West Bengal : टीएमसी का मतलब आतंक, माफिया और भ्रष्टाचार : नड्डा

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West Bengal
locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 Feb 2023 09:31 PM
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West Bengal: पूर्बस्थली (पश्चिम बंगाल)। तृणमूल कांग्रेस (TMC) को ‘आतंक, माफिया और भ्रष्टाचार’ का पर्याय करार देते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को उस पर पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के क्रियान्वयन में ‘बड़े पैमाने पर’ अनियमितताएं करने का आरोप लगाया।

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टीएमसी के शासन में राज्य के ‘ठहर’’जाने का दावा करते हुए नड्डा ने कहा कि भाजपा ‘ममता बनर्जी के जंगलराज’ को खत्म करेगी।

उन्होंने कहा कि जब पीएमएवाई का ऑडिट किया जा रहा है तब बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आ रही हैं। इससे पता चला है कि जिन लोगों के पास तीन मंजिला-दो मंजिला मकान हैं, उन्हें इस योजना के तहत मकान मिले हैं। पश्चिम बंगाल में यह स्थिति है।

नड्डा ने यह भी कहा कि महिला मुख्यमंत्री होने के बाद भी पश्चिम बंगाल महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की सूची में ‘शीर्ष’ पर है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि टीएमसी यानी ‘टेरर’ (आतंक), ‘माफिया’ और ‘करप्शन’ (भ्रष्टाचार) है। पश्चिम बंगाल में सर्वत्र भ्रष्टाचार है। चाहे एसएससी भर्ती हो या किसी अन्य प्रकार की भर्ती, नौकरियां बेची जा रही हैं।

Assam News : बाल विवाह : असम में गिरफ्तारियों पर दो धड़ों में बंटा नागरिक समाज

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Assam News : बाल विवाह : असम में गिरफ्तारियों पर दो धड़ों में बंटा नागरिक समाज

Bal
Child marriage : Civil society divided into two factions on arrests in Assam
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:58 AM
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गुवाहाटी। असम में बाल विवाह में शामिल होने के आरोप में हाल में 3,000 से अधिक व्यक्तियों की गिरफ्तारी ने नागरिक समाज को दो धड़ों में बांट दिया है। एक वर्ग का कहना है कि महज कानून के बल पर इस समस्या को हल नहीं किया जा सकता है, जबकि कुछ का तर्क है कि कम से कम अब कानून पर चर्चा की जा रही है। इससे इस कुरीति पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

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असम में बाल विवाह में कथित संलिप्तता के लिए अभी तक 3,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वे अस्थायी जेलों में बंद हैं, जिसके कारण महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं और अपने परिवार के कमाने वाले इकलौते सदस्यों की गिरफ्तारी का विरोध कर रही हैं।

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मानवाधिकार वकील देबस्मिता घोष ने कहा कि एक बार शादी हो जाने के बाद कानून इसे वैध मानता है और ऐसी शादी से हुए बच्चों को सभी कानूनी अधिकार मिलते हैं। उन्होंने कहा कि कानून कहता है कि बाल विवाह तभी अमान्य है, जब वह व्यक्ति जिला अदालत में याचिका दायर करता है जो शादी के वक्त नाबालिग था। अगर याचिकाकर्ता नाबालिग है तो याचिका उसके अभिभावक के जरिए दायर की जा सकती है। घोष ने कहा कि अगर ऐसा व्यक्ति याचिका दायर करता है जो शादी के वक्त नाबालिग था तो यह उस व्यक्ति के बालिग होने के दो साल के भीतर दायर की जानी चाहिए। घोष ने कहा कि ज्यादातर गिरफ्तारियों में दंपति अब वयस्क होंगे और अगर उन्होंने अपनी शादी निरस्त करने क लिए कोई याचिका दायर नहीं की तो सरकार को उनकी निजी जिंदगी में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। प्रख्यात विद्वान मनोरमा शर्मा ने कहा कि बाल विवाह बंद होने चाहिए, लेकिन यह एक सामाजिक बुरायी है, कानून एवं व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है। सेवानिवृत्त प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और आजीविका के साधनों पर ध्यान देकर इसे खत्म किया जा सकता है, न कि अतीत में हो चुकी किसी घटना में कानून लागू करके। इसे भविष्य में सख्ती से लागू किया जा सकता है।

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बाल अधिकार कार्यकर्ता एम. दास क्वेह ने कहा कि राज्य सरकार निश्चित तौर पर एक मजबूत संदेश देना चाहती है कि बाल विवाह बंद होने चाहिए, लेकिन उसे ऐसी कार्रवाई के बाद होने वाले प्रदर्शनों पर ध्यान देना चाहिए। यूनिवर्सल टीम फॉर सोशल एक्शन एंड हेल्प (उत्साह) के संस्थापक क्वेह ने कहा कि पुलिस जब किसी बाल विवाह को रोकने की कोशिश करती है तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ता है। इस मामले में इतने लोगों को गिरफ्तार किया गया तो विरोध तो होना ही था। अभियान की बेहतर तरीके से योजना बनायी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह की समस्या को पूरी तरह खत्म करने के लिए एक दीर्घकालीन सतत अभियान की आवश्यकता है।

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सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए), 2006 के तहत कुछ सीमाएं हैं, जिसके तहत एक अदालत किसी अपराधी को दो साल की कैद की सजा सुना सकती है और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगा सकती है। क्वेह ने कहा कि कानून के अनुसार अगर लड़की और लड़का दोनों शादी के वक्त नाबालिग थे, लेकिन अब बालिग हैं तो उन्हें सजा नहीं दी जाएगी, बल्कि उनकी शादी कराने वाले वयस्कों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) कानून के तहत 14 साल से कम उम्र के बच्चों से शादी करने वालों के खिलाफ राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। साथ ही यह 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों और वयस्कों के बीच यौन कृत्य को अपराध की श्रेणी में डालता है। उन्होंने कहा कि पोक्सो कानून के तहत किसी वयस्क और एक नाबालिग के बीच कोई भी यौन कृत्य दुष्कर्म है। तस्करी तथा धोखे से शादी के मामलों में ही आपराधिक पहलू पर गौर किया जाएगा। असम राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एएससीपीसीआर) की अध्यक्ष सुनीता चांगकाकोटी ने दावा किया कि राज्य सरकार द्वारा सख्त संदेश दिए जाने के बाद अब लोग कानून पर चर्चा कर रहे हैं, जिसकी उनमें से कई लोगों को पहले जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि लोगों को अब मालूम है कि एक कानून के तहत बाल विवाह दंडनीय है। हमने उन जिलों में जागरूकता अभियान शुरू किए हैं, जहां बाल विवाह के अधिक मामले आते हैं और प्राधिकारियों से समाज में संदेश देने के लिए कुछ मामले दर्ज करने का कहा है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Tripura Elections : BJP की ‘डबल इंजन’ सरकार ही त्रिपुरा को ‘तिहरी मुसीबत’ से बचा सकती है: शाह

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Tripura Elections 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 Feb 2023 09:03 PM
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Tripura Elections 2023 : चांदीपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि त्रिपुरा आगामी राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, माकपा और टिपरा मोथा की "तिहरी मुसीबत" का सामना कर रहा है।

Tripura Elections 2023

शाह ने यह भी कहा कि त्रिपुरा में लंबे समय तक आदिवासियों को धोखा देने वाला वाम दल अब लोगों को ‘‘धोखा’’ देने के लिए एक आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश कर रहा है। उन्होंने यहां उनाकोटी जिले में एक रैली में कहा, ‘‘यदि आप इस ‘तिहरी मुसीबत’ से बचना चाहते हैं तो ‘डबल इंजन’ वाली भाजपा सरकार को वोट दें।’’ जितेंद्र चौधरी माकपा के शीर्ष आदिवासी नेताओं में से एक हैं और त्रिपुरा में वाम-कांग्रेस गठबंधन के सत्ता में आने की स्थिति में उन्हें मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। माकपा और कांग्रेस 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 16 फरवरी को होने वाले चुनाव में मिलकर लड़ रही हैं। शाह ने कहा कि कांग्रेस और वाम दल का एकसाथ आना इस बात का संकेत है कि उन्होंने चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हार मान ली है। केंद्रीय मंत्री शाह ने त्रिपुरा में गरीबों के लिए 2025 तक आवास का वादा भी किया।

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