सेक्स स्कैंडल के आरोपों में घिरे BJP आईटी सेल के प्रमुख

Amit Malviye
Amit Malviya Sex Scandal
locationभारत
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calendar10 Jun 2024 11:15 PM
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Amit Malviya Sex Scandal : बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, आरएसएस (RSS)  के एक वरिष्ठ पदाधिकारी शांतनु सिन्हा ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं के साथ यौन शोषण करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। शांतनु सिन्हा ने सोशल मीडिया के जरिए बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय पर कई संगीन आरोप लगाए हैं।

RSS के वरिष्ठ पदाधिकारी शांतनु सिन्हा ने लगाया पश्चिम बंगाल में महिलाओं के साथ यौन शोषण का

कांग्रेस ने की पद से हटाने की मांंग

आरोप लगाए जाने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेेत ने बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय पर निशाना साधा है और पूछा है कि क्या महिला आयोग इस मामले का संज्ञान लेगी " उन्होने कहा हमारी मांग है - RSS के वरिष्ठ पदाधिकारी के बयान पर BJP कार्रवाई करे - इस गंभीर मामले में निष्पक्ष जांच हो - जांच पूरी ना होने तक जिसपर यौन शोषण के आरोप है वह अपने पद से हटे - महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय महिला आयोग क्या कर रहा है?" Amit Malviya Sex Scandal   आपको बता दें कि कांग्रेस ने अमित मालवीय को उनके पद से हटाने की मांग करते हुए इस मामले में निष्पक्ष जांच करने की मांग की है । आपको बता दें कि शांतनु सिन्हा ने सोशल मीडिया के जरिए बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय पर कई संगीन आरोप लगाए हैं । उनके आरोप है कि अमित मालवीय पार्टी में पद देने के बदले महिलाओं का यौन शोषण करते हैं।

अमित मालवीय ने भेजा मानहानि का नोटिस

दूसरी तरफ अमित मालवीय ने भी शांतनु सिन्हा को 10 करोड रुपए का मानहानि का नोटिस भेजा है। अमित मालवीय की कानूनी टीम ने 8 जून को ही शांतनु सिन्हा को इस मामले में कानूनी नोटिस भेज दिया था। अमित मालवीय के द्वारा भेजे गए नोटिस में लिखा है कि कथित दुराचार के झूठे आरोपों की प्रकृति बेहद आपत्तिजनक है जो मेरे मुवक्किल की गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाती है। अमित मालवीय पर संघ परिवार के एक सदस्य द्वारा लगाए गए  गंभीर आरोपों से पश्चिम बंगाल समेत पूरी राजनीति में फिलहाल खलबली मच गई है।

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आखिर सोशल मीडिया पर क्यों वायरल हो रहा है 'All Eyes on Reasi'?

Jammu Kasmir
All Eyes on Reasi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 03:02 AM
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All Eyes on Reasi : आजकल सोशल मीडिया पर कुछ भी चीज वायरल हो जाती है, चाहे वह अच्छी है या बूरी। वहीं सोशल मीडिया पर 10 जून को 'All Eyes on Reasi' पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों ने शेयर किया है। ऐसे में यह देखकर कई लोगों के मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर यह पोस्ट इतनी शेयर क्यों की जा रही है।

All Eyes on Reasi

आपको बता दें कि All Eyes on Reasi' से पहले दक्षिणी गाजा (GAZA) के राफा (RAFAH) में हुई दुखद मौतों और हिंसा के खिलाफ सोशल मीडिया पर 'All Eyes on Rafah' पोस्य वायरल हुई थी। वहीं अब जम्मू-कश्मीर में हुए दुखद घटना के बाद 'All Eyes on Reasi' शेयर किया जा रहा है। ताकि लोगों तक मरने वालो की दर्द को बयां किया जा सके। इंटरनेट पर 'ऑल आईज़ ऑन रियासी' एक नारे की तरह छा गया है।

All Eyes on Reasi के बारे में

मिली जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में एक बस दुर्घटना हुई थी। यह बस दुर्घटना सामान्य नहीं थी। कहा जा रहा है कि यह एक आतंकवादी हमला है। खबरों के मुताबिक हमले की वजह से बस का नियंत्रण खो गया और बस गहरी खाई में गिर गई। के बाद बस का बैंलेस बिगड़ गया थ, जिसके कारण लोगों से भरी बस खाई में गिर गई। खाई में गिरी बस पर भी आतंकवादियों ने गोली बरसाई है। इस दुर्घटना से लगभग 9 लोग की मौत और कई घायल हुए हैं।

All Eyes on Reasi

कहा जा रहा है कि यह बस शिव खोरी से कटरा जा रही थी। आतंकवादी ने बस पर पोनी इलाके के तेरयाथ गांव के पास गोलीबारी की थी। दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस और भारतीय सेना ने एक्शन लिया और लोगों के बचने का काम शुरू कर दिया। अब सोशल मीडिया पर दुर्घटना की खबरें और फोटो वायरल हो रही है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस मामले की भागीदारी को लेकर भी सवाल उठाया है। वहीं, कई यूजर्स 'ऑल आईज ऑन राफा' ट्रेंड पर मिल रहे बॉलीवुड हस्तियों के समर्थन पर भी सवाल उठा रहे हैं जो कि 'All Eyes on Reasi' पर छुप बैठे हैं। All Eyes on Reasi

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कार्टून मामले में फंसी नेहा सिंह राठौड़ : ताकतवर लोगों के खिलाफ बोलने की लड़ाई आसान नहीं

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Neha Singh Rathore
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calendar10 Jun 2024 05:21 PM
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Neha Singh Rathore : मध्य प्रदेश में आरएसएस पर एक कार्टून पोस्ट करने के मामले में नेहा सिंह राठौड़ की मुश्किलें बढती नजर आ रही है। यूपी में का बा गाने से चर्चा में आई गायिका नेहा सिंह राठौड़ को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से झटका लगा है। हाई कोर्ट ने नेहा सिंह के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट के FIR रद्द करने से इनकार करने के बाद नेहा सिंह राठौर की प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर आई है । नेहा सिंह राठौड़ ने सोशल मीडिया पर लिखा है," एक दलित के ऊपर पेशाब किए जाने से भक्तों का मन उतना आहत नहीं हुआ जितना मेरे एक कार्टून शेयर करने से हो गया. एक दलित बच्ची के साथ उसके स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा बलात्कार किए जाने से ज़्यादा बुरा उन्हें इस घटना पर मेरा बोलना लग गया. किसी गरीब और कमजोर का मान-मर्दन और दमन आपको दुख नहीं देता लेकिन उसके दोषियों पर उँगली उठाना आपको बुरा लग जाता है. एक बात बहुत क़ायदे से समझ लीजिए… मेरे गीत और मेरी आवाज़ हमेशा कमजोरों के पक्ष में रहेगी. मुझे पता है कि ये लड़ाई आसान नहीं है और ताकतवर लोगों के ख़िलाफ़ बोलने में कोई फ़ायदा नहीं है…पर मैं फ़ायदे के लिए नहीं क़ायदे के लिए लड़ती हूँ."

क्या था मामला

RSS  की खाकी निकर से जुड़ा है मामला

दरअसल पिछले सााल Neha Singh Rathore पर आईपीसी की धारा 153 ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। यह एफआईआर उनके एक कार्टून पोस्ट करने पर की गई थी जिसमें एक व्यक्ति को अधनंगी अवस्था में फर्श पर बैठे दूसरे व्यक्ति पर पेशाब करते हुए दिखाया गया था। इस कार्टून में खाकी रंग का निकर भी जमीन पर पड़ा हुआ दिखाया गया था। यह मामला प्रवेश शुक्ला से जुड़ा हुआ था जो कथित तौर पर भाजपा का कार्यकर्ता है और दलित पर पेशाब करने के मामले में उसका नाम आया था ।

कार्टून मामले में फंसी नेहा सिंह राठौड़ 

नेहा सिंह राठौर के वकील ने एफआईआर रद्द करने की अपील की थी और तर्क दिया था कि आईपीसी की धारा 153ए के तहत उन पर कोई अपराध नहीं बनता है। हालांकि कोर्ट में इस दलील को स्वीकार नहीं किया। जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने पूछा कि नेहा सिंह राठौड़ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कार्टून में आरएसएस के खाकी निकऱ का जिक्र करते हुए विशेष विचारधारा की पोशाक क्यों जोड़ी, जबकि आदिवासी व्यक्ति के ऊपर पेशाब करने की आरोपी व्यक्ति ने वह पोशाक नहीं पहनी थी। हाई कोर्ट ने आगे कहा कि क्योंकि याचिकाकर्ता नेहा ने अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर इसे अपलोड किया कार्टून उस घटना के अनुरूप नहीं था जो घटित हुई थी।

कोर्ट का FIR रद्द करने से इनकार

आवेदक द्वारा अपनी मर्जी से कुछ चीज जोड़ी गई इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि आवेदक ने अभिव्यक्ति की आजादी के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करते हुए कार्टून अपलोड किया था । जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने कहा आवेदक नेहा सिंह राठौड़ के वकील ने स्वीकार किया था कि उनके द्वारा अपलोड किया गया कार्टून वास्तविक घटना के अनुरूप नहीं था और इसमें कुछ ऐसी पोशाक शामिल की गई जो घटना के समय आरोपी ने नहीं पहनी थी। कोर्ट ने कहा कि कार्टून में नेहा सिंह राठौड़ द्वारा विशेष पोशाक क्यों जोड़ी गई इस सवाल का निर्णय मुकदमे में किया जाना है। कोर्ट ने ये भी कहा कि विशेष पोशाक जोड़ना इस बात का संकेत था कि Neha Singh Rathore बताना चाहती थी कि आपराध विशेष विचारधारा से संबंधित व्यक्ति द्वारा किया गया था। इस प्रकार यह सद्भाव को बाधित करने और शत्रुता ग्रहण या दुर्भावना की भावनाओं को भड़काने का प्रयास करने का स्पष्ट मामला था। कोर्ट ने कहा कि मामले के तथ्य और परिस्थितियों की समग्रता पर विचार करते हुए की अदालत इस बात पर विचार करती है कि हस्तक्षेप करने के लिए कोई मामला नहीं बनता है।

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