Delhi Political News : आम आदमी पार्टी की पहुंच से दूर हैं पार्टी के 09 विधायक

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userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:53 AM
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New Delhi : नई दिल्ली। ऑपरेशन लोटस (Operation Lotus) के बाबत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों के साथ बैठक की। इसमें 9 विधायक (MLA) नहीं पहुंचे। बताया जाता है कि पार्टी हाईकमान (Party High Command) का उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में आप के पास 62 और भाजपा के पास 8 सीटें हैं। इससे सरकार पर फिलहाल कोई खतरा नहीं दिख रहा है। इस बीच, ऑपरेशन लोटस के फेल होने की बात कहकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बापू की समाधि स्थल राजघाट (Rajghat, the burial place of Bapu) गए और वहां मौन व्रत (A Vow of Silence) पर बैठे। बैठक के बाद आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार को कोई खतरा नहीं है। सरकार स्थिर है। जो विधायक नहीं आए हैं, वो अपने-अपने काम से बाहर गए हैं। भाजपा ने हमारे 12 विधायकों को पार्टी छोड़ने के लिए ऑफर दिया है। सौरभ ने बताया कि मीटिंग में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल भी नहीं पहुंचे हैं। सिसोदिया हिमाचल प्रदेश गए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि ऑपरेशन लोटस के फेल होने पर अरविंद केजरीवाल राजघाट जाकर वहां मौन व्रत रखेंगे। आप विधायक दिलीप पांडेय ने मीडिया को बताया कि बुधवार की शाम से ही कुछ विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। हम लगातार बात करने की कोशिश कर रहे हैं। सभी विधायक जल्द ही मीटिंग में पहुंचेंगे। भाजपा हमारे 40 विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। बुधवार को आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आप नेता संजय सिंह ने ऑपरेशन लोटस को लेकर खुलासा किया था। उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों को भाजपा ने ऑफर दिया। ऑफर यह था कि आप छोड़ने पर 20 करोड़ देंगे और दूसरों को साथ लाए तो 25 करोड़। संजय सिंह ने कहा, हमारे विधायक संजीव झा, सोमनाथ भारती, कुलदीप कुमार और एक अन्य विधायक को भाजपा ने पार्टी छोड़ने के बदले 20 करोड़ रुपये देने का ऑफर दिया है। संजय सिंह के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोमनाथ भारती भी थे। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों ने मुझे कहा कि आप के 20 और विधायक हमारे संपर्क में हैं। आबकारी नीति को लेकर दिल्ली में पहली बार 19 अगस्त को मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। यह छापेमारी करीब 14 घंटे तक चली थी, जिसके बाद सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद से ही आप केंद्र की सत्ताधारी दल भाजपा के खिलाफ मुखर है। मनीष सिसोदिया ने छापे के बाद कहा था कि भाजपा ने उन्हें आप छोड़ने और सीएम बनाने का ऑफर दिया था। वहीं, भाजपा ने जवाब में कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप से बचने के लिए आम आदमी पार्टी झूठ का माहौल बना रही है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बुधवार को कहा था कि मनीष सिसोदिया को जवाब देना होगा।
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UP News : पत्रकारों की प्रसिद्ध संस्था उपजा नए स्वरूप में हुई पुनर्गठित

Journalist 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Aug 2022 06:36 PM
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Lucknow : लखनऊ। पत्रकारों की प्रसिद्ध संस्था उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) नए स्वरूप में सामने आई है। अब इस संस्था का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट कर दिया गया है। कानूनी तौर पर नए सिरे से गठित संख्या का प्रदेश अध्यक्ष (State President) जाने-माने पत्रकार (Journalist) सर्वेश सिंह (Sarvesh Singh) को बनाया गया है। श्री सिंह ने कल राजधानी लखनऊ के शारदा नगर में आयोजित प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में अपना पदभार  ग्रहण कर लिया। सर्वविदित है कि उपजा में पत्रकारों का आपसी विवाद उत्पन्न हो गया था। इसी विवाद के चलते पत्रकारों की इस प्रतिष्ठित संस्था का पंजीकरण रदद हो गया था। कानूनी बाध्यता के चलते अब संस्था का नया पंजीकरण उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट के नाम से कराया गया है। इस नए पंजीकरण वाली संस्था में सर्वसम्मति से सर्वेश सिंह को अध्यक्ष, उपजा में महामंत्री रहे जुझारू पत्रकार राधेश्याम लाल कर्ण को महामंत्री, प्रयागराज मे वरिष्ठ पत्रकारा बाल मुकुंद को कोषाध्यक्ष बनाया गया है। नवनियुक्त अध्यक्ष सर्वेश सिंह ने चेतना मंच को बताया कि हम उपजा की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाएंगे। हम तकनीकी रूप से भी उपजा के उत्तराधिकारी हैं। हमारे पूर्वजों ने जो मार्ग दिखाया था, जो सिद्धान्त और आदर्श स्थापित किये थे, उन्हें ही आगे बढायेंगे। आज तकनीक का युग है, हम तकनीक के साथ आगे बढ़ेगें। इस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए कैसे प्रदेश भर के पत्रकारों के हित के कार्य हो सकते हैं, उस पर विचार करेंगे तथा संगठन को पुन: सुदृढ़ और सशक्त बनाएंगे। उन्होंने बताया उपजा का गठन 1965 में हुआ और पंजीकरण 16 मार्च 1966 को (2946) प्राप्त किया गया था तब केवल प्रिंट मीडिया ही हुआ करता था। आज मीडिया का विस्तार हुआ है, इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया भी है। हम इन सभी मीडिया के अंगों को समावेशित करने का प्रयास करेंगे। हम राष्ट्रीय संस्था नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजेआई) से संबद्ध हैं। एनयूजे के मार्ग दर्शन और राष्ट्रीय पदाधिकारियों के निर्देशन में प्रदेश की कार्यकारिणी पत्रकार हित के कामों में पूरी तरह से सफल होगी, ऐसा मुझे विश्वास है। श्री सिंह ने यह भी कहा कि मैं अपने उन सभी पुराने साथियों से जो गत दिनों विभिन्न कारणों से पृथक मार्ग पर चले गए थे, उन सभी का आह्वान करता हूं कि वे सभी पुन: हमारे साथ आयें और वैधानिक रुप से ट्रेड यूनियन एक्ट के तहत पंजीकृत इस यूनियन में आकर घर वापसी करें। हमारी किसी भी अन्य पत्रकार संगठन से कोई प्रतिद्वन्दिता नहीं है, प्रतिस्पर्धा भी नहीं है। सभी को पत्रकार हितों के लिए काम करना है, लक्ष्य एक ही है। इसलिए जब भी पत्रकारों के हितों के लिए अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर कोई संयुक्त फैसला लेना होगा, हम उसमें सबसे पहले सहभागी होंगे। मैं आशा करता हूं कि मुझे और मेरी कार्यकारिणी को सभी पत्रकार साथियों का पहले जैसा ही सहयोग, स्नेह और विश्वास प्राप्त होगा।
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UP News : राष्ट्र सापेक्ष पत्रकारिता को ध्येय बनाएं : सुभाष चन्द्र सिंह

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userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:42 AM
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Lucknow : लखनऊ। राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चन्द्र सिंह (Subhash Chandra Singh) ने कहा कि पत्रकारों को राष्ट्र सापेक्ष पत्रकारिता (Journalism) को ध्येय बनाना चाहिए। राष्ट्र सापेक्ष या राष्ट्र निरपेक्ष पत्रकारिता के द्वंद्व में न फंसते हुए राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखकर ही पत्रकारिता करनी है। आज मार्केट पत्रकारिता को प्रभावित कर रही है। हमें मार्केट आधारित पत्रकारिता से बचकर राष्ट्रीय दृष्टि को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। श्री सिंह यहां शारदा नगर के रजनी खंड स्थित आरबीएम बैंक्वेट हाल में आयोजित उत्तर प्रदेश एसोसिएशन आफ जर्नलिस्ट्स के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन को मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे। राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने कहा कि हम समाचार लिखते हुए यह अवश्य देखें कि इससे कहीं कोई राष्ट्रीय अहित तो नहीं होगा। उन्होंने नवोदित पत्रकारों से अपील की कि वे पढ़ने की प्रवृत्ति बनाये रखें। जो पढ़ा जाता है, वह लेखनी और वाणी दोनों में प्रकट होता है। पत्रकारिता के वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा करते हुए श्री सिंह ने कहा कि आज मीडिया में विश्वसनीयता का महासंकट है। लेकिन, संतोष की बात यह है कि प्रिंट मीडिया आज भी अपनी विश्वसनीयता को कायम रखने में सक्षम है। लोग समाचार पत्रों पर आज भी विश्वास कर रहे हैं। उसका कारण है चेक एंड बैलेंस का सिस्टम। यह सिस्टम आज भी प्रिंट मीडिया में विद्यमान है, क्योंकि वहां हमें समाचार को प्रकाशित करने के लिए चौबीस घंटे का समय मिलता है। इस कारण संपादक और उनकी टीम उसको मांझने का काम कर लेती है, तथ्यों की परख कर ली जाती है। जबकि इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया में समय की अभाव होता है। त्वरित प्रकाशन और ऑनएयर किये जाने के कारण चेक एंड बैलेंस के लिए समय ही नहीं होता है। श्री सिंह ने कहा कि आज पत्रकारिता का स्वरूप बदल रहा है। अब मीडिया का एक बड़ा हिस्सा सोशल मीडिया ने ले लिया है। आज सौ करोड़ लोगों के पास मोबाइल और स्मार्टफोन हैं, ये सभी पत्रकार हैं। एक तरह से सौ करोड़ पत्रकार काम कर रहे हैं। इन्होंने समाचार पत्रों, संस्थानों और इलेक्टानिक मीडिया संस्थानों के एकाधिकार को भी तोड़ा है, क्योंकि सभी सोशल मीडिया में सक्रिय हैं और कहीं से भी कभी भी अपनी खबर को प्रसारित करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रवादी सोच, राष्ट्रीवादी विचार के पत्रकारों को इस संगठन उत्तर प्रदेश एसोसिएशन आफ जर्नलिस्ट्स के माध्यम से सशक्त नेतृत्व मिला है। संगठनों में आपसी प्रतिस्पर्द्धा होना तो ठीक है, लेकिन दुश्मनी नहीं होनी चाहिए। सभी को पत्रकारों के संगठन के लिए काम करना है। चंडीगढ से पधारे नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) एनयूजेआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मलिक ने कहा कि समाज को जोड़ने की पत्रकारिता करनी है। हम समाज के प्रति ही प्रतिबद्ध हैं, यह भावना हमेशा समाज को जोड़ने वाली पत्रकारिता को बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि एनयूजे ने पत्रकारों के व्यावसायिक कार्यों को उच्चस्तर पर बनाये रखने और पत्रकारों के आचरण के लिए 1981 में ही आचार संहिता बना ली थी। इसे एनयूजे के आगरा में आयोजित चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन में जारी किया गया था। इसीलिए इस आचार संहिता को पत्रकारों का आगरा घोषणा पत्र कहा गया था। भोपाल से सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे राष्ट्रीय महासचिव सुरेश शर्मा ने कहा कि देश में न्यापालिका, विधायिका, कार्यपालिका और पत्रकारिता चार स्तंभ माने जाते हैं। हालांकि चौथे स्तंभ के रूप में हमें कहीं से वैधानिक मान्यता नहीं है, लेकिन माना जाता है और सर्वाधिक विश्वसनीयता भी इसी स्तंभ की है। जब सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को भी अपनी बात कहनी होती है, वे पत्रकारों को बुलाकर प्रेस वार्ता करते हैं। हम इन चारों स्तंभों को बड़े रूप में देखते हैं। जब हम इनके कार्यों की चर्चा और विचार करते हैं तो विशालता में देखना चाहिए। न्यायपालिका का विवेक विशाल होना चाहिए, कार्यपालिका के हाथ बड़े होने चाहिए, विधायिका का हृदय विशाल होना चाहिए और पत्रकारिता की दृष्टि विशाल होनी चाहिए। सम्मेलन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष त्रियुग नारायण तिवारी, राष्ट्रीय सचिव आभा निगम, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राजीव शुक्ला, हरेन्द्र चौधरी, फल कुमार, कार्यक्रम संयोजक बिलाल किदवई और जिलों से आये जिलाध्यक्षों, महामंत्रियों ने भी विचार व्यक्त किये। महामंत्री राधेश्याम लाल कर्ण ने संगठन के पंजीकरण और आगामी कार्ययोजना की जानकारी दी। अध्यक्ष सर्वेश कुमार सिंह ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। सूचना आयुक्त का अभिनन्दन कार्यक्रम में पत्रकारों ने राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चन्द्र सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मलिक, राष्ट्रीय महासचिव सुरेश शर्मा, राष्ट्रीय सचिव आभा निगम एवं चिकित्सक डा. रमेश श्रीवास्तव का अभिनन्दन किया गया। सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न एवं अंगवस्त्र भेंट किया गया। उत्तर प्रदेश एसोसिएशन आफ जर्नलिस्ट्स (पंजीकृत) के लिए कार्यकारिणी में सर्वेश कुमार सिंह (लखनऊ) को अध्यक्ष, राधेश्याम लाल कर्ण (रायबरेली) को महामंत्री तथा बालमुकुंद (प्रयागराज) को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही कार्यकारिणी में पांच उपाध्यक्ष, पांच मंत्री तथा कार्यकारिणी सदस्य हैं।