नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से होता है महाकल्याण

Navratri 2024
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locationभारत
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calendar01 Dec 2025 11:37 PM
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Navratri 2024 : नवरात्रि का पर्व दुनिया का महापर्व है। नवरात्रि को नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रि के दौरान लगातार नौ दिनों तक आदि शक्ति दुर्गा माता की भक्ति की जाती है। नवरात्रि के प्रत्येक नौ दिन माँ दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा तथा अर्चना की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की भक्ति से भरा हुआ ग्रंथ दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से भक्त का महाकल्याण होता है। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के जाप से भक्त की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

नवरात्रि में जरूर करना चाहिए दुर्गा सप्तशती का पाठ

दुर्गा सप्तशती एक अद्भुत ग्रंथ है। नवरात्रि के दिनों में माँ दुर्गा की शक्ति में लीन भक्तों को दुर्गा सप्तशती का जाप जरूर करना चाहिए। जो भक्त नवरात्रि के अलावा सामान्य दिनों में भी दुर्गा सप्तशती का जाप करते हैं उन भक्तों के ऊपर अथवा उन भक्तों के परिवार के ऊपर कभी भी कोई कष्ट नहीं आता है। सामान्य दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने संभव नहीं हो पा रहा है तो दुर्गा माँ के भक्तों को नवरात्रि के पर्व में पूरे नौ दिन तक दुर्गा सप्तशती का पाठ करना सैकड़ों तीर्थ यात्रा करने से भी बड़ा फल प्रदान करता है। नवरात्रि के पावन पर्व के दौरान माँ दुर्गा की भक्ति से भरी हुई दुर्गा सप्तशती के पूरे इतिहास को हम यहां विस्तार पूर्वक बता रहे हैं।

कैसे हुई है दुर्गा सप्तशती की उत्पत्ति

नवरात्रि के पर्व में दुर्गा सप्तशती के पठन-पाठन के फायदे हमने आपको बताए हैं। नवरात्रि के शुभ अवसर पर दुर्गा सप्तशती की उत्पत्ति को भी आप यहां जान लीजिए। आपको बता दें कि महाभारत ने दुर्गा को यशोदा एवं नंद गोप की पुत्री 'नंदजा' बताया है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से महाभारत युद्ध में विजय के लिए दुर्गा स्तोत्र का पाठ करवाया है। गुप्तकाले के सम्राट चंद्रगुप्त प्रथम (305-325 ईस्वी) के सिक्कों पर सिंहवाहिनी देवी का चित्र है। कुषाण राजा कनिष्क के सिक्कों पर भी चंद्र एवं सिंह के साथ देवी का चित्र है। शूलपाणि का दुर्गोत्सव-विवेक, दुर्गापूजा- प्रयोगतत्व, विद्यापति की दुर्गाभक्ति-तरंगिणी, विनायक (नंद पंडित) कृत नवरात्र-प्रदीप और उदयसिंह द्वारा 15वीं शती में लिखी दुगोत्सव-पद्धति जैसे ग्रंथ इसी विषय पर लिखे गए हैं। इन सबके अलावा सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ है मार्कंडेय पुराण, जिसके 13 अध्यायों (78 से 90 तक) में 'देवी- माहात्म्य' वर्णित है। इन तेरह अध्यायों से बने स्वतंत्र ग्रंथ को ही दुर्गासप्तशती या चंडी पाठ कहते हैं। इन ग्रंथों के अतिरिक्त कालिका पुराण, बृहन्नन्दिकेश्वर पुराण एवं देवी पुराण में भी दुर्गा एवं उनकी पूजा का विशद वर्णन मिलता है। मार्कंडेय पुराण का आरंभ वेदव्यास के शिष्य जैमिनि द्वारा महाभारत के विषय में मार्कंडेय ऋषि से पूछे गए चार प्रश्नों के साथ होता है। पहला, निर्गुण परमात्मा वासुदेव ने मानव रूप क्यों धारण किया? दूसरा, द्रौपदी पांच भाइयों की पत्नी क्यों बनी? तीसरा है कि बलराम ने ब्रह्महत्या का प्रायश्चित्त केवल तीर्थयात्रा से ही क्यों किया? चौथा, द्रौपदी के पांच अविवाहित पुत्र अश्वत्थामा द्वारा क्यों मारे गए, जबकि उनके सहायक महान पांडव और स्वयं भगवान श्रीकृष्ण थे? मार्कंडेय इन प्रश्नों को सुनकर जैमिनि को विंध्याचल के बुद्धिमान पक्षियों के पास जाने की सम्मति देते हैं। इस प्रकार इन प्रश्नों के उत्तर पक्षियों द्वारा चौथे से सातवें अध्याय में दिए हुए हैं। पाश्चात्य विद्वान फ्रेडरिक ईडन पार्जिटर ने 1904 ईस्वी में मार्कंडेय पुसण का विद्वत्तापूर्ण अंग्रेजी अनुवाद किया था। वह लिखते हैं कि महाभारत में देवी के काली, भद्रकाली, महाकाली और चंडी नाम आए हैं, जबकि आठवीं शती के महाकवि भवभूति ने 'मालती-माधवम्' में देवी के लिए चामुंडा शब्द का प्रयोग किया है। सप्तशती का एक महिमाशाली श्लोक है- 'सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते ।।' यह श्लोक मार्कंडेय पुराण (88/9) में भी है और देवी भागवत (7/30/66) में भी। देवी की महिमा से भरा यह प्रसिद्ध श्लोक नागौर जिले में स्थित दधिमथी माता मंदिर के सभा   मंडप में लगे अभिलेख में है। गणना करने पर यह अभिलेख 608 ईस्वी का बैठता है। नवरात्रि के इस पावन पर्व में आप समझ गए होंगे कि माँ दुर्गा की भक्ति के लिए अवतरित हुई दुर्गा सप्तशती की उत्पत्ति कैसे और क्यों हुई है। नवरात्रि में इसी प्रकार की अनेक जानकारियां हम आपको देते रहेंगे।

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प्रशांत किशोर ने कर दिया बड़ा दावा, पार्टी भी बना दी

Prashant Kisor
Prashant Kishor
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Oct 2024 06:43 PM
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Prashant Kishor : जाने-माने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर पूरी तरह से राजनेता बन गए हैं। बुधवार को एक बड़े कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा कर दी है। प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने के साथ ही एक बहुत बड़ा दावा कर दिया है। प्रशांत किशोर के बड़े दावे को लेकर बिहार से दिल्ली तक राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है।

क्या है प्रशांत किशोर का बड़ा दावा?

राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बन गए प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा किया है। बड़ा दावा करते हुए प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि बिहार में उनकी पार्टी की सरकार बनते ही एक घंटे के अंदर बिहार प्रदेश के अंदर से शराबबंदी समाप्त कर दी जाएगी। प्रशांत किशोर के इस बड़े दावे के बाद इस मुद्दे पर राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। बिहार में महिलाओं के कुछ संगठनों ने प्रशांत किशोर की घोषणा की कड़े शब्दों में आलोचना की है। कुछ राजनेता प्रशांत किशोर के दावे को बचकाना दावा बता रहे हैं। इन सब आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच प्रशांत किशोर अपनी नव गठित पार्टी के काम-काज में जुट गए हैं।

प्रशांत किशोर की नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा

आपको बता दें कि राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने बुधवार को अपनी राजनीतिक पार्टी जन सुराज पार्टी के गठन की घोषणा की और बिहार का पिछड़ापन मिटाने का वादा किया। उन्होंने भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी मनोज भारती को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि भारती मार्च तक इस पद पर रहेंगे, उसके बाद संगठनात्मक चुनाव होंगे। पार्टी का गठन पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव, राजनयिक से राजनेता बने पवन वर्मा और पूर्व सांसद मोनाजिर हसन समेत कई प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति में किया गया। पार्टी का गठन किशोर के राज्य की 3,000 किमी से अधिक लंबी पदयात्रा शुरू करने के ठीक दो साल बाद हुआ। प्रशांत किशोर ने कहा, जन सुराज अभियान का उद्देश्य बिहार के लोगों को यह समझाना है कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व रोजगार के अवसर नहीं मिल पाए हैं, क्योंकि उन्होंने कभी इन मुद्दों पर वोट नहीं दिया। शायद कुछ लोग हमारा मजाक उड़ाएं और कहें कि हम पलायन रोकने जैसे वादे कैसे पूरे करेंगे, लेकिन हमारे पास एक खाका है। राज्य में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए हमें चार लाख करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत होगी। हम शराबबंदी कानून को खत्म करके पैसे जुटाएंगे, जिससे हर साल 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। मैं फिर से कहता हूं कि जन सुराज की सरकार आते ही एक घंटे के अंदर शराबबंदी खत्म कर दी जाएगी। Prashant Kishor

गांधी जयंती के मौके पर PM मोदी और CM योगी ने झाड़ू लगाकर दिया स्वच्छता का संदेश

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गांधी जयंती के मौके पर PM मोदी और CM योगी ने झाड़ू लगाकर दिया स्वच्छता का संदेश

Gandhi jayanti
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 03:35 PM
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Gandhi Jayanti : आज देशभर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जंयती मनाई जा रही है। गांधी जयंती के इस खास अवसर पर लोग आसपास के इलाके की साफ-सफाई करके स्वच्छता अभियान का संदेश दे रहे हैं। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलग-अलग जगहों पर झाड़ू लगाकर स्वच्छता अभियान का संदेश दिया। जहां PM गांधी जयंती के मौके पर राजघाट पहुंचकर बापू की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और स्वच्छता अभियान का हिस्सा बनकर युवाओं को इस अभियान का हिस्सा बनने का आग्रह किया, वहीं CM योगी उनके मंत्रिमंडल के अन्य मंत्रियों ने महात्मा गांधी की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर 'स्वच्छता अभियान' में भाग लिया।

PM ने क्या कहा?

बता दें कि 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर कई बड़े नेता बापू को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इसी बीच पीएम ने भी दिल्ली के राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम का वीडियो सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रहा है। पीएम ने अपने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा, ‘सभी देशवासियों की ओर से पूज्य बापू को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। सत्य, सद्भाव और समानता पर आधारित उनका जीवन और आदर्श देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणापुंज बना रहेगा’ यही नहीं पीएम मोदी गांधी जयंती के मौके पर स्वच्छता अभियान का भी हिस्सा बने। वह स्कूल के बच्चों के साथ सफाई अभियान में शामिल हुए और बच्चों के साथ मिलकर झाड़ू लगाई। इसके अलावा पीएम ने एक्स पर स्कूली बच्चों के साथ सफाई अभियान का हिस्सा बनते हुए भी तस्वीर शेयर कर लिखा है, ‘गांधी जयंती पर आज अपने युवा साथियों के साथ स्वच्छता आभियान का हिस्सा बना। मेरा आप सभी से आग्रह है कि आज आप भी अपने आसपास स्वच्छता से जुड़ी मुहिम का हिस्सा जरूर बनें। आपकी इस पहल से ‘स्वच्छ भारत’ की भावना और मजबूत होगी। उन्होंने स्वच्छता भारत के दस साल भी लिखा।

क्या बोले CM?

इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "आज पूरा देश महात्मा गांधी की जयंती मना रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर 'सेवा पखवाड़ा' कार्यक्रम, जो 17 सितंबर विश्वकर्मा जयंती और प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन से प्रारंभ हुआ, आज गांधी जयंती पर भी जारी है।" Gandhi Jayanti

गौतमबुद्धनगर में ‘जय हो सामाजिक संस्था’ गांधी जयंती पर करेंगे मौन उपवास

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