर 50 बिलियन डालर के करीब विदेशी कर्ज हो चुके हैं, जिसकी वजह से देश में आर्थिक संकट (Economical Crisis) के हालात पैदा हो गए हैं। खाने पीने में भी हो रही किल्लत लोगों को सड़क पर आने के लिए मजबूर कर रही है। सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। देश के प्रधानमंत्री को इस्तीफा भी देना पड़ गया है। श्रीलंका की स्थिति पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। श्रीलंका के सामने पहली बार इस तरह के आर्थिक संकट पैदा हुए हैं। श्रीलंका पहला ऐसा देश नहीं है जहां ऐसी आर्थिक समस्या उत्पन्न हुई है इससे पहले भी कई देश इस तरह की आर्थिक समस्या का सामना कर चुके हैं। आइए जानते हैं वह देश कौन से हैं जो श्रीलंका की तरह आर्थिक समस्या का सामना कर चुके हैं -

अर्जेंटीना (Argentina)

साल 2020 में अर्जेंटीना के हालात भी बहुत खराब हो गए थे। विदेशी निवेशकों ने एक साथ अपने पूरे रकम मांगने शुरू कर दिए। बैंक और वित्तीय संस्थाओं ने हाथ खड़े कर दिए। जिसकी वजह से देश की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब हो गई। इससे पहले साल 2001-2 में भी अर्जेंटीना में आर्थिक तंगी आ चुकी थी, जिससे संभलने में देश को काफी वक्त लगा था, जैसे ही हालात में थोड़े सुधार हुए एक बार सिर्फ देश के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई।

वेनेजुएला (Venezuela)-

साल 2017 में वेनेजुएला (Venezuela) देश में भी श्रीलंका जैसे हालात हो गए थे। देश के ऊपर विदेशी कर्ज काफी बढ़ गया था, जिसकी वजह से यहां की करेंसी की हालत बहुत बुरी हो गई थी। यहां के हालात इतने खराब हो गए थे कि एक कप कॉफी के लिए भी लोगों को 25 लाख बोलिवर की कीमत चुकानी पड़ती थी। दूधऔर अनाज जैसी बेसिक जरूरतों के लिए लोगों को बोरी बोरी भर के नोट देने पड़ते हैं।

ग्रीक (Greece)-

साल 2001 में ग्रीस (Greece) ने यूरो को अपनी करेंसी के रूप में अपनाया था जिसके बाद रातों-रात देश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई। इकोनामी लगातार गिरने लगी और साल 2004 तक पहुंचते-पहुंचते देश बड़े कर्ज में डूब गया। ग्रीस अभी इन हालात से लड़ ही रहा था कि साल 2008 में दुनिया भर में आई आर्थिक मंदी ने ग्रीस को और भी ज्यादा संकट में डाल दिया। देश को दिवालियापन से निकलने में कई साल लग गए।

आइसलैंड (Iceland)-

यूरोपीय देश आइसलैंड (Iceland) भी साल 2008 में फाइनेंसियल रूप से बहुत ही कमजोर हो गया था। देश के 3 बैंकों का लगभग 85 बिलियन डॉलर का कर्ज वापस नहीं आया। आर्थिक तंगी बढ़ने की वजह से लोगों की नौकरियां जाने लगी थी और देश में महंगाई आसमान को छूने लगेगी। यह स्थिति साल 2008 में विश्व भर में आई आर्थिक तंगी की वजह से हुई थी। आर्थिक मंदी की वजह से लोगों की नौकरियां छीनने लगी थी और इससे लोगो ने बैंक से जो कर्ज लिए थे वो वापस नहीं कर पाए। और देखते ही देखते देश के तीन बैंक दिवालिया हो गए। आइसलैंड को इस आर्थिक तंगी से निपटने में कई साल लग गए। साल 2013 में जाकर हालात कुछ सही हुए।

रूस (Russia)-

साल 1998 में रूस में भी दिवालियापन के हालात पैदा हो गए थे। इसकी शुरुआत साल 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद से शुरू हो गई थी। सोवियत संघ के विघटन के बाद उसपर लगातार कर्ज बढ़ने लगा, जिसकी वजह से साल 1998 में रूस में आर्थिक संकट पैदा हो गया। यहां पर शेयर बाजार (Share Market) पूरी तरह से क्रैश हो गया था। रूस की आर्थिक तंगी का असर एशिया, अमेरिका, यूरोप और बाल्टिक देशों पर भी हुआ था।
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मैक्सिको (Maxico)-

साल 1994 में मेक्सिको की सरकार ने डॉलर के मुकाबले अपनी करेंसी का 15% अमूल्यन किया जिसकी वजह से देश के हालात काफी बिगड़ गए थे। विदेशी निवेशकों में अफरा तफरी मच गई और उन्होंने मैक्सिको की मार्केट से अपने निवेश निकालने शुरू कर दिए। हालात इतने खराब हो गए कि देश पर 80 बिलियन डॉलर का कर्ज चल गया। अमेरिका, कनाडा और लैटिन अमेरिकी देशों द्वारा मेक्सिको को इस संकट से निकालने के लिए बेलआउट पैकेज दिया गया। तब जाकर मेक्सिको को इस आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिली। इन सब देशों के अलावा साल 1840 में अमेरिका देश इनके कुछ राज्यों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था। राज्य में नहरों के निर्माण के लिए कई प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की गई थी। इन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 80 मिलियन डॉलर का कर्ज लेना पड़ा था जिसकी वजह से देश के कई राज्यों में आर्थिक संकट की समस्या शुरू हुई थी और अमेरिका के 19 राज्य कर्ज के जाल में बुरी तरह से फंस गए थे।
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Nuclear Threat Ukraine: यूक्रेन में परमाणु हमले की आशंका, न्यूक्लियर वॉर ड्रिल अभ्यास

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calendar05 May 2022 05:19 PM
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Nuclear Threat Ukraine:  रूस-यूक्रेन जंग अब परमाणु युद्ध की ओर बढ़ सकती है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अपनी सेना को न्यूक्लियर वॉर ड्रिल के लिए अभ्यास करने का आदेश दिया है। यह घोषणा पश्चिमी समर्थक देश में मास्को की सैन्य कार्रवाई के 70वें दिन हुई, जिसमें द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे खराब शरणार्थी संकट में हजारों लोग मारे गए और 13 मिलियन से अधिक विस्थापित हुए।

Nuclear Threat Ukraine

हाल ही में रूस ने यूक्रेन पर 'किन्झॉल' हाइपरसॉनिक मिसाइल दागी। यह मिसाइल परमाणु और कन्वेंशनल दोनों तरह के हथियार ले जा सकती है। 2,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली यह मिसाइल परमाणु बम भी गिरा सकती है।

आपको बता दें कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले के बाद से दोनों देशों के बीच जंग जारी है। इस बीच, रूस की ओर से कई बार परोक्ष परमाणु हमले की चेतावनी दी जा चुकी है। बुधवार को यूरोपीय संघ के सदस्यों पोलैंड और लिथुआनिया के बीच स्थित बाल्टिक सागर पर स्थित रूसी सेना के ठिकाने पर युद्धाभ्यास के दौरान परमाणु हमले में सक्षम इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली के कृत्रिम इलेक्ट्रॉनिक लांच का अभ्यास किया गया। इस कृत्रिम अभ्यास में छद्म दुश्मन के कई ठिकानों पर हमले किए गए। इसके संभावित पलटवार से बचने के उपायों का भी परीक्षण किया गया।

परमाणु अभ्यास में हमले के कारण फैलने वाले विकिरण व रासायनिक असर का भी आकलन किया गया। इस अभ्यास में 100 से ज्यादा रूसी सैनिक व अफसर शामिल हुए। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले के बाद से ही अपने देश की परमाणु सेना को हाई अलर्ट पर रखा है। इस बीच गहराते संकट को देखते हुए कई बार रूस की ओर से तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाएं भी प्रकट की गईं।

उधर, रूसी रक्षा मुख्यालय क्रेमलिन ने कहा है कि यदि पश्चिम देशों ने यूक्रेन में दखल दिया तो तेजी से बदला लिया जाएगा। जानकारों का कहना है कि रूस के सरकारी चैनल हाल ही में कई बार देश के परमाणु अस्त्रों के उपयोग को लेकर जनता को अवगत करा चुके हैं।

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Vladimir Putin Cancer Surgery: युद्ध के बिच पुतिन को हुआ कैंसर, होगी सर्जरी, इस दोस्त के हातों में सौंपेंगे सत्ता

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Vladimir Putin Cancer Surgery
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calendar03 May 2022 07:50 PM
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Vladimir Putin Cancer Surgery: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन कैंसर की सर्जरी करवाने जा सकते हैं. इसके लिए अस्थाई तौर से वो देश की सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पैट्रुशेव (Security Council Secretary Nikolai Patrushev) को सत्ता सौंप सकते हैं. अमेरिका की New York Post की एक खबर में ये दावा किया गया है. पुतिन को कथित तौर से डॉक्टर्स ने कहा है कि उन्हें ऑपरेशन करवाना ही पड़ेगा. (Vladimir Putin Cancer Surgery) New York Post एक टेलीग्राम चैनल के हवाले से ये कहा जिसे पूर्व रूसी खुफिया एजेंसी सेवा के लेफ्टिनेंट जनरल चलाते हैं. समाचार एजेंसी ANI ने यह जानकारी दी है. इस पूर्वानुमानित सर्जरी और रिकवरी (Predictive surgery and recovery) के कारण पुतिन को "कुछ समय के लिए" सत्ता से हटना पड़ेगा. हाल ही के समय में पुतिन के बीमार से दिखने और सार्वजनिक तौर पर उनके अजीब व्यहवार करने का हवाला देते हुए New York Post ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति को कैंसर होने की अफवाह है और साथ ही उन्हें और भी कई शारीरिक दिक्कतें हैं, जिनमें पार्किंसन बीमारी (Parkinson's disease) भी शामिल है. हालांकि, एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स की पुष्टि नहीं की जा सकी. New York Post ने कहा, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को कहा, "मैंने ऐसा कुछ नहीं देखा है जिससे हम ऐसा कह सकें."  कुछ दिन पहले, पुतिन ने कथित तौर पर दो घंटे तक निकोलाई पास्ट्रुशेव (Nikolai Patrushev) के साथ, " दिल से बात की", New York Post ने एक टेलीग्राम पोस्ट के हवाले से यह कहा, "हम सब जानते हैं कि पुतिन ने संकेत दिया कि पास्ट्रुशेव को वो अपना एकमात्र विश्वस्नीय और दोस्त मानते हैं. इसके साथ ही, राष्ट्रपति ने वादा किया कि अगर उनकी सेहत बिगड़ जाए तो असल नियंत्रण अस्थाई तौर पर पैट्रुशेव के हाथ में चला जाएगा." पुतिन की कैंसर सर्जरी के बारे में दावा करने वाले टेलीग्राम चैनल के मालिक ने दावा किया है कि पेट्रुशेव पूरी तरह से बुरे हैं. वह व्लादिमिर पुतिन से बेहतर नहीं हैं. इससे बढ़कर वो और भी अधिक चालू हैं हैं और मैं कहूंगा कि और भी अधिक कपटी हैं. अगर वो सत्ता में आते हैं तो रूस की दिक्कतें कई गुणा बढ़ जाएंगी.  (Vladimir Putin Cancer Surgery)